भारतीय जनता पार्टी में आमतौर पर फैसला करने में देरी नहीं होती है। लेकिन हैरानी की बात है कि पार्टी कर्नाटक का फैसला नहीं कर पा रही है। कर्नाटक में पिछले तीन महीने से गतिरोध है। इस दौरान मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई की कई बार दिल्ली यात्रा हो गई। वे बार बार दिल्ली आ रहे हैं और पार्टी नेताओं से बात कर रहे हैं लेकिन न कैबिनेट विस्तार का फैसला हो रहा है और न मुख्यमंत्री के बारे में कोई फैसला हो रहा है। पिछले हफ्ते वे फिर दिल्ली आए तो अमित शाह से उनकी मुलाकात नहीं हुई। फोन पर जरूर बात हुई। उसके बाद उन्होंने राज्य के प्रभारी महासचिव अरुण सिंह से मुलाकात की।
ध्यान रहे कुछ दिन पहले ही अमित शाह कर्नाटक के दौरे पर गए थे। तब कहा गया था कि उनकी इस यात्रा में राज्य सरकार को लेकर अहम फैसला होगा। मुख्यमंत्री और कैबिनेट में फेरबदल का फैसला उस यात्रा में होना था। लेकिन कुछ नहीं हुआ। उसके बाद फिर मुख्यमंत्री दिल्ली आए तब भी कोई फैसला नहीं हुआ। सवाल है कि किस कारण से पार्टी कर्नाटक का फैसला नहीं कर पा रही है? क्या बीएस येदियुरप्पा की वजह से कोई पेंच फंस रहा है? पार्टी के जानकार सूत्रों के मुताबिक उनके बेटे बीवाई विजयेंद्र को एमएलसी बना कर राज्य में मंत्री बनाना है। लेकिन प्रधानमंत्री के परिवारवाद पर हमले के बाद इसमें दिक्कत आ रही है। दूसरे, येदियुरप्पा बोम्मई को बचाए रखने में अपनी ताकत लगा रहे हैं। इस खींचतान में पार्टी का फैसला अटका है। अभी एमएलसी और राज्यसभा का फैसला होगा और सीएम व कैबिनेट का फैसला राज्यसभा चुनाव कर रूका रहेगा।