जिस समय पूरी कांग्रेस पार्टी भाजपा से सवाल पूछ रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कारोबारी गौतम अदानी का रिश्ता क्या है उसी समय अब यह सवाल पूछा जाने लगा है कि राहुल गांधी और अमेरिका के अरबपति कारोबारी जॉर्ज सोरोस का रिश्ता क्या है। यह विवाद खुद सोरोस ने खड़ा किया है, जिन्होंने म्यूनिख सिक्योरिटी कांफ्रेंस में गौतम अदानी के मसले पर बड़ा बयान दिया। भारत में लोकतंत्र समाप्त होने की बात कही। अदानी विवाद से नरेंद्र मोदी के कमजोर होने का दावा किया और उम्मीद जताई कि भारत में लोकतंत्र की वापसी होगी। इसे लेकर वैसे तो भाजपा और कांग्रेस दोनों ने सोरोस की आलोचना की है लेकिन भाजपा ने इस बात को मुद्दा बनाया है कि सोरोस भारत में प्रधानमंत्री मोदी, भाजपा और लोकतंत्र के खिलाफ अरबों डॉलर खर्च कर रहे हैं और वे भारत में एक कमजोर सरकार चाहते हैं।
इसी बहाने भाजपा नेताओं ने पूछना शुरू किया कि सोरोसा और राहुल का रिश्ता क्या है। इस मामले में किसी न किसी तरह से भाजपा के नेता तार जोड़ने में लगे हैं। वह तार जुड़ा है सलिल शेट्टी के राहुल गांधी के भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने से। सलिल शेट्टी को ज्यादातर लोग नहीं जानते थे और वे जब यात्रा में शामिल हुए थे तब भी ज्यादा चर्चा नहीं हुई थी। लेकिन सोरोस के बयान के बाद चर्चा में हैं। असल में सोरोस ने अपने चैरिटी के काम में सबसे ज्यादा फंडिंग ओपन सोसायटी फाउंडेशन को की है। यह फाउंडेशन पूरी दुनिया में ‘लोकतंत्र की मजबूती’ के लिए काम करता है। सलिल शेट्टी इसी फाउंडेशन के वाइस प्रेसिडेंट हैं। तभी भाजपा को यह कहने का मौका मिल गया है कि राहुल गांधी के जॉर्ज सोरोस के साथ संबंध हैं और दोनों का मकसद नरेंद्र मोदी की सरकार को कमजोर करना है।