भारतीय जनता पार्टी के सांसदों ने बजट सत्र के दूसरे चरण के पहले दो हफ्ते कामकाज ठप्प किया। भाजपा के सांसदों ने लगातार नौ दिन हंगामा किया और इस बात पर अड़े रहे कि राहुल गांधी लंदन में दिए अपने बयान पर माफी मांगे। सत्तापक्ष के साथ साथ विपक्ष के सांसद इस बात पर हंगामा करते रहे कि अदानी समूह और हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर संयुक्त संसदीय समिति यानी जेपीसी बनाई जाए। इस चक्कर में हंगामा जारी रहा और हंगामे के बीच ही केंद्र सरकार ने लोकसभा से बजट और वित्त विधेयक पास करा लिया। इस बीच मानहानि के एक मुकदमे में सजा होने के बाद राहुल गांधी की सदस्यता समाप्त हो गई है। सो, अब वे संसद में नहीं जाएंगे, इसलिए संसद में माफी मांगने का मामला ही समाप्त हो गया।
तभी सवाल है कि अब भाजपा के सांसद क्या करेंगे? क्या अब वे राहुल गांधी से लंदन में दिए बयान और मानहानि के मामले पर माफी मांगने की मांग करते रहेंगे या अब संसद चलने देंगे? दूसरी ओर यह तो तय है कि कांग्रेस व अन्य विपक्षी पार्टियां अब ज्यादा आक्रामक होंगी और संसद में कामकाज ठप्प करेंगी। इस बहाने संभव है कि संसद का बजट सत्र समय से काफी पहले ही समाप्त कर दिया जाए। गौरतलब है कि बजट सत्र छह अप्रैल तक चलना है लेकिन अब जबकि सरकार ने बजट और वित्त विधेयक लोकसभा से पास करा लिया और उसे राज्यसभा में भेज दिया गया है, जहां विपक्ष के शोर शराबे के बीच उसे पास कराया जाएगा तो उसके बाद संसद की कार्यवाही स्थगित हो सकती है। हालांकि सरकार को इस सत्र में 35 विधेयक पेश करने थे लेकिन मुख्य काम बजट पास कराना था, जो हो जाएगा सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो सकता है। अगर कोई जरूरी विधेयक पास कराना हो तो वह भी चुटकियों में हो जाएगा।