भारत की स्वदेशी कंपनी भारत बायोटेक की कोवैक्सीन सबसे महंगी क्यों है? यह लाख टके का सवाल है। बाकी वैक्सीन के मुकाबले इसकी कीमत बहुत ज्यादा है। ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की जिस कोवीशील्ड वैक्सीन का उत्पादन सीरम इंस्टीच्यूट में हो रहा है उसके मुकाबले कोवैक्सीन की कीमत लगभग दोगुनी है। कोवीशील्ड की एक डोज 780 रुपए की है तो कोवैक्सीन की एक डोज की कीमत 1,430 रुपए है। लगातार विवादों में रही इस कंपनी की वैक्सीन के असर को लेकर भी अभी तक संदेह हैं और इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्लुएचओ की मंजूरी भी नहीं है। हाल ही में इसे अमेरिका ने मंजूरी देने से इनकार किया है।
इसकी कीमत का मामला इसलिए भी रहस्यमय है क्योंकि इस वैक्सीन की रिसर्च में भी भारत सरकार की एजेंसियां शामिल थीं। इंडियन कौंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च यानी आईसीएमआर के साथ मिल कर कंपनी ने यह वैक्सीन तैयार की है। पिछले दिनों इसको पेटेंट से मुक्त करने और कुछ दूसरी कंपनियों को भी इसका उत्पादन करने देने का फैसला भी हुआ। इसके बावजूद इसकी कीमत कम नहीं हुई है। कायदे से इसकी कीमत कोवीशील्ड और रूसी वैक्सीन स्पुतनिक से कम होनी चाहिए लेकिन इसकी कीमत उनसे ज्यादा है और भारत सरकार इसकी ज्यादा कीमत को न्यायसंगत भी ठहरा रही है। अब कंपनी ने यह भी कह दिया है कि वह भारत सरकार को डेढ़ सौ रुपए प्रति डोज के हिसाब से ज्यादा समय तक वैक्सीन नहीं दे पाएगी।
कोवैक्सीन सबसे महंगी क्यों है?
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