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दुनिया क्या जैविक युद्ध के बीच?

ByNI Political,
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दुनिया क्या जैविक युद्ध के बीच?
यह लाख टके का सवाल है। दुनिया में इस बात पर फिर से विचार शुरू हो गया है कि कोराना वायरस नेचुरल नहीं है, बल्कि इसे प्रयोगशाला में तैयार किया गया था। बिल्कुल शुरू में इस बात की चर्चा हुई थी। तब कहा गया था कि चीन के हुवान इंस्टीच्यूट ऑफ वायरोलॉजी में इस वायरस को जेनेटिकली मोडिफायड करके तैयार किया गया और यह वहां से लीक हुआ या लीक किया गया। चीन को जिम्मेदार ठहराने की मांग कर रहे कई पश्चिमी देशों ने उन दिनों दबाव बनाया था। बाद में विश्व स्वास्थ्य संगठन, डब्लुएचओ की टीम वुहान लैब का निरीक्षण करने गई थी पर वहां उसने वही देखा, जो चीन के अधिकारियों ने दिखाया। वैसे भी डब्लुएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडेनम गैब्रिएसस को चीन ने ही उस पद पर बैठाया है। बहरहाल, अब एक बार फिर दुनिया में इस बात की चर्चा शुरू हो गई है कि कोरोना का वायरस लैब में तैयार किया गया है और वहां से लीक होकर दुनिया में फैला है। अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने खुल कर यह बात कही है कि वायरस लैब से लीक हुआ है। उन्होंने कहा है कि इस बात के कई सबूत हैं। कई और विशेषज्ञों ने माना है कि यह नेचुरल वायरस नहीं है और दुनिया इस समय एक जैविक युद्ध का सामना कर रही है। अगर ऐसा है तो फिर यह वायरस इतनी जल्दी खत्म नहीं होगा। वैसे भी जिस तेजी से वायरस का म्यूटेशन हो रहा है और नए वैरिएंट बन रहे हैं उससे भी दुनिया भर के विशेषज्ञ हैरान हैं कि आखिर कैसे ऐसा हो रहा है। तभी दुनिया के देशों को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए और चीन को जवाबदेह ठहराने के कदम उठाने चाहिए।
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