rohit sharma retire: सिडनी में ऑस्टेलिया के साथ भारत का मुकाबला जारी है। आज दूसरे दिन का मैच जारी है और कप्तानी बुमराह कर थे लेकिन अब विराट कोहली को सौंप दी गई है।
इस सभी के बीच ये अटकलें लगाई जा रही थी कि रोहित सिडनी टेस्ट के बाद टेस्ट मैच से संन्यास की घोषणा कर देंगे। लेकिन रोहित शर्मा ने इसके लेकर बयान जारी कर ही दिया है।
रोहित ने संन्यास की सभी रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया है। रोहित शर्मा ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की सभी अटकलों को खारिज करते हुए साफ किया है ।
उन्होंने सिर्फ अपनी बैटिंग फॉर्म को लेकर टीम के हित में यह फैसला लिया है। उनका मानना है कि व्यक्तिगत हित से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण भारत का ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांचवां टेस्ट मैच जीतना था।
सिडनी में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले जा रहे इस पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के आखिरी मुकाबले में, रोहित ने कहा कि यह कोई संन्यास नहीं है और वह जल्दी ही पूरी ताकत के साथ वापसी करेंगे।
उन्होंने यह भी बताया कि वह इस टेस्ट मैच में नहीं खेल रहे हैं, क्योंकि भारतीय टीम के लिए इस मैच को जीतना और बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी को रिटेन करना अधिक जरूरी था।
This Is VINTAGE ROHIT SHARMA 😂😂😂 pic.twitter.com/TTl7pyH0YY
— Dr Khushboo 🇮🇳 (@khushbookadri) January 4, 2025
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अरे भाई! मैं किधर भी जा नहीं रहा हूं
रोहित शर्मा ने आत्मविश्वास से भरी हुई बातों के साथ अपने मनोबल को उच्च रखा। उन्होंने कहा, “मुझे अपने आप पर शक नहीं करना है।
मुझे पता है कि जो मैं कर रहा हूं, वह सही है।” रोहित ने यह भी कहा कि यह जरूरी नहीं कि हर फैसला हमेशा सही हो, लेकिन खुद पर विश्वास रखना बेहद महत्वपूर्ण है।
रोहित ने आगे कहा, “हम मैदान पर जीतने के लिए जाते हैं, और जैसा ऑस्ट्रेलियाई फैंस मैच देखने आते हैं, हमें उनका मुंह बंद कराना है।”
उन्होंने यह भी बताया कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ट्रॉफी रिटेन करने का यह एक सुनहरा मौका है। हालांकि, भारत सीरीज नहीं जीत सकता, लेकिन वे ड्रॉ करके ऑस्ट्रेलिया को जीतने से रोक सकते हैं।
रोहित ने टीम के सकारात्मक रवैये को एक बड़ी उपलब्धि बताया और कहा, “अगर हम तीन बार ऑस्ट्रेलिया आकर सकारात्मक नतीजे लेकर घर जाते हैं तो इससे शानदार कुछ नहीं होगा।”
अंत में, रोहित ने अपने अंदाज में कहा, “अरे भाई! मैं किधर भी जा नहीं रहा हूं,” जो उनके आत्मविश्वास और जीत के इरादों को साफ दर्शाता है।
लंच ब्रेक के दौरान रोहित का संन्यास
सिडनी टेस्ट के दूसरे दिन लंच ब्रेक के दौरान रोहित शर्मा ने ऑफिशियल ब्रॉडकास्टर स्टार स्पोर्ट्स से लगभग 15 मिनट तक बातचीत की और उन सभी मीडिया रिपोर्ट्स का खंडन किया, जिसमें यह कहा जा रहा था कि वह टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने जा रहे हैं।
