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आप की रायशुमारी में सिद्धू का नाम क्यों?

ByNI Political,
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आप की रायशुमारी में सिद्धू का नाम क्यों?
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाब में अपनी पार्टी के मुख्यमंत्री के चेहरे पर रायशुमारी कराई तो उसमें नवजोत सिंह सिद्धू का नाम क्यों शामिल किया? कोई भी पार्टी जब अपनी पार्टी की ओर से सीएम दावेदार के नाम पर लोगों की राय लेगी तो दूसरी पार्टी के किसी नेता का नाम उसमें क्यों शामिल करेगी? लेकिन आप ने अपनी पार्टी के सीएम दावेदार का नाम तय करने के लिए कराई गई रायशुमारी में सिद्धू का नाम शामिल किया। सवाल है कि जब सिद्धू का किया तो कैप्टेन अमरिंदर सिंह और बादल पिता-पुत्र का नाम क्यों नहीं शामिल किया? या संयुक्त समाज मोर्चा की ओर से चुनाव लड़ रहे किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल का नाम क्यों नहीं शामिल किया? अगर इन नामों को भी कुछ वोट मिले हैं तो वह बताया क्यों नहीं? क्यों सिर्फ मान और सिद्धू को मिले वोट का प्रतिशत जाहिर किया गया? Aap party opinion sidhu Opposition pressure for Parrikar केजरीवाल ने बताया कि मान को 93 फीसदी से ज्यादा लोगों ने चुना है, जबकि सिद्धू को 360 फीसदी वोट मिले हैं। खुद केजरीवाल को भी कुछ लोगों ने वोट दिया था, लेकिन उन्होंने इसका खुलासा नहीं किया। असल में सिद्धू को साढ़े तीन फीसदी वोट दिखाने का एक मकसद तो उनको अपमानित करना था। दूसरा राज्य के मतदाताओं को मैसेज देना था कि सिद्धू और मान दोनों भले कॉमेडी शो से जुड़े रहे हैं पर सिद्धू से ज्यादा लोकप्रिय मान हैं। तीसरा मैसेज जाट सिख मतदाताओं के लिए है। केजरीवाल को लग रहा था कि उनके बीच सिद्धू की लोकप्रियता ज्यादा है और चूंकि कांग्रेस ने सीएम का दावेदार घोषित नहीं किया है इसलिए जाट सिख मतदाताओं का एक समूह सिद्धू के नाम पर कांग्रेस के साथ जा सकता है। सिद्धू एकदम जाट सिख मतदाताओं के मुताबिक डंके की चोट वाली राजनीति करते हैं और मुख्यमंत्री को अपने सामने कुछ नहीं मानते। उनकी यह ब्रांडिंग युवा जाट सिख मतदाताओं को आकर्षित कर सकती है। उसे कम करने के लिए झूठी-सच्ची रायशुमारी के जरिए सिद्धू का कद कमतर करने का प्रयास किया गया।
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