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चेपॉक में चढ़ा सनराइज का सूरज, हैदराबाद ने रचा इतिहास, CSK को घर में हराया

CSK

आईपीएल 2025 में चेन्नई सुपर किंग्स (CSK)  का ‘किला चेपॉक’ आखिरकार पूरी तरह से ढह गया है। चेपॉक स्टेडियम, जिसे अब तक CSK का अजेय गढ़ माना जाता था, इस सीजन में एक के बाद एक हार का गवाह बनता जा रहा है।

रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर और दिल्ली कैपिटल्स के बाद अब सनराइजर्स हैदराबाद ने भी चेपॉक की पिच पर जीत का स्वाद चख लिया है। यह जीत सिर्फ एक और दो अंकों का इजाफा नहीं थी, बल्कि एक ऐतिहासिक पल था—पहली बार सनराइजर्स हैदराबाद ने चेपॉक की सरज़मीं पर चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) को परास्त किया है।

25 अप्रैल को खेले गए इस मुकाबले में सनराइजर्स हैदराबाद ने 5 विकेट से धमाकेदार जीत दर्ज की। कप्तान पैट कमिंस के नेतृत्व में खेल रही SRH के लिए यह सीजन उतना खास नहीं रहा है, लेकिन इस जीत ने न केवल टीम की उम्मीदों को नया जीवन दिया, बल्कि प्लेऑफ की दौड़ में एक बार फिर उन्हें शामिल कर दिया।

हर्षल पटेल और कामिंडु मेंडिस के बेहतरीन प्रदर्शन की बदौलत सनराइजर्स ने चेन्नई सुपर किंग्स (CSK ) को पूरी तरह पस्त कर दिया। मैच के दौरान SRH ने जबरदस्त गेंदबाज़ी और सधी हुई बल्लेबाज़ी का नमूना पेश किया, जिसकी बदौलत उन्होंने 8 गेंद शेष रहते मुकाबला अपने नाम कर लिया।

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यह मैच दोनों टीमों के लिए करो या मरो जैसा था। पॉइंट्स टेबल में सबसे निचले स्थानों पर मौजूद SRH और CSK के लिए यह एक ऐसा मौका था, जहां से जीत उन्हें टूर्नामेंट में बनाए रख सकती थी और हार लगभग बाहर का रास्ता दिखा सकती थी।

सनराइजर्स ने मौके का फायदा उठाया और चेन्नई को ऐसी चोट दी, जिससे उबर पाना अब लगभग नामुमकिन नजर आ रहा है। 9 मुकाबलों में SRH को अब तक सिर्फ 3 जीत मिली हैं, लेकिन इस जीत ने उन्हें 9वें से उठाकर 8वें स्थान पर पहुंचा दिया है। वहीं चेन्नई सुपर किंग्स (CSK ) के लिए ये 9 मैचों में 7वीं हार रही और टीम फिलहाल सबसे निचले यानी 10वें स्थान पर है।

चेपॉक की यह हार CSK के फैंस के लिए किसी झटके से कम नहीं है। वो मैदान जो एम.एस. धोनी की कप्तानी में विरोधी टीमों का किला ढहाने के लिए मशहूर था, आज खुद टूट चुका है।

CSK  की प्लेऑफ की उम्मीदें अब धुंधली हो चुकी हैं और टीम का आत्मविश्वास भी बुरी तरह से हिल गया है। दूसरी ओर, SRH के लिए यह जीत नई ऊर्जा और आत्मविश्वास का स्रोत बन सकती है।

हर्षल ने चेपॉक में दिखाया कमाल

चेपॉक के मैदान पर खेले गए इस रोमांचक मुकाबले में हर्षल पटेल की घातक गेंदबाज़ी ने CSK की कमर तोड़ दी। सनराइजर्स हैदराबाद ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाज़ी करने का फैसला किया और पहले ही ओवर में मोहम्मद शमी ने विकेट लेकर टीम को बेहतरीन शुरुआत दिलाई।

हालांकि युवा बल्लेबाज़ आयुष म्हात्रे ने 30 रनों की तेज़ तर्रार पारी खेली, लेकिन पावरप्ले के भीतर ही चेन्नई के 3 विकेट सिर्फ 47 रन पर गिर गए। इसके बाद डेब्यू कर रहे डेवाल्ड ब्रेविस (44 रन) ने छक्कों की बरसात करते हुए उम्मीद जगाई, लेकिन कामिंडु मेंडिस के कमाल के कैच ने उन्हें भी चलता किया।

