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हरियाणा में क्या इतिहास दोहराया जाएगा?

ByNI Political,
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हरियाणा में क्या इतिहास दोहराया जाएगा?
हरियाणा में छह साल पुराना इतिहास दोहराता दिख रहा है। छह साल पहले 2016 के राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के पास विधानसभा की 15 सीटें थीं और 19 सीट के साथ इंडियन नेशनल लोकदल दूसरी सबसे बड़ी पार्टी थी। भाजपा के 47 विधायक थे। राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस और इनेलो ने जाने माने वकील आरके आनंद को साझा उम्मीदवार के तौर पर उतारा था। लेकिन भूपेंदर हुड्डा को आरके आनंद पसंद नहीं थे। इसे देखते हुए भाजपा ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर सुभाष चंद्रा को उतार दिया। उन्होंने कमाल किया। एक सीट जीतने के लिए 31 वोट की जरूरत थी, लेकिन ऐसा खेला हुआ कि वे 22 वोट लेकर जीत गए और आरके आनंद 21 वोट लेकर हार गए। असल में किसी खेल के तहत कांग्रेस के 14 विधायकों के वोट अवैध करा दिए गए। यह खेल भाजपा ने चुनाव अधिकारियों से मिल कर कराया या कांग्रेस के सबसे बड़े नेता ही इस खेल में शामिल थे यह बाद तक स्पष्ट नहीं हुआ। लेकिन हुआ यह कि वोट की लाइन में लगे कांग्रेस नेताओं को वह पेन नहीं मिली, जिससे चुनाव आयोग ने वोटिंग अधिकृत की थी। उनके हाथ में दूसरी स्याही वाली पेन आ गई और इस आधार पर उनके वोट अवैध हो गए। उसके बाद एक सीट जीतने के लिए जरूरी वोट का आंकड़ा कम होकर 26 हो गया। सो, भाजपा ने अपने पहले उम्मीदवार को मिले अतिरिक्त 22 वोट सुभाष चंद्रा को ट्रांसफर कर दिए। दूसरी ओर आरके आनंद को इनेलो के 19 के अलावा दो और वोट मिले थे। सो, वे 21 वोट लेकर हार गए। इस बार फिर ऐसा खेला होने की संभावना बन रही है। भाजपा ने दूसरी सीट के लिए एक मीडिया समूह के मालिक कार्तिकेय शर्मा को समर्थन दिया है तो कांग्रेस ने पार्टी महासचिव अजय माकन को उतारा है। पिछली बार कांग्रेस और इनेलो के पास 34 सीट थी। इस बार कांग्रेस के पास 31 और इनेलो की सिर्फ एक सीट है। राज्यसभा की एक सीट जीतने के लिए ठीक 31 वोट की जरूरत है। भूपेंदर हुड्डा को कमान दिए जाने से पार्टी के कई नेता नाराज हैं। कुलदीप बिश्नोई ने खुला विरोध किया है। दूसरी ओर विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष कुलदीप शर्मा निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा की मदद कर रहे हैं क्योंकि कार्तिकेय उनके दामाद हैं। कार्तिकेय शर्मा के पिता विनोद शर्मा हरियाणा के बड़े नेता हैं और किसी जमाने में हुड्डा के बेहद करीब रहे हैं। माकन और विनोद शर्मा रिश्तेदार भी हैं। माकन के बड़े भाई ललित माकन की शादी शंकर दयाल शर्मा की बेटी से हुई थी और उनकी दूसरी बेटी से विनोद शर्मा के भाई की शादी हुई थी।
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