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कब और कहां मिलेंगे विपक्षी मुख्यमंत्री?

ByNI Political,
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कब और कहां मिलेंगे विपक्षी मुख्यमंत्री?
संघीय मोर्चे का प्रयास जितनी तेजी से शुरू हुआ था उतनी ही तेजी से ठंड़ा पड़ गया है। अचानक इसकी चर्चा बंद हो गई है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने मुंबई जाकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार से मुलाकात की और उसके बाद इसकी कोई चर्चा नहीं हो रही है। ऐसा नहीं है कि प्रयास बंद हो गया है लेकिन ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस और वामपंथी पार्टियों के मसले पर बातचीत अटक गई है। शिव सेना ने कांग्रेस के बगैर किसी मोर्चे के गठन की संभावना से साफ इनकार कर दिया है। इसलिए फिलहाल कोई राजनीतिक मोर्चा नहीं बन रहा है। opposition chief minister meet लेकिन यह तय है कि केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में विचार करने के लिए विपक्षी पार्टियों के मुख्यमंत्रियों की बैठक होगी। लगभग सभी विपक्षी मुख्यमंत्रियों ने केंद्र सरकार की कई नीतियों को केंद्र-राज्य संबंधों को प्रभावित करने वाला बताते हुए इसका विरोध किया है। ये नीतियां मुख्य रूप से आर्थिक मसलों से जुड़ी हैं और दक्षिण भारत के राज्यों ने इसका मुद्दा बनाया है। हालांकि पश्चिम बंगाल के लिए आर्थिक से ज्यादा आंतरिक सुरक्षा के नाम पर किए जा रहे बदलावों से आपत्ति है, जैसे सीमा सुरक्षा बल यानी बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने का ममता बनर्जी ने विरोध किया है। Read also पूर्वांचल की सनसनी नेहा सिंह राठौर! सो, सवाल है कि केंद्र-राज्य संबंधों को प्रभावित करने वाले केंद्र सरकार के फैसलों पर विचार करने और उसके विरोध की रणनीति बनाने के लिए विपक्षी मुख्यमंत्रियों की बैठक कब और कहां होगी? वित्त मंत्री के आम बजट पेश करने के समय अचानक जैसा विरोध शुरू हुआ था उससे लग रहा था कि विपक्षी पार्टियों के मुख्यमंत्रियों की बैठक जल्दी ही होगी। लेकिन एक महीना बीत जाने के बाद भी इसकी कोई तैयारी नहीं दिख रही है। बताया जा रहा है कि मार्च में बजट सत्र के दौरान यह मुलाकात हो सकती है। बजट सत्र का दूसरा चरण 14 मार्च से शुरू होकर आठ अप्रैल तक चलेगा। इस दौरान विपक्षी पार्टियों के मुख्यमंत्री की बैठक हो सकती है। इसका प्रस्ताव तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने किया था और उन्होंने कहा था कि दिल्ली में बैठक होगी। उसके बाद तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने इस प्रस्ताव को आगे बढ़ाया तो उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्रियों की बैठक हैदराबाद में होगी। इस बीच ममता बनर्जी ने दिल्ली में अपनी पार्टी की राष्ट्रीय कार्य समिति की बैठक का ऐलान कर दिया। बजट सत्र शुरू होने से तीन दिन पहले उनकी बैठक होगी। उसी दौरान दूसरे मुख्यमंत्री दिल्ली आ सकते हैं। बताया जा रहा है कि अगले एक दो दिन में विपक्ष के नेताओं की बैठक की तारीख, स्थान और उसमें विचार किए जाने वाले मुद्दों की रूप-रेखा तैयार हो जाएगी।
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