इसके बाद हर्षल पटेल (4 विकेट देकर 28 रन) और पैट कमिंस (2 विकेट) ने चेन्नई के बल्लेबाजों को खुलकर खेलने नहीं दिया और पूरी टीम 19.5 ओवर में 154 रन पर ढेर हो गई।

155 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी SRH की शुरुआत खराब रही। दूसरे ओवर की दूसरी ही गेंद पर खलील अहमद ने अभिषेक शर्मा को शून्य पर आउट कर दिया। ट्रेविस हेड (19 रन) और हेनरिक क्लासेन (7 रन) भी जल्दी पवेलियन लौट गए।

हालात बिगड़ते देख ईशान किशन और अनिकेत वर्मा ने 36 रनों की अहम साझेदारी की, जिससे जीत की उम्मीदें जगीं। लेकिन किशन 44 रन बनाकर आउट हो गए, और थोड़ी ही देर में अनिकेत (19 रन) भी चलते बने।

आखिरी ओवरों में CSK की कसी हुई गेंदबाज़ी ने दबाव बना दिया और SRH को जीत के बेहद करीब पहुंचकर हार का सामना करना पड़ा।

दुनिया का 8वां अजूबा भी CSK पर हुआ भारी 

क्रिकेट के मैदान पर जब रोमांच अपने चरम पर होता है, तो कुछ खिलाड़ी ऐसे होते हैं जो अपने प्रदर्शन से खेल को ही नया मोड़ दे देते हैं।

ऐसा ही कुछ देखने को मिला जब SRH और CSK के बीच मुकाबला हुआ, और इसमें चमके कामिंदु मेंडिस – जिन्होंने न सिर्फ अपने ऑलराउंड प्रदर्शन से सनराइजर्स हैदराबाद को जीत दिलाई, बल्कि यह भी साबित कर दिया कि वे क्यों दुनिया के 8वें अजूबे जैसे हैं।

मैच की शुरुआत में CSK के लिए डेवाल्ड ब्रेविस ने तेजतर्रार 42 रनों की पारी खेली और टीम को एक सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया।

लेकिन कामिंदु मेंडिस ने मैदान में कमाल कर दिया – उन्होंने फील्डिंग के दौरान हवा में उड़ते हुए जो कैच पकड़ा, वह दर्शकों के लिए एक जादुई पल था। ब्रेविस जैसे खतरनाक बल्लेबाज़ को इस अंदाज़ में आउट कर मेंडिस ने SRH की पकड़ मजबूत कर दी।

CSK और SRH दोनों की एक जैसी शुरुआत

बल्लेबाज़ी में भी मेंडिस का प्रदर्शन देखने लायक रहा। जब SRH को 8 ओवरों में 65 रनों की ज़रूरत थी, मेंडिस छठे क्रम पर उतरे। उन्होंने एक छोर मजबूती से संभाला और नाबाद 32 रन बनाए, वो भी सिर्फ 22 गेंदों में।

उनकी यह पारी न सिर्फ सूझ-बूझ से भरी थी, बल्कि उसमें मैच जिताने का आत्मविश्वास भी झलक रहा था। नितीश कुमार रेड्डी के साथ उनकी 49 रनों की अटूट साझेदारी ने CSK की उम्मीदों पर पानी फेर दिया और SRH को जीत दिला दी।

अगर दोनों टीमों की शुरुआत की बात करें, तो दिलचस्प बात यह रही कि दोनों को एक जैसी शुरुआत मिली। CSK का पहला विकेट शून्य पर गिरा जब मोहम्मद शमी ने शेख रशीद को चलता किया।

वहीं, खलील अहमद ने SRH के लिए दूसरी ही गेंद पर अभिषेक शर्मा को आउट कर मैच का रुख बदल दिया। हालांकि ट्रेविस हेड और ईशान किशन की जोड़ी ने कुछ देर तक पारी को संभाला, लेकिन अंशुल कम्बोज ने हेड को आउट कर CSK को एक और झटका दे दिया।

