राज्यसभा की इस समय सात सीटें खाली हैं, जिनमें से एक सीट बिहार की है। बिहार से शरद यादव की सीट काफी समय से खाली है लेकिन उसे लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में मुकदमा चल रहा है इसलिए उस पर उपचुनाव नहीं हो रहे हैं। इसके अलावा तीन सीटें तमिलनाडु में खाली हैं और दो सीटें बंगाल में। असम में भी एक सीट खाली है। इन छह सीटों पर किसी भी समय उपचुनाव की घोषणा हो सकती है। इन छह में से कांग्रेस के खाते में दो सीटें जाएंगी। एक सीट महाराष्ट्र के कांग्रेस सांसद राजीव सातव के निधन से खाली हुई है इसलिए उस सीट पर कांग्रेस का स्वाभाविक दावा है। दूसरी सीट तमिलनाडु से मिलेगी। खाली हुई तीन सीटों में से दो डीएमके और एक कांग्रेस को मिलने की चर्चा है। इन दो सीटों के लिए कांग्रेस के एक दर्जन नेता दावेदार हैं। इसलिए कांग्रेस के लिए उम्मीदवार तय करना आसान नहीं होगा।
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कांग्रेस के जानकार सूत्रों का कहना है कि पार्टी के बागी नेताओं के साथ जैसी सहमति बनी है उसे देखते हुए कहा जा रहा है कि मुकुल वासनिक और गुलाम नबी आजाद को राज्यसभा भेजा जाएगा। ये दोनों नेता तमिलनाडु के प्रभारी रहे हैं और दोनों का कनेक्शन महाराष्ट्र से भी रहा है। वासनिक महाराष्ट्र के हैं और आजाद पहल बार लोकसभा चुनाव महाराष्ट्र से ही जीते थे। सो, दोनों में से किसी को कहीं से भी भेजा जा सकता है। पर यह इतना आसान नहीं है क्योंकि राहुल गांधी के करीबी आधा दर्जन से ज्यादा नेता उम्मीद लगाए बैठे हैं।
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बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र में राहुल के करीबी दो नेता संजय निरुपम और मिलिंद देवड़ा दावेदार हैं। ध्यान रहे राजीव सातव की उम्र सिर्फ 46 साल थी इसलिए युवा नेता इस सीट पर ज्यादा दावेदारी कर रहे हैं। महाराष्ट्र की सीट पर कांग्रेस के प्रवक्ता राजीव शुक्ल की दावेदारी भी बताई जा रही है। वे पहले महाराष्ट्र से राज्यसभा में रहे हैं। राहुल गांधी के लिए उम्मीदवार तय करना आसान नहीं होगा। महाराष्ट्र से ही अविनाश पांडे भी दावेदार हैं, जिनको गुजरात का प्रभारी बनाए जाने की चर्चा है। इसी तरह कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला, अजय माकन और जितेंद्र सिंह भी राज्यसभा सीट के दावेदार हैं।