शिव सेना की बगावत के पीछे जो भी महाशक्ति है वह बागी विधायकों को मुंबई भेजने के पक्ष में नहीं है। जानकार सूत्रों का कहना है कि बागी विधायकों के परिजन अब भी शिव सेना के शीर्ष नेतृत्व के संपर्क में हैं और अगर विधायक मुंबई लौटते हैं तो उनके शिव सेना में लौटने की संभावना है। तभी गुवाहाटी में होटल की बुकिंग पिछले दिनों बढ़ा दी गई थी। ऐसा लग रहा है कि सरकार पलटे बगैर विधायक मुंबई नहीं लौटेंगे। फिर सवाल है कि बागी गुट अपनी संख्या कैसे साबित करेगा? राज्यपाल कैसे संतुष्ट होंगे कि मौजूदा सरकार अल्पमत में है और विधानसभा का सत्र बुलाने की जरूरत है?
क्या इसके लिए विधायकों को तीसरे भाजपा शासित राज्य में ले जाया जाएगा? विधायक अब तक दो भाजपा शासित राज्य- गुजरात और असम घूम चुके हैं। अब चर्चा है कि उनको गोवा ले जाया जाएगा। भाजपा के लिए बहुत सुविधाजनक तरीके से महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी कोरोना संक्रमित हो गए हैं। इसलिए कहा जा रहा है कि गोवा के राज्यपाल श्रीधरन पिल्लै के सामने विधायकों की परेड कराई जा सकती है। वे महाराष्ट्र के प्रभारी राज्यपाल बन कर विधायकों की संख्या देख सकते हैं और विधानसभा बुला कर सदन के पटल पर बहुमत साबित करने का निर्देश दे सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो भारतीय राजनीति में इसकी भी एक मिसाल बनेगी। वैसे दूसरी पार्टियों के चुनी हुई सरकारों को गिरा कर अपनी सरकार बनाने में भाजपा ऐसे कई मिसाल पहले कायम कर चुकी है।
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