भारत की जीत मगर आत्मविश्वास से भरी थी। सूर्यकुमार यादव जिस बेखौफ लय और बिंदास लगन से खेल रहे हैं वो भारत के लिए शानदार होगा। याद रहे, जीतने वाले को ही जगभलाई मिलती है। मगर हारने वाले को हरिनाम का ही सहारा रहेगा।
बीसमबीस विश्व कप 2022
कुछ दिन होते हैं, फिर कुछ और दिन भी होते हैं। क्रिकेट का, और जीवन का भी सिलसिला ऐसे ही चलता है। दक्षिण अफ्रीका ने अपने चिर परिचित अंदाज में फिर विश्व कप में खुद का गला घोट लिया। भारत को आखिरी मैच खेलने से पहले ही सेमी-फाइनल में पहुंचा दिया। आत्महत्या करने की आदि अफ्रीकी टीम खुद भी नौसिखिए नीदरलैण्ड से हार कर बाहर हो गई। आस्ट्रेलिया में हो रहे बीसमबीस विश्व कप में क्रिकेट के सबसे छोटे प्रारूप का सबसे ज्यादा रोमांच भरा खेल चल रहा है।
एडिलेड में ही ग्रुप 2 के तीन मैच हुए। पहले में नीदरलैण्ड ने अफ्रीका पर पहली और एतिहासिक जीत दर्ज की। दूसरे में पाकिस्तान जुझते-लड़ते बांग्लादेश से जीता। मगर तीसरे में भारत ने ज़िम्बावे पर शानदार खेल, शालीन समन्वय और सुंदर लय में एक-तरफा जीत हासिल की। अब जा कर आखिरी दिन, विश्व कप में सेमी-फाइनल खेलने वाले देश तय हो पाए हैं। सिडनी में न्यूज़ीलैण्ड और पाकिस्तान, और एडिलेड में भारत और इंग्लैण्ड सेमी-फाइनल खेलेगें।
कल हुए तीनों मैचों में अफ्रीका का नीदरलैण्ड से हारना सभी को हैरान कर गया। इसी विश्व कप में अफ्रीका ने जब भारत को हराया था तो लग रहा था उनने अपनी आत्मघाती मानसिकता पर विजय पा ली है। अफ्रीका में रंगभेद खत्म होने के बाद लग रहा था कि अब उनके मनभेद भी खत्म हो गए हैं। लेकिन लग रहा है कि अफ्रीका में अब नया रंगभेद चल रहा है। क्योंकि जिस टेम्बा बावूमा की टीम में भी जगह नहीं बनती हैं वे उस टीम के कप्तान बना दिए गए थे। अगर अफ्रीका में खेल में भी नस्लीय संख्या देखी जा रही है तो उनका खेल भी बचने वाला नहीं है। जीवन की तरह खेल में भी योग्यता जरूरी होनी चाहिए।
अफ्रीका के अचानक हारने से पाकिस्तान की किस्मत खुल गयी। आज का दिन उनके लिए शुभ रहा। जब वे बांग्लादेश से खेलने उतरे तो जीत मात्र उनको सेमी-फाइनल में ले जा सकती थी। संघर्ष करती पाकिस्तान की बल्लेबाजी को एक और मौका मिला। इस बार भी वे जुझे, फिर लड़खड़ाए और आखिरी ओवर में जीत ही गए। इस जीत और सेमी-फाइनल में जाने से शायद पाकिस्तान का मनोबल बड़े। और न्यूज़ीलैण्ड पर वे भारी पड़ सकते हैं।
भारत की जीत मगर आत्मविश्वास से भरी थी। सूर्यकुमार यादव जिस बेखौफ लय और बिंदास लगन से खेल रहे हैं वो भारत के लिए शानदार होगा। याद रहे, जीतने वाले को ही जगभलाई मिलती है। मगर हारने वाले को हरिनाम का ही सहारा रहेगा। बीसमबीस क्रिकेट तो जरूर जीतेगा।