हाल ही में कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि रोहित ने बीसीसीआई और टीम मैनेजमेंट को टेस्ट से संन्यास लेने की जानकारी दे दी है और सिडनी टेस्ट के बाद वह इसका ऐलान करेंगे। लेकिन रोहित ने इन अटकलों को सिरे से नकारते हुए स्पष्ट किया कि यह कोई संन्यास का फैसला नहीं है।
उन्होंने बताया कि अपनी बैटिंग फॉर्म के कारण उन्होंने यह कदम उठाया, लेकिन उनके लिए टीम का हित व्यक्तिगत हित से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण था।
रोहित ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांचवें टेस्ट को जीतना उनके लिए सबसे जरूरी था और इसी कारण उन्होंने यह फैसला लिया।
खराब बैटिंग से सिडनी टेस्ट नहीं खेला
रोहित शर्मा ने सिडनी टेस्ट में न खेलने के फैसले को लेकर खुलासा किया और बताया कि उनकी बैटिंग फॉर्म अच्छी नहीं चल रही थी। उन्होंने कहा, “मेरे दिमाग में चल रहा था कि मेरी बैटिंग फॉर्म ठीक नहीं है।
आउट ऑफ फॉर्म खिलाड़ियों को ज्यादा मौके नहीं दिए जा सकते। इसलिए मैंने कोच और चयनकर्ताओं से यह बात साझा की कि ये चीजें मेरे मन में चल रही हैं।”
रोहित ने आगे बताया कि कोच और चयनकर्ताओं ने उनके फैसले की सराहना की और कहा, “आप इतने समय से खेल रहे हो, आपको पता है कि आप क्या कर रहे हो और क्या नहीं कर रहे हो।”
उन्होंने स्वीकार किया कि यह फैसला लेना मुश्किल था, लेकिन अगर सबकुछ सामने रखा जाए तो यह फैसला जरूरी था।
रोहित ने कहा, “मैं ज्यादा आगे की नहीं सोच रहा था, बस इस समय पर टीम को क्या चाहिए था, यही सोच रहा था। इसके अलावा कुछ नहीं सोचा।
सिडनी टेस्ट से पहले ना खेलने का फैसला
रोहित शर्मा ने स्पष्ट किया कि उन्होंने सिडनी टेस्ट से ठीक पहले न खेलने का फैसला लिया था। जब उनसे पूछा गया कि क्या यह फैसला उन्होंने मेलबर्न टेस्ट के बाद लिया था या सिडनी टेस्ट से एक दिन पहले, तो उन्होंने कहा, “यह फैसला मैंने सिडनी आकर लिया।
मेलबर्न टेस्ट के बाद हमारे पास दो दिन का समय था, जिसमें से एक दिन नए साल का था। नए साल पर मुझे चयनकर्ता और कोच से इस बारे में बात नहीं करनी थी।”
रोहित ने आगे कहा, “मेरे दिमाग में यह चल रहा था कि मैं कोशिश कर रहा हूं, लेकिन फॉर्म में नहीं आ पा रहा हूं। इसलिए यह जरूरी था कि मैं समझूं कि मुझसे नहीं हो रहा है और मेरे लिए टीम के हित में किनारे हटना सही था।”
राहुल-यशस्वी की ओपनिंग पर रोहित का बयान(rohit sharma retire)
रोहित शर्मा ने केएल राहुल और यशस्वी जायसवाल की ओपनिंग जोड़ी के बारे में बात करते हुए कहा कि टीम को शुरुआती तीन टेस्ट मैचों में सफलता दिलाने में इन दोनों की साझेदारी का अहम योगदान था।
पर्थ, एडिलेड और गाबा में इन दोनों ने ओपनिंग की थी, और मेलबर्न में खुद रोहित ने यशस्वी के साथ ओपनिंग की थी।
