जम्मू कश्मीर में जिला विकास परिषद यानी डीडीसी के चुनाव बहुत सफल रहे। 280 सीटों के लिए आठ चरण में हुए चुनाव में हर बार 50 फीसदी से ऊपर मतदान हुआ। हालांकि जम्मू इलाके में मतदान ज्यादा हुआ और कश्मीर घाटी में कम फिर भी लोकतांत्रिक प्रक्रिया में लोगों की भागीदारी दिखी। भाजपा 75 सीट जीत कर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी। हालांकि फिर भी पार्टी को लग रहा है कि सीटें उम्मीद से कुछ कम रहीं। भाजपा नेता कश्मीर घाटी में कुछ और सीटों की उम्मीद कर रहे थे।
इसके बावजूद भाजपा को राहत है कि निर्दलीय उम्मीदवारों को बड़ी सफलता मिली और भाजपा के प्रति हमदर्दी रखने वाली अल्ताफ बुखारी की जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी ने भी अच्छी खासी संख्या में सीटे जीतीं। सो, अब अंदाजा लगाया जा रहा है कि राज्य में विधानसभा के चुनाव हो सकते हैं। उम्मीद की जा रही है कि विधानसभा चुनाव में लोगों की भागीदारी ज्यादा होगी और इस तरह के भी नतीजे आए तो भाजपा के लिए बहुत अच्छा होगा। ऊपर से परिसीमन के बाद जम्मू इलाके में सीटें बढ़ने वाली हैं इसलिए भाजपा उम्मीद कर रही है कि वह अकेले बहुमत हासिल कर सकती है।
तभी कहा जा रहा है कि इस साल के अंत तक जम्मू कश्मीर में चुनाव हो सकता है। वहां नवंबर के अंत से ठंड बढ़ जाती है और बर्फ पड़ने लगती है उससे पहले चुनाव हो सकते हैं। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी कहा कि विधानसभा चुनाव कराने के रास्ते में कोई बाधा नहीं है। हालांकि उन्होंने गेंद चुनाव आयोग के पाले में डालते हुए कहा कि परिसीमन का काम चल रहा है और यह पूरा होने के बाद चुनाव आयोग चुनावों के बारे में फैसला करेगा।
क्या कश्मीर में इस साल होगा चुनाव?
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