मुख्तार अब्बास नकवी सोशल मीडिया में मजाक का विषय बने हैं। उनको लेकर ढेरों मीम्स बन रहे हैं और जोक्स चल रहे हैं। अप्रैल में यह तय माना जा रहा था कि उनको फिर से राज्यसभा की सदस्यता मिलेगी क्योंकि वे केंद्र सरकार में मंत्री हैं और उनके प्रति शीर्ष नेताओं का सद्भाव है। जब राज्यसभा की टिकट नहीं मिली तो तय माना जा रहा था कि वे उत्तर प्रदेश में खाली हुई अपनी पारंपरिक लोकसभा सीट रामपुर से उपचुनाव लड़ेंगे। जब वहां भी टिकट नहीं मिली तो चर्चा शुरू हुई कि उनको जम्मू कश्मीर का उप राज्यपाल बनाया जा रहा है। फिर वह चर्चा थम गई और नकवी को देश का उप राष्ट्रपति बनाए जाने की चर्चा शुरू हो गई। जब पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को उप राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी बना दिया गया तो चर्चा हुई कि नकवी को बंगाल का राज्यपाल बनाया जा रहा है।
भाजपा के सांसद हंसराज हंस ने ट्विट करके उनको पश्चिम बंगाल का राज्यपाल बनाए जाने की बधाई भी दे दी। हालांकि बाद में उन्होंने अपना ट्विट डिलीट कर दिया। सो, अब सवाल है कि मुख्तार अब्बास नकवी को क्या मिलेगा? क्या उनको किसी राज्य का राज्यपाल बनाया जाएगा या पार्टी संगठन में कोई भूमिका मिलेगी? कई राज्यों में अभी राज्यपाल और उप राज्यपाल या प्रशासक के पद खाली हैं और अगले दो महीने में कुछ और पद खाली होंगे। सो, पार्टी चाहे तो उनको कोई संवैधानिक पद दे सकती है। लेकिन यह भी संभव है कि अगले लोकसभा चुनाव तक उनको कोई पद न मिले। कोई मुस्लिम सांसद और केंद्र सरकार में कोई मुस्लिम मंत्री नहीं होने के बाद पार्टी 80-20 के चुनाव का बहुत स्पष्ट मैसेज देने का प्रयास कर सकती है। अगर ऐसा होता है तो नकवी को अगला लोकसभा चुनाव समाप्त होने तक इंतजार करना पड़ सकता है।
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