टोक्यो | रवि कुमार दहिया ने देश के लिए Silver Medal जीतकर (ravi kumar dahiya won) हमें गौरव से भर दिया है। परन्तु उनकी सेमीफाइनल बाउट का एक वीडियो ट्रेंड हो रहा है, जिसमें कजाखस्तानी पहलवान ने चित्त होने से बचने के लिए उन्हें बाजू पर काट खाया। यह रैफरी को तो नहीं दिखा लेकिन रवि दहिया ने फिर भी उसे चित्त करके ही मैच जीता। इस मैच में बुरी से रवि पिछड़ रहे थे। यहां तक कि कजाक पहलवान के चेहरे पर जीत की खुशी झलक रही थी, लेकिन जिस तरह से रवि ने दावं लगाकर उसे चित किया। उससे यह कहावत चरितार्थ हो चली है जो करीब ढाई सौ साल पहले मुगल बादशाह शाह आलम द्वितीय ने कही। जाट मरा तब जानिये जब तेरहवीं हो जाये।
वाह रवि दहिया! जाट मरा जद जाणिए, तेरहवीं हो जाए
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