अगर विपक्षी पार्टियों का नया मोर्चा बनता है तो उसका नेता कौन होगा? जब से नीतीश कुमार कांग्रेस नेताओं से मिले हैं, तब से इस बात की चर्चा हो रही है। इस बात की भी चर्चा हुई है कि नीतीश कुमार को यूपीए का संयोजक बनाया जा सकता है। ध्यान रहे कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी हैं और इसके गठन के करीब 20 साल में कभी कोई संयोजक नियुक्त नहीं हुआ। इसमें शामिल पार्टियां एनडीए की मिसाल देती थीं, जिसका संयोजक हमेशा किसी सहयोगी पार्टी का नेता होता था। लेकिन कांग्रेस ने संयोजक नहीं बनाया। ऊपर से नीतीश कुमार की पार्टी तो अभी तक औपचारिक रूप से यूपीए का हिस्सा भी नहीं हुई है। इसलिए उनके यूपीए का संयोजक बनने की बात जल्दबाजी है।
हालांकि इस कयास का एक आधार यह है कि नीतीश कुमार की पार्टी के नेता एनडीए के संयोजक होते रहे हैं। जब एनडीए 25 पार्टियों का मोर्चा था तब जॉर्ड फर्नांडिज इसके संयोजक रहे हैं। बाद में शरद यादव भी एनडीए के संयोजक रहे। अब नीतीश की पार्टी एनडीए से बाहर है तो कहा जा रहा है कि नीतीश नए एलायंस के संयोजक हो सकते हैं। लेकिन अगर इस बातचीत से जुड़े लोगों की बात मानें तो अभी यूपीए का विस्तार होने की संभावना नहीं है। उसकी जगह कोई नया मोर्चा बन सकता है, जिसमें अध्यक्ष और संयोजक दोनों नियुक्त होंगे। नए गठबंधन के दो शीर्ष पदों के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ साथ शरद पवार, नीतीश कुमार, ममता बनर्जी, के चंद्रशेखर राव, एमके स्टालिन, सीताराम येचुरी आदि के नाम की चर्चा हो रही है। कांग्रेस अभी इस आइडिया को लेकर बहुत सहज नहीं है। उसके नेता यूपीए को ही भाजपा विरोधी मोर्चा बनाने की बात कर रहे हैं। अगर ऐसा होगा तो सोनिया गांधी अध्यक्ष बनी रहेंगी और तब एक संयोजक नियुक्त होगा, जो नीतीश कुमार या शरद पवार हो सकते हैं।