virat kohli playing ranji: भारतीय क्रिकेट के सुपरस्टार विराट कोहली 13 साल के लंबे अंतराल के बाद रणजी ट्रॉफी में मैदान पर नजर आने वाले हैं।
बीसीसीआई ने हाल ही में एक सख्त निर्देश जारी किया था कि सभी सीनियर खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट में हिस्सा लेना अनिवार्य होगा। इसके बाद से क्रिकेट प्रेमियों की निगाहें इस बात पर थीं कि क्या विराट इस निर्देश का पालन करेंगे।
हालांकि, शुरुआत में विराट ने फिटनेस का हवाला देते हुए 23 जनवरी को सौराष्ट्र के खिलाफ होने वाले मुकाबले में हिस्सा लेने से मना कर दिया था।(virat kohli playing ranji)
उनकी गर्दन में दर्द की समस्या के कारण उन्होंने इस मैच से अपना नाम वापस ले लिया था। लेकिन अब उन्होंने 30 जनवरी को दिल्ली और रेलवे के बीच होने वाले मुकाबले में खेलने की पुष्टि कर दी है।
दिल्ली के कोच सरनदीप सिंह ने जानकारी दी कि विराट ने दिल्ली एंड डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन (DDCA) के अध्यक्ष रोहन जेटली और टीम प्रबंधन को सूचित किया है कि वह रेलवे के खिलाफ मैच के लिए उपलब्ध रहेंगे। हालांकि, यह साफ है कि वह पहले मैच में नहीं खेलेंगे।
BCCI का फरमान और कोहली की वापसी
बीसीसीआई की नई नीति के तहत घरेलू क्रिकेट में सीनियर खिलाड़ियों की भागीदारी को अनिवार्य किया गया है।(virat kohli playing ranji)
यह फैसला युवा खिलाड़ियों को प्रेरित करने और घरेलू क्रिकेट के स्तर को और ऊंचा करने के उद्देश्य से लिया गया है। गौतम गंभीर जैसे पूर्व खिलाड़ियों ने भी इस नीति का समर्थन किया है।
विराट कोहली ने बीसीसीआई मेडिकल टीम को अपनी गर्दन की समस्या के बारे में जानकारी दी थी।
इस समस्या से उबरने के लिए वह इंजेक्शन ले रहे हैं और दूसरे मैच से पहले पूरी तरह फिट होने की तैयारी कर रहे हैं। उनके फैंस अब उनकी वापसी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, ताकि वे रणजी ट्रॉफी में भी अपने दमदार प्रदर्शन से मैदान पर छा सकें।
दिल्ली बनाम रेलवे मुकाबले पर फोकस
30 जनवरी को होने वाला यह मुकाबला क्रिकेट प्रेमियों के लिए बेहद खास होगा। दिल्ली की टीम में विराट कोहली की उपस्थिति न केवल टीम का मनोबल बढ़ाएगी,
बल्कि घरेलू क्रिकेट में भी उनकी मौजूदगी से एक नई ऊर्जा का संचार होगा। अब देखना यह होगा कि विराट कोहली अपनी इस वापसी को कितना यादगार बनाते हैं और रणजी ट्रॉफी में उनका प्रदर्शन कैसा रहता है।
13 साल बाद विराट की इस मैच से वापसी?(virat kohli playing ranji)
भारतीय क्रिकेट के दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली के रणजी ट्रॉफी में खेलने की संभावना को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं।
एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कोहली ने दिल्ली एंड डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन (DDCA) को सूचित किया है कि वह 30 जनवरी से शुरू होने वाला मुकाबला खेलने के लिए उपलब्ध रहेंगे।
यह मुकाबला रणजी ट्रॉफी के ग्रुप स्टेज का आखिरी मैच होगा, जिसमें दिल्ली का सामना रेलवे से होगा।(virat kohli playing ranji)
गर्दन दर्द के कारण पहले मैच से नाम वापस
दिल्ली की टीम को इस मुकाबले से पहले 23 जनवरी से सौराष्ट्र के खिलाफ मैच खेलना है। कोहली को इन दोनों मुकाबलों के लिए दिल्ली के स्क्वॉड में शामिल किया गया था, लेकिन गर्दन में दर्द की शिकायत के कारण उन्होंने पहले मैच से अपना नाम वापस ले लिया।
इसके बाद DDCA के चयनकर्ताओं ने अपडेटेड स्क्वॉड में कोहली का नाम हटा दिया था। अब सभी की निगाहें 30 जनवरी को होने वाले मैच पर हैं, जहां उनके खेलने की पुष्टि की गई है।
13 साल बाद रणजी ट्रॉफी में वापसी
अगर विराट कोहली यह मुकाबला खेलते हैं, तो यह 13 साल बाद उनकी रणजी ट्रॉफी में वापसी होगी। आखिरी बार उन्होंने 2012 में दिल्ली के लिए रणजी मुकाबला खेला था।
कोहली की घरेलू क्रिकेट में वापसी न केवल दिल्ली की टीम को मजबूती देगी, बल्कि यह उनके फैंस के लिए भी खास पल होगा।
अंतरराष्ट्रीय शेड्यूल के कारण उठते सवाल
हालांकि, कोहली की वापसी पर अब भी सवाल कायम हैं। 30 जनवरी से 2 फरवरी तक खेले जाने वाले इस मुकाबले के तुरंत बाद 6 फरवरी से वनडे सीरीज शुरू होनी है, जिसमें कोहली टीम इंडिया का हिस्सा हैं। ऐसे में यह देखना होगा कि क्या कोहली वनडे सीरीज के पहले मैच से ब्रेक लेते हैं या नहीं।
दिल्ली बनाम रेलवे मुकाबले पर नजरें
दिल्ली की टीम के लिए यह मुकाबला बेहद अहम होगा, क्योंकि यह ग्रुप स्टेज का आखिरी मैच है। कोहली जैसे अनुभवी खिलाड़ी की उपस्थिति टीम को मानसिक बढ़त दिला सकती है।
कोहली की बल्लेबाजी का अनुभव और उनकी नेतृत्व क्षमता से युवा खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलेगी। 30 जनवरी से दिल्ली बनाम रेलवे मुकाबले पर नजरें रहेगी। कोहली पिछले कुछ समय से अपने खराब फॉर्म से गुजर रहे है।
ऐसे में माना जा रहा है कि रणजी ट्रॉफी में विराट की धामकेदार वापसी हो सकती है। इस वापसी के बाद विराट इंग्लैंड टी-20 और चैंपियंस ट्रॉफी में भी अपना कमाल दिखा सकते है।
फैंस इस बात को लेकर उत्साहित हैं कि क्या विराट कोहली घरेलू क्रिकेट में अपना दमखम दिखाते हुए टीम के लिए जीत की राह आसान करेंगे।(virat kohli playing ranji)
उनकी वापसी से रणजी ट्रॉफी में एक नया जोश और आकर्षण जुड़ जाएगा। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कोहली इस ऐतिहासिक मौके को कितना यादगार बनाते हैं।
रोहित-पंत जैसे खिलाड़ी भी खेलेंग रणजी
भारतीय क्रिकेट के सीनियर और युवा खिलाड़ियों ने रणजी ट्रॉफी में अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर घरेलू क्रिकेट को मजबूती देने का संकल्प लिया है।
विराट कोहली का रणजी ट्रॉफी में खेलने का फैसला बीसीसीआई की सख्ती के बाद आया है, जब सभी सीनियर और नए खिलाड़ी अपनी-अपनी घरेलू टीमों के लिए खेलते नजर आ रहे हैं।
ऋषभ पंत, यशस्वी जायसवाल और शुभमन गिल जैसे युवा खिलाड़ी पहले ही 23 जनवरी से शुरू होने वाले राउंड के लिए अपनी उपलब्धता जाहिर कर चुके थे।
इसके बाद टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा ने भी मुंबई की टीम के लिए खेलने का ऐलान किया, और उन्हें आगामी मुकाबले के लिए स्क्वॉड में शामिल कर लिया गया।
इसके अलावा, स्टार ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा और तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज भी रणजी ट्रॉफी के मुकाबलों में हिस्सा लेने के लिए तैयार हैं।
बीसीसीआई का सख्त निर्देश
भारतीय क्रिकेट में हाल ही में यह मुद्दा गर्माया हुआ था कि क्या सीनियर खिलाड़ियों को घरेलू टूर्नामेंट, खासकर रणजी ट्रॉफी में खेलना चाहिए।(virat kohli playing ranji)
न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में हार के बाद यह सवाल और गहराया, जहां खासकर सीनियर बल्लेबाजों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा।
टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर ने इस पर खुलकर अपनी राय रखते हुए कहा कि घरेलू क्रिकेट का हिस्सा बनने से खिलाड़ियों को अपनी फॉर्म और फिटनेस सुधारने का मौका मिलेगा।
गंभीर की इस सलाह के बाद बीसीसीआई ने सभी खिलाड़ियों के लिए घरेलू क्रिकेट में खेलना अनिवार्य कर दिया।
इस कदम का उद्देश्य युवा और सीनियर खिलाड़ियों के बीच एक पुल बनाना है, जिससे घरेलू क्रिकेट का स्तर ऊंचा हो और खिलाड़ियों को ज्यादा अनुभव मिले।
कोहली और सीनियर खिलाड़ियों की भूमिका
विराट कोहली का रणजी ट्रॉफी में खेलना न केवल उनकी टीम दिल्ली के लिए बल्कि पूरे टूर्नामेंट के लिए बड़ा उत्साह लेकर आएगा।
