पश्चिमी दिल्ली के सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा की बेचैनी समझ में आती है। दिल्ली के भाजपा नेताओं में वे संभवतः सबसे लोकप्रिय नेता हैं। वे 2013 में तीनकोणीय लड़ाई में महरौली विधानसभा सीट से चुनाव जीते थे। फिर 2014 में पश्चिमी दिल्ली से सांसद हुए और 2019 में भी चुनाव जीते। लेकिन केंद्र में मंत्री नहीं बन पाए। उनके पिता साहिब सिंह वर्मा दिल्ली के मुख्यमंत्री और केंद्र सरकार में मंत्री रहे हैं। प्रवेश वर्मा पिछले चुनाव में पांच लाख 78 हजार वोट से जीते, जो दिल्ली के इतिहास की अब तक की सबसे बड़ी जीत है। सो, उनके समर्थक मानते हैं कि मंत्री पद पर उनका स्वाभाविक दावा है। हरियाणा में जाट मुख्यमंत्री नहीं बनाए जाने की वजह से भी उनकी दावेदारी मजबूत मानी जा रही थी।
लेकिन पहली बार दिल्ली कोटे से डॉक्टर हर्षवर्धन मंत्री बन गए और दूसरी ओर मीनाक्षी लेखी को मौका मिल गया। जाहिर है कि प्रवेश वर्मा और उनके समर्थन निराश हैं। पिछले कुछ दिनों की घटनाओं से ऐसा लग रहा है कि वर्मा मान रहे हैं कि विवाद खड़ा करते रहेंगे, भड़काऊ भाषण देंगे तब शायद मंत्री पद मिल जाए। तभी उन्होंने पिछले दिनों एक कार्यक्रम में बिना नाम लिए समूचे मुस्लिम समुदाय के संपूर्ण बहिष्कार की अपील की। इस वीडियो पर काफी विवाद हुआ। दूसरा विवाद उन्होंने एक सरकारी अधिकारी के साथ बदसलूकी करके खड़ा किया है। वे यमुना में सफाई के लिए केमिकल डाले जाने का विरोध करने घाट पर पहुंचे थे और वहां उन्होंने एक सरकारी अधिकारी से बदसलूकी की, जिसका वीडियो वायरल हुआ है।
Tags :Parvesh Verma