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पैकेज और विशेष राज्य पर कब बोलेंगे नीतीश

ByNI Political,
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पैकेज और विशेष राज्य पर कब बोलेंगे नीतीश
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुफ्त अनाज बांटने की योजना का स्वागत किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की। पर उन्होंने बिहार के लिए पिछले चुनाव के समय घोषित सवा लाख करोड़ रुपए के पैकेज पर कुछ नहीं कहा है और न बिहार के विशेष राज्य के दर्जे पर कुछ बोले हैं। ध्यान रहे बिहार में वर्चुअल रैली के दौरान पिछले महीने में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दावा किया कि केंद्र सरकार ने सवा लाख करोड़ रुपए के पैकेज को वास्तविकता में बदला है। बाद में राज्य के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने भी कहा कि केंद्र ने इस पैकेज के तहत बिहार को मदद दी है। पर वास्तविकता यह है कि पहले से चल रही योजनाओं के अलावा सवा लाख करोड़ के पैकेज में से बिहार को कुछ नहीं मिला है। यह अलग बात है कि राज्य के वित्त मंत्री सुशील मोदी रूटीन की सड़क और पुल आदि की योजनाओं में मिले पैसे को पैकेज का हिस्सा बता रहे हैं। खुद जनता दल यू के नेता मान रहे हैं कि बिहार को पैकेज के नाम पर धोखा मिला है। ध्यान रहे पिछली बार भाजपा विधानसभा का चुनाव जदयू से अलग होकर लड़ी थी। और तभी चुनाव से ठीक पहले एक सभा में प्रधानमंत्री मोदी ने बड़े अनोखे अंदाज में सवा लाख करोड़ रुपए के पैकेज की घोषणा की थी। बहरहाल, अमित शाह और सुशील मोदी के दावे पर नीतीश और उनकी पार्टी चुप रही। कहा जा रहा है कि चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर कोई पेंच फंसता है तब नीतीश और उनकी पार्टी यह मुद्दा उठाएंगे। उससे पहले सद्भाव बनाए रखना है। इसी तरह नीतीश कुमार और उनकी पार्टी के नेता विशेष राज्य के दर्जे पर भी चुप हैं। सोचें, एक समय नीतीश ने बिहार के एक करोड़ लोगों के दस्तखत जुटा कर दिल्ली भेजने का जतन किया था। उन्होंने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने और बिहारी उप राष्ट्रीयता को बड़ा मुद्दा बनाया था। पर पिछले तीन साल से डबल इंजन की सरकार है। केंद्र व राज्य दोनों जगह एनडीए की सरकार होने के बावजूद वे विशेष राज्य के दर्जे का मुद्दा नहीं उठा रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि वे सही समय का इंतजार कर रहे हैं। सही समय चुनाव से पहले किसी वक्त आ सकता है।
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