रोहित ने बताया, “जब मैं पर्थ पहुंचा था, तो मुझे ये समझ में आया कि हमारी जीत की दो मुख्य वजहें थीं। पहली, हमने ऑस्ट्रेलिया को 100 रन के आसपास आउट किया था, जबकि हम 150 रन पर आउट हो गए थे। दूसरी पारी में भारत की ओपनिंग साझेदारी ने 200 रन का आंकड़ा पार किया, जो मैच का टर्निंग प्वाइंट साबित हुई।”
यह भी कहा, “राहुल और यशस्वी ने गेंदबाजों की मदद से चुनौती का सामना किया और टीम को ऐसी स्थिति में ला खड़ा किया, जहां से हारना मुश्किल था। यह सब कुछ मेरे दिमाग में था और मुझे लगा कि इसमें बदलाव की कोई जरूरत नहीं है।”
रोहित ने आगे कहा, “कप्तानी करते वक्त मैं यह नहीं सोचता कि अगले पांच या छह महीने में क्या होगा। मैं इस पर ध्यान देता हूं कि अब क्या चाहिए टीम को।
इस समय हमारा पूरा ध्यान बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी रिटेन करने पर था। इसलिए यह फैसला टीम की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए लिया गया।”
ये फैसला संन्यास का नहीं है…
रोहित शर्मा ने संन्यास की अफवाहों पर सफाई देते हुए कहा कि उनका यह फैसला संन्यास का नहीं है और वह इस प्रारूप से पीछे नहीं हटने वाले हैं।
उन्होंने स्पष्ट किया, “सिडनी टेस्ट से मैं बाहर हुआ हूं क्योंकि मेरी बैटिंग फॉर्म ठीक नहीं चल रही थी। क्रिकेट में कोई गारंटी नहीं है कि पांच महीने बाद मेरा बल्ला नहीं चलेगा। हमें यह समझना होगा कि क्रिकेट में हर पल कुछ भी बदल सकता है।”
रोहित ने कहा, “मुझे अपने आप पर विश्वास है कि चीजें बदलेंगी। लेकिन इस समय मुझे यह भी समझना था कि क्या जरूरी है।(rohit sharma retire)
जो लोग संन्यास की बातें कर रहे हैं, उनसे हमारी जिंदगी नहीं बदलने वाली। वे नहीं तय कर सकते कि हम कब संन्यास लें, कब खेलें या कब कप्तानी करें।”
उन्होंने कहा, “हमें यथार्थवादी होना होगा। जो लोग माइक या कलम लेकर बोलते हैं, उनसे हमारी जिंदगी पर कोई असर नहीं पड़ता।
मैं समझदार हूं, मैच्योर हूं और दो बच्चों का बाप हूं, तो मुझे यह अच्छे से समझ आता है कि जीवन में क्या चाहिए। जो कुछ भी लिखा या कहा जा रहा है, वह हमारे नियंत्रण में नहीं है। इस पर ध्यान देने से कुछ नहीं होगा। हम सिर्फ अपना खेल खेलें और जीतने पर ध्यान दें, यही हमारे लिए महत्वपूर्ण है।”
रोहित ने भावनाओं पर कैसे पाया काबू
रोहित शर्मा ने अपनी भावनाओं पर काबू पाने के बारे में बात करते हुए कहा कि यह उनके लिए बहुत मुश्किल था। उन्होंने बताया, “मैं यहां बाहर बैठने नहीं आया हूं, मैं मैच खेलना चाहता हूं और अपनी टीम को जिताना चाहता हूं।
2007 में जब मैंने ड्रेसिंग रूम में कदम रखा था, तब से लेकर आज तक मेरी यही मानसिकता रही है। कभी-कभी आपको यह समझना पड़ता है कि टीम की जरूरत क्या है। अगर आप टीम के लिए नहीं खेल रहे हैं, तो इसका कोई मतलब नहीं।”
रोहित ने आगे कहा, “अगर आप सिर्फ अपने लिए रन बनाएंगे और फिर ड्रेसिंग रूम में बैठ जाएंगे, तो इससे कोई फायदा नहीं है। टीम के बारे में सोचना बेहद जरूरी है, क्योंकि क्रिकेट एक टीम गेम है, अकेले नहीं खेल सकते। टीम के लिए जो जरूरी है, वह करना चाहिए।”
‘क्या इसे बेंचमार्क साबित किया जाना चाहिए?’