उनकी वापसी से न सिर्फ टीम का मनोबल बढ़ेगा, बल्कि युवा खिलाड़ियों को भी सीखने का मौका मिलेगा।
इसी तरह, रोहित शर्मा, रवींद्र जडेजा और मोहम्मद सिराज जैसे खिलाड़ी घरेलू टूर्नामेंट में अपने प्रदर्शन से युवा खिलाड़ियों को प्रेरित करेंगे।
अन्य दिग्गज की भी वापसी
बीसीसीआई के इस कदम से रणजी ट्रॉफी में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है। खिलाड़ियों की घरेलू क्रिकेट में भागीदारी से टूर्नामेंट का आकर्षण और प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है।
यह भारतीय क्रिकेट के बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगा और युवाओं को बड़े दिग्गजों के साथ खेलने का अवसर देगा।(virat kohli playing ranji)
फैंस अब बेसब्री से अपने पसंदीदा खिलाड़ियों को रणजी ट्रॉफी में खेलते देखने का इंतजार कर रहे हैं।
विराट कोहली, रोहित शर्मा और रवींद्र जडेजा जैसे खिलाड़ियों की मौजूदगी से न केवल टूर्नामेंट का स्तर ऊंचा होगा, बल्कि घरेलू क्रिकेट में भी नई जान आ जाएगी।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि ये सीनियर खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट में कैसे प्रदर्शन करते हैं और अपनी-अपनी टीमों को जीत की ओर ले जाते हैं।
2012 में खेला था आखिरी मैच
विराट कोहली ने अपना अंतिम रणजी ट्रॉफी मुकाबला 2012 में उत्तर प्रदेश के खिलाफ गाजियाबाद में खेला था।
हाल ही में दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (DDCA) ने विराट का नाम 22 सदस्यीय प्रारंभिक टीम में शामिल किया। उनके साथ ऋषभ पंत को भी टीम में जगह दी गई है।
पंत मंगलवार (21 जनवरी) को सौराष्ट्र के विरुद्ध होने वाले मैच के लिए टीम से जुड़ेंगे। 21 जनवरी को कोहली इस मैच में नहीं खेल पाएंगे। कोहली अपने गर्दन में दर्द के कारण इस मैच में नहीं जुड़ पाएंगे। 2012 के बाद 2025 में विराट रणजी ट्रॉफी में वापसी कर रहे है।
यानी लगभग 13 साल बाद विराट रणजी ट्रॉफी खेलेंगे। वहीं भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने घरेलू मैदान पर जम्मू और कश्मीर के खिलाफ मुंबई के मैच के लिए अपनी उपलब्धता की पुष्टि की थी।
वहीं शुभमन गिल, यशस्वी जायसवाल और रवींद्र जडेजा सहित भारत के अन्य सितारे भी अपनी-अपनी टीमों के लिए रणजी ट्रॉफी के अगले दौर में नजर आएंगे।
विराट रणजी खेलने को लेकर क्यों सहमत
ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के खिलाफ खराब बल्लेबाजी प्रदर्शन से विराट कोहली आलोचना का शिकार हुए। उन्होंने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (BGT) में 23.75 के औसत से सिर्फ 190 रन बनाए।
वहीं, न्यूजीलैंड के खिलाफ 3 टेस्ट की सीरीज में उनका औसत 15.50 रहा, जिसमें वे केवल 93 रन बना सके।
इन सीरीज के दौरान विराट बार-बार ऑफ स्टंप के बाहर की गेंदों पर कैच आउट हुए। इन सीरीज में विराट बार-बार ऑफ स्टंप के बाहर की गेंदों पर कैच आउट हुए।
BGT हारने के बाद भारतीय टीम के हेड कोच गौतम गंभीर ने कहा था कि सीनियर खिलाड़ियों को अपने बल्लेबाजी कौशल को निखारने के लिए घरेलू क्रिकेट जैसे रणजी ट्रॉफी में नियमित रूप से खेलना चाहिए।
कई पूर्व क्रिकेटरों ने विराट को रणजी ट्रॉफी खेलने की सलाह दी, ताकि वे अपनी बल्लेबाजी तकनीक को सुधार सकें।
भारतीय टीम के हेड कोच गौतम गंभीर ने भी कहा कि सीनियर खिलाड़ियों को अपने स्किल्स को निखारने के लिए घरेलू क्रिकेट में भाग लेना चाहिए।
पिछले हफ्ते मुंबई स्थित बीसीसीआई मुख्यालय में भारतीय टीम के प्रदर्शन की समीक्षा बैठक हुई। इस दौरान न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज और ऑस्ट्रेलिया दौरे का विश्लेषण किया गया।
बैठक में बोर्ड सदस्यों ने सीनियर खिलाड़ियों के लिए रणजी और अन्य घरेलू टूर्नामेंट खेलना अनिवार्य करने पर जोर दिया, ताकि वे अपनी फॉर्म और तकनीक में सुधार कर सकें।