भारतीय गेंदबाजी ने लहराती हुई शानदार शुरूआत की। अफ्रीका के 24 रन पर तीन आउट हो गए थे। लेकिन फिर मारक्रम और मिलर ने धीमी मगर सूझबूझ भरी साझेदारी गढ़ी। दस ओवर तक संभल कर खेलने के बाद दोनों ने अपने हाथ खोले। अश्विन के एक ओवर में ही दो छक्के लगे और अफ्रीका के लिए मैच खुल गया।
बीसमबीस विश्व कप 2022
दक्षिण अफ्रीका की जीत ने अगर भारत को पांव जमीन पर रहने सीख दी तो पाकिस्तान के पांव घर-वापसी की ओर बढ़ा दिए हैं। भारत और दक्षिण अफ्रीका दोनों अपना तीसरा मैच पर्थ की तेज और अत्यधिक उछाल की नई पिच पर खेल रहे थे। शर्मा जी के बेटे ने अपने और टीम पर विश्वास जताते हुए टