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यूपी, उत्तराखंड में क्या उपचुनाव नहीं होंगे?

ByNI Political,
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यूपी, उत्तराखंड में क्या उपचुनाव नहीं होंगे?
देश में इस समय अलग अलग राज्यों में विधानसभा की 25 सीटें खाली हैं। उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में सात-सात सीटें खाली हैं। उत्तराखंड में विधानसभा की दो सीटें खाली हैं। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड ( election in up uttarakhand ) में अगले साल फरवरी-मार्च में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। इसलिए चुनाव आयोग में यह विचार हो रहा है कि इन राज्यों में खाली सीटों पर अभी उपचुनाव नहीं कराया जाए। अभी कोरोना के हालात को देखते हुए चुनाव आयोग शायद ही चुनाव कराने का फैसला करे। अगर केसेज कम होते हैं तो अगस्त-सितंबर तक चुनाव हो सकता है। उस समय उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में चार-पांच महीने का समय ही बचा रहेगा। इस वजह से इन राज्यों में उपचुनाव नहीं भी कराया जा सकता है।

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सवाल है कि अगर उत्तराखंड में उपचुनाव नहीं हुए तो मुख्यमंत्री का क्या होगा? मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत विधायक नहीं हैं और सितंबर तक उनको विधायक बनना होगा तभी वे मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बने रह सकते हैं। अगर आयोग उपचुनाव नहीं कराने का फैसला करता है तो तीरथ सिंह रावत को इस्तीफा देना होगा और उनकी जगह नया मुख्यमंत्री बनेगा। फिर धन सिंह रावत या सतपाल महाराज की लॉटरी खुल सकती है। ऐसा हुआ तो राज्य की दूसरी विधानसभा का इतिहास दोहराया जाएगा, जब एक विधानसभा के कार्यकाल में भाजपा ने तीन बार मुख्यमंत्री बदला था। पहले भुवन चंद्र खंडूरी फिर रमेश पोखरियाल निशंक और फिर खंडूरी मुख्यमंत्री बने थे। बहरहाल, उत्तराखंड का मामला तो भाजपा सुलझा लेगी लेकिन अगर चुनाव आयोग ने उपचुनाव ही नहीं कराए तो ममता बनर्जी का क्या होगा? उनको नवंबर तक हर हाल में विधायक बनना होगा। फिलहाल इस राजनीतिक स्थिति पर सभी की नजरें टिकी हुई है।
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