जय वाजपेयी को इन पैसों के बारे में जानकारी है और यह भी कहा जा रहा है कि वह विकास दुबे के बाकी सारे राज भी जानता है। यानी वह जानता है कि उसके किस किसके साथ संबंध थे। उसे सात जुलाई को राज्य की स्पेशल टास्क फोर्स, एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था और 18 जुलाई को छोड़ दिया। सो, जय वाजपेयी का रहस्य गहरा गया है। वैसे भी उसकी गिरफ्तारी के समय कई लोग में उसमें खासी दिलचस्पी ले रहे थे। उत्तर प्रदेश के चर्चित आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर की पत्नी और सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने इस पर कई सवाल उठाए हैं। वे उसके बारे में जानकारी हासिल करने के लिए एसटीएफ मुख्यालय भी गई थीं पर अधिकारियों ने उनसे मिलने से मना कर दिया। लेकिन वे जिस दिन एसटीएफ मुख्यालय गईं और मामले को अदालत में ले जाने का संकेत दिया उसके दो-तीन दिन के बाद ही जय वाजपेयी को अचानक छोड़ दिया गया।
वाजपेयी के मामले में दिलचस्पी लेने वाले दूसरे व्यक्ति हैं उत्तर प्रदेश के रिटायर आईएएस अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह। उन्होंने वाजपेयी को छोड़े जाने पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने ट्विट किया है- जय वाजपेयी छोड़ दिया गया, 10 पुलिस अफसरों की हत्या करने वाले विकास दुबे का बायां हाथ छोड़ दिया गया, दुबे का खजांची, उच्च अधिकारियों का काला धन सफेद करने वाला, जय वाजपेयी छोड़ दिया गया है, ये जनता की हार है, लोकतंत्र की हार है, शहीद परिवारों की हार है। सो, जैसे जय वाजपेयी की गिरफ्तारी का रहस्य था वैसे ही अब उसको छोड़ दिए जाने का रहस्य है।