इस मैच में कामिंदु मेंडिस का प्रदर्शन केवल एक खिलाड़ी की जीत नहीं थी, बल्कि यह टीम के लिए एक प्रेरणा था – कैसे मैदान पर धैर्य, जोश और चतुराई के साथ खेला जाए। SRH की यह जीत दिखाती है कि खेल में कभी भी कोई भी “अजूबा” भारी पड़ सकता है – और इस बार, वो अजूबा था कामिंदु मेंडिस।

चेन्नई की बल्लेबाजी लड़खड़ाई

चेन्नई सुपर किंग्स (CSK ) की पारी की शुरुआत बेहद खराब रही। पहले ही ओवर की पहली गेंद पर टीम ने रशीद का विकेट गंवा दिया, जिससे दबाव की शुरुआत हो गई।

इस झटके के बाद टीम ने सैम करन को तीसरे नंबर पर भेजकर एक साहसी फैसला लिया, लेकिन यह दांव भी विफल साबित हुआ। सैम करन मात्र 9 रन बनाकर हर्षल पटेल की गेंद पर पवेलियन लौट गए।

इसके बाद रवींद्र जडेजा भी कुछ खास नहीं कर सके और कामिंडु मेंडिस ने उन्हें 21 रनों के निजी स्कोर पर चलता किया। ब्रेविस जब बल्लेबाजी करने आए तो शुरुआत से ही आक्रामक नजर आए और तेजी से रन बटोरने लगे

ऐसा लग रहा था कि वह CSK की पारी को संजीवनी देंगे, लेकिन मेंडिस के एक चमत्कारी कैच ने उनका अर्धशतक बनने से पहले ही खेल खत्म कर दिया। एक छोर से लगातार विकेट गिरते रहे। एमएस धोनी, जिनसे हमेशा उम्मीद रहती है, इस बार सिर्फ 6 रन बनाकर आउट हो गए। अंशुल कम्बोज और नूर अहमद भी क्रमशः 2-2 रन बनाकर चलते बने।

चेन्नई की डूबती नैया को आखिरकार दीपक हुड्डा ने कुछ हद तक संभाला। उन्होंने दबाव में खेलते हुए 21 गेंदों पर 22 रन बनाए और टीम को किसी तरह 150 रन के पार पहुंचाया। लेकिन यह स्कोर किसी भी तरह सुरक्षित नहीं कहा जा सकता था।

ईशान और कामिंडु ने दिलाई जीत

हैदराबाद की गेंदबाज़ी इस मैच में काबिले-तारीफ़ रही। हर्षल पटेल ने अपने चार विकेटों से चेन्नई की कमर तोड़ दी। वहीं, जयदेव उनादकट और पैट कमिंस ने दो-दो विकेट लेकर चेन्नई के बल्लेबाजों पर लगातार दबाव बनाए रखा। मोहम्मद शमी और कामिंडु मेंडिस ने भी एक-एक विकेट लेकर गेंदबाज़ी में योगदान दिया।

लक्ष्य का पीछा करने उतरी सनराइजर्स हैदराबाद की शुरुआत भी डांवाडोल रही। दूसरे ही गेंद पर अभिषेक शर्मा खाता खोले बिना आउट हो गए।

लेकिन इसके बाद ट्रेविस हेड और ईशान किशन ने मिलकर पारी को संभालने की कोशिश की। हेड ने 19 रन बनाए, जबकि ईशान किशन ने इस सीजन की अपनी दूसरी सबसे बड़ी पारी खेलते हुए 34 गेंदों पर 44 रन की महत्वपूर्ण पारी खेली।

हालांकि हेनरिख क्लासन (7) और अनिकेत वर्मा (19) ज्यादा देर तक टिक नहीं सके और 106 रनों तक आते-आते हैदराबाद के पांच विकेट गिर चुके थे।

इस मुश्किल परिस्थिति में कामिंडु मेंडिस और नीतीश कुमार रेड्डी ने धैर्य और आक्रामकता का बेहतरीन मिश्रण दिखाते हुए 29 गेंदों में 49 रनों की नाबाद साझेदारी की और 19वें ओवर में ही अपनी टीम को जीत दिला दी।

कुल मिलाकर यह मुकाबला उतार-चढ़ाव से भरा हुआ था, लेकिन हैदराबाद ने संयम और समझदारी के साथ लक्ष्य को हासिल करते हुए शानदार जीत दर्ज की।

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