यह कहे जाने पर कि क्या इसे बेंचमार्क साबित किया जाना चाहिए? रोहित ने कहा- मैं दूसरे लोगों का कुछ नहीं कह सकता। ये सिर्फ मेरे निजी विचार हैं। इसी तरह से मैंने पूरे जीवन में क्रिकेट खेला है और मैदान से बाहर भी मेरी यही धारणा है।
ऐसा नहीं है कि मैं कुछ और दिखाने की कोशिश कर रहा हूं। जो है वो दिख रहा है। किसी को अगर पसंद नहीं है तो माफ कीजिए। जो मुझे लगता है वह मैं करता हूं, जो मुझे गलत लगता है वह मैं नहीं करता हूं। एकदम साफ बात। इससे क्या डरना है।
रोहित ने बुमराह की जमकर की तारीफ
बुमराह के बारे में पूछे जाने पर रोहित ने कहा- उन्हें गेम का अच्छा आइडिया है। अपनी गेंदबाजी से जैसे वह दूसरे लोगों के लिए उदाहरण सेट करते हैं, वो क्लास है। गेम को समझते हैं और हमेशा टीम को आगे रखते हैं।
मैं उन्हें पिछले 11 साल से देख रहा हूं। 2013 में पहली बार मैंने देखा था उनको। उनका भी जो ग्राफ ऊपर गया है, वह अपने आप में एक उदाहरण है।
अपनी गेंद को लेकर, अपनी सोच को लेकर, जिस तरह से वह गेंदबाजी करते हैं, पूरी दुनिया देख रही है। वह हमारी मजबूती हैं, इसमें कोई शक नहीं है।
कौन टेस्ट कप्तानी के लिए तैयार?
जब रोहित से पूछा गया कि बुमराह के अलावा कौन सा खिलाड़ी टेस्ट में कप्तानी के लिए तैयार है, तो उन्होंने कहा, “इसके बारे में अभी कुछ कहना मुश्किल है।
बहुत से लड़के हैं, लेकिन मुझे लगता है कि पहले उन्हें क्रिकेट की अहमियत समझनी चाहिए। अभी काफी नए लड़के हैं, और मैं चाहता हूं कि वे अपनी मेहनत से इसे हासिल करें। उन्हें कप्तानी का मौका पाने के लिए अगले कुछ सालों तक कठिन क्रिकेट खेलना चाहिए।”
रोहित ने आगे कहा, “मैं, बुमराह, कोहली और धोनी सभी ने कप्तानी मुश्किल क्रिकेट खेलने के बाद ही हासिल की थी। किसी को भी कप्तानी आसानी से नहीं मिली।
यह एक बड़ा सम्मान है और बड़ी जिम्मेदारी है। भारतीय टीम की कप्तानी का दबाव और महत्व समझना जरूरी है। युवाओं को यह मौका मिलेगा, लेकिन उन्हें मेहनत करने दीजिए।”
कप्तानी करते हुए रोहित को मिलीं ये सीख
रोहित शर्मा ने लीडरशिप के अनुभव पर बात करते हुए कहा, “लीडरशिप में हर दिन आपके अच्छे दिन नहीं रहेंगे। आपको इसे स्वीकार करना होगा। यह समझना जरूरी है कि जो आप पिछले तीन महीने से अच्छे तरीके से कर रहे थे, वह अचानक से तीन महीने में खराब नहीं हो सकता।
आपके आइडियाज और माइंडसेट वही रहते हैं। जो कप्तानी मैं पिछले आठ महीने में कर रहा था, वही सोच अभी भी कायम है। लेकिन अगर सफलता नहीं मिलती, तो लोग कहते हैं कि ये क्या कर रहा है, यह बेकार है।”
उन्होंने आगे कहा, “हम भारत में रहते हैं, जहां 140 करोड़ लोग हमें जज करते हैं। लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। मेरी तकनीक और रणनीतियों में कोई बदलाव नहीं आएगा।”