ranji trophy : भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार खिलाड़ी और कप्तान रोहित शर्मा लंबे समय से रेड बॉल क्रिकेट में अपनी फॉर्म से जूझ रहे हैं।
पिछले 15 टेस्ट पारियों में उनका औसत मात्र 10.93 रहा है, जिसमें उन्होंने सिर्फ 164 रन बनाए हैं।
बांग्लादेश, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनके खराब प्रदर्शन के बाद क्रिकेट प्रशंसकों और विशेषज्ञों ने उनकी तकनीक और आत्मविश्वास पर सवाल उठाए।
अपनी फॉर्म वापस पाने और आलोचनाओं को शांत करने के लिए रोहित ने घरेलू क्रिकेट का रुख किया। करीब 10 साल बाद उन्होंने रणजी ट्रॉफी में वापसी की और गुरुवार, 23 जनवरी को जम्मू-कश्मीर के खिलाफ मैदान पर उतरे।
हालांकि, उनकी मुश्किलें यहीं खत्म नहीं हुईं। महज 19 गेंदों का सामना करने के बाद रोहित केवल 3 रन बनाकर पवेलियन लौट गए।
यह प्रदर्शन न केवल उनकी निरंतर गिरती फॉर्म को दर्शाता है, बल्कि उनकी वापसी की राह को और चुनौतीपूर्ण बना देता है।
also read: IND vs ENG: क्रिकेट फैंस के लिए खुशखबरी, दूसरे T20 में नहीं लेना पड़ेगा ये टिकट
रोहित के अलावा युवा बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल, जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर अपनी बल्लेबाजी से प्रभावित किया था, इस मैच में पूरी तरह नाकाम रहे।
यशस्वी से उम्मीद थी कि वह घरेलू क्रिकेट में अपनी शानदार फॉर्म जारी रखेंगे, लेकिन वह भी बड़ा स्कोर बनाने में नाकाम रहे।
रोहित और यशस्वी का यह प्रदर्शन भारतीय टीम के लिए चिंता का विषय है, खासकर आगामी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों को ध्यान में रखते हुए।
घरेलू क्रिकेट को खिलाड़ियों के लिए फॉर्म हासिल करने का बेहतरीन मंच माना जाता है, लेकिन रोहित और यशस्वी की यह असफलता उनकी तैयारी और मानसिकता पर सवाल खड़े करती है।
क्रिकेट प्रशंसक और टीम मैनेजमेंट अब यह उम्मीद करेंगे कि दोनों खिलाड़ी जल्द ही अपनी फॉर्म में वापसी करें और अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी क्षमता का प्रदर्शन करें।
यशस्वी-रोहित ने रचा इतिहास
यशस्वी और रोहित ने बल्ले से फ्लॉप खेल दिखाया, लेकिन इस दौरान उन्होंने रणजी ट्रॉफी में एक इतिहास भी रच दिया।
दरअसल, यशस्वी जायसवाल और रोहित शर्मा की जोड़ी ने जम्मू और कश्मीर के खिलाफ मुंबई के लिए पारी का आगाज किया।
इस दौरान मैदान पर कदम रखते ही यशस्वी और रोहित की जोड़ी ने इतिहास रच दिया। एक ही रणजी ट्रॉफी टीम के लिए ओपनिंग करने वाली वह पहली सक्रिय भारतीय टेस्ट सलामी जोड़ी बन गई।
भारतीय टेस्ट टीम में भी रोहित और यशस्वी मैच में ओपनिंग करने उतरते है। अब रणजी ट्रॉफी में भी एक ही टीम की तरफ से ये दोनों खिलाड़ी ओपनिंग करने आए।
रोहित बल्ले से फ्लॉप ही रहे। उन्होंने 19 गेंदों का सामना करते हुए केवल 3 रन बनाए, जबकि यशस्वी 4 रन बनाकर चलते बने।
रणजी ट्रॉफी मैच में 17 साल बाद खेलने वाले भारत के पहले कप्तान रोहित शर्मा बन गए हैं। इससे पहले आखिरी कप्तान अनिल कुंबले थे, जिन्होंने 2008 में महाराष्ट्र के लिए मैदान में कदम रखा था।
भारत के कप्तान मुंबई के नहीं…
वहीं, रोहित शर्मा ने आखिरी बार 2015 में रणजी मैच खेला था। उस मैच में यूपी के खिलाफ उन्होंने 113 रनों की शानदार पारी खेली थी।
हालांकि, रोहित शर्मा भारत के कप्तान होने के बावजूद मुंबई की टीम की अगुवाई नहीं कर रहे। अंजिक्य रहाणे को मुंबई की टीम का कप्तान बनाया गया है।
अगर बात करें मैच की तो मुंबई की टीम ने 19 ओवर के खेल तक 7 विकेट के नुकसान पर 60 रन बना लिए हैं।
यशस्वी जायसवाल (4), रोहित शर्मा (3), हार्दिक (7), अंजिक्य रहाणे (12), श्रेयस अय्यर (11), शिवम दुबे (0), शम्स मुलानी (0)। क्रीज पर फिलहाल खबर लिखें जाने तक शार्दुल ठाकुर और तनुष कोटियन बैटिंग कर रहे हैं।
रणजी ट्रॉफी 2025 में मुंबई की प्लेइंग 11
यशस्वी जयसवाल, रोहित शर्मा, अजिंक्य रहाणे (कप्तान), श्रेयस अय्यर, हार्दिक तमोरे (विकेटकीपर), शिवम दुबे, शार्दुल ठाकुर, शम्स मुलानी, तनुष कोटियन, मोहित अवस्थी, कर्ष कोठारी
रोहित जम्मू-कश्मीर के खिलाफ परेशान
रणजी ट्रॉफी के एक अहम मुकाबले में मुंबई के कप्तान अजिंक्य रहाणे ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का निर्णय लिया।
भारत के स्टार खिलाड़ी रोहित शर्मा और युवा बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल की जोड़ी ने पारी की शुरुआत की। दोनों से टीम को एक मजबूत शुरुआत की उम्मीद थी, लेकिन जम्मू-कश्मीर के गेंदबाजों ने उन्हें कड़ी चुनौती दी।
खासतौर पर 6 फीट 4 इंच लंबे तेज गेंदबाज उमर नजीर ने रोहित और यशस्वी को काफी परेशान किया। रोहित शर्मा, जो हाल ही में अपनी फॉर्म को लेकर संघर्ष कर रहे हैं, उमर नजीर के सामने पूरी तरह बेबस नजर आए।
उमर की धारदार गेंदबाजी के सामने रोहित कई बार बीट हुए। लगातार 12 डॉट गेंदों के दबाव में, रोहित ने आखिरकार 13वीं गेंद पर अपना विकेट गंवा दिया। वह केवल 3 रन बनाकर पवेलियन लौटे।
दूसरी ओर, यशस्वी जायसवाल, जो हाल ही में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर शानदार प्रदर्शन कर चुके हैं, इस मैच में आत्मविश्वास से भरे हुए नजर आए।
उन्होंने पारी की दूसरी गेंद पर चौका लगाकर अपना इरादा साफ कर दिया था। ऑस्ट्रेलिया में 5 मैचों की सीरीज में 43 की औसत से 391 रन बनाने वाले यशस्वी से बड़ी पारी की उम्मीद थी।
हालांकि, वह भी ज्यादा देर तक क्रीज पर टिक नहीं सके और 8 गेंदों में केवल 5 रन बनाकर आउट हो गए।
रोहित-यशस्वी का प्रदर्शन निराशाजनक
जम्मू-कश्मीर के गेंदबाजों, विशेष रूप से उमर नजीर, ने अपनी गति और उछाल का बेहतरीन इस्तेमाल किया और मुंबई के बल्लेबाजों को शुरू से ही दबाव में रखा।
मुंबई की मजबूत बल्लेबाजी क्रम को देखते हुए यह प्रदर्शन जम्मू-कश्मीर के लिए एक बड़ी सफलता है।
रोहित शर्मा और यशस्वी जायसवाल का यह प्रदर्शन न केवल उनकी व्यक्तिगत फॉर्म के लिए, बल्कि मुंबई की टीम के लिए भी चिंता का विषय है।
घरेलू क्रिकेट का यह मंच खिलाड़ियों के लिए अपनी फॉर्म वापस पाने और आत्मविश्वास बढ़ाने का बेहतरीन मौका होता है। लेकिन इस मैच में रोहित और यशस्वी की नाकामी से टीम प्रबंधन और प्रशंसकों को निराशा हुई है।
आने वाले मैचों में दोनों खिलाड़ियों से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद की जाएगी ताकि न केवल वे अपनी फॉर्म वापस पा सकें, बल्कि टीम को भी मजबूती प्रदान कर सकें।
खतरे में रोहित शर्मा का टेस्ट करियर
भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान और अनुभवी बल्लेबाज रोहित शर्मा का टेस्ट करियर इन दिनों गंभीर संकट में है।
बल्लेबाजी में लगातार खराब प्रदर्शन के कारण उनकी टेस्ट टीम में जगह खतरे में पड़ती नजर आ रही है। हालिया टेस्ट सीरीजों में उनकी असफलता ने चयनकर्ताओं और प्रशंसकों के बीच कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हुई पिछली टेस्ट सीरीज में रोहित का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा। उन्होंने 5 पारियों में सिर्फ 6.2 की औसत से कुल 31 रन बनाए।
इस प्रदर्शन ने उनके तकनीकी कौशल और मानसिक मजबूती पर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक ऐसे खिलाड़ी के लिए, जो सफेद गेंद के क्रिकेट में अद्वितीय रिकॉर्ड रखते हैं, टेस्ट क्रिकेट में इस तरह का प्रदर्शन उनकी छवि को नुकसान पहुंचा सकता है।
आने वाले महीनों में भारतीय टीम को इंग्लैंड दौरे पर 5 मैचों की टेस्ट सीरीज खेलनी है। यह सीरीज रोहित शर्मा के टेस्ट करियर के लिए निर्णायक साबित हो सकती है।
हालांकि, इस सीरीज में उनकी जगह सुनिश्चित नहीं है। टीम में चयन अब पूरी तरह से उनके घरेलू क्रिकेट में प्रदर्शन पर निर्भर करेगा।
टेस्ट टीम से बाहर का रास्ता!
रणजी ट्रॉफी और अन्य घरेलू टूर्नामेंटों में रोहित को अपनी फॉर्म साबित करनी होगी। अगर वह घरेलू क्रिकेट में रन बनाने में नाकाम रहे, तो संभव है कि चयनकर्ता उन्हें टेस्ट टीम से बाहर का रास्ता दिखा दें।
भारतीय क्रिकेट में कई युवा बल्लेबाज फॉर्म में हैं, जो रोहित की जगह लेने के लिए तैयार खड़े हैं। ऐसे में रोहित के लिए यह जरूरी है कि वह बल्ले से अपनी क्षमता का प्रदर्शन करें और टीम में अपनी जगह बनाए रखें।
टेस्ट क्रिकेट में रोहित का अब तक का सफर मिलाजुला रहा है। उनके कुछ यादगार शतक और प्रभावी पारियां जरूर रही हैं, लेकिन निरंतरता की कमी ने उन्हें हमेशा आलोचनाओं के घेरे में रखा।
सफेद गेंद के क्रिकेट में उनके अभूतपूर्व प्रदर्शन ने उन्हें एक महान खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया है, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में उनकी पहचान अब भी संघर्षों से जुड़ी है।
अगर रोहित घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करने में नाकाम रहे, तो यह उनके टेस्ट करियर का अंत भी हो सकता है।
रोहित के लिए आत्मविश्लेषण का समय
भारतीय क्रिकेट में प्रतिस्पर्धा इतनी अधिक है कि एक खराब दौर भी किसी खिलाड़ी को टीम से बाहर कर सकता है।
रोहित के लिए यह समय आत्मविश्लेषण का है। उन्हें न केवल अपनी तकनीकी कमियों को दूर करना होगा, बल्कि मानसिक रूप से भी खुद को मजबूत बनाना होगा।
रोहित शर्मा के प्रशंसक और भारतीय क्रिकेट के समर्थक उनके टेस्ट करियर को खत्म होते हुए नहीं देखना चाहते।
अब यह पूरी तरह से रोहित पर निर्भर करता है कि वह इस चुनौती को कैसे स्वीकार करते हैं और अपनी काबिलियत को साबित करते हैं।