प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मध्य प्रदेश के रीवा में अल्ट्रा मेगा सोलर प्लांट का उद्घाटन किया। इसे देश को समर्पित करते हुए उन्होंने कहा कि यह एशिया का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा संयंत्र है। वहां साढ़े सात सौ मेगावाट बिजली का उत्पादन होना है। पर उनके इस दावे के तुरंत बाद इस पर सवाल उठने लगा कि क्या सचमुच रीवा का सोलर प्लांट एशिया का या भारत का सबसे बड़ा सोलर प्लांट है? कांग्रेस के नेता और हाल में कर्नाटक के प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए डीके शिवकुमार ने ट्विट करके कहा है कि प्रधानमंत्री कैसे रीवा के प्लांट को एशिया का सबसे बड़ा प्लांट कह सकते हैं, जबकि वहां सिर्फ साढ़े सात सौ मेगावाट बिजली का उत्पादन होना है।
उनका दावा है कि कर्नाटक में एशिया का सबसे बड़ा सोलर प्लांट है, जहां दो हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है। यानी रीवा के प्लांट से करीब तीन गुना ज्यादा उत्पादन होता है। कर्नाटक के तुमकुरू जिले में यह सोलर प्लांट है, जो 2019 कांग्रेस के राज में पूरा हुआ था और वहां 2050 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है। करीब 15 हजार करोड़ रुपए की लागत से बना यह सोलर प्लांट दुनिया की दूसरा सबसे बड़ा प्लांट हैं। दुनिया का सबसे बड़ा प्लांट भी राजस्थान में है, जहां 2245 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है।
एशिया का सबसे बड़े सोलर प्लांट कहां है?
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