उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चंपावत सीट से चुनाव लड़ेंगे। इस सीट से चुनाव जीते भाजपा के विधायक कैलाश चंद्र गहतोरी ने यह सीट धामी के लिए खाली कर दी है। ध्यान रहे विधानसभा चुनाव में जब मुख्यमंत्री धामी चुनाव हार गए थे तब सबसे पहले गहतोरी ने ही सीट खाली करने की मंशा जाहिर की थी। उसके बाद कई और विधायकों ने कहा कि वे सीट खाली कर देंगे। अपनी सीट खाली करने का प्रस्ताव देने वालों में एक कांग्रेस पार्टी के भी विधायक थे। धारचूला सीट से कांग्रेस के विधायक हरीश धामी ने कहा था कि वे मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के लिए अपनी सीट खाली कर सकते हैं। vacate the Dharchula seat
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तभी सवाल है कि भाजपा ने उनकी सीट क्यों नहीं खाली कराई? ध्यान रहे मुख्यमंत्री के उपचुनाव लड़ने के लिए अगर कोई सीट खाली कराई जाए और वह सीट विपक्षी पार्टी की ही तो सीएम का कद बढ़ता है। जैसे सन 2000 में उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बने राजनाथ सिंह को उपचुनाव लड़ना था तो बाराबंकी की हैदरगढ़ सीट उनके लिए कांग्रेस के विधायक सुरेंद्र नाथ अवस्थी ने खाली की थी। बहरहाल, कहा जा रहा है कि एक बार प्रस्ताव देने के बाद हरीश धामी ने फिर उसे आगे नहीं बढ़ाया। उन्होंने कांग्रेस का विरोध किया लेकिन कहा कि अगली बार वे कांग्रेस की टिकट से इस सीट से नहीं लड़ेंगे। दूसरे, भाजपा का अंदरूनी आकलन था कि धारचूला सीट जोखिम वाली है और अगर वे हरीश धामी का इस्तीफा करा कर लड़ते हैं तो सीट जीतने के लिए बहुत मेहनत करनी होगी। इसलिए चंपावत की सुरक्षित सीट चुनी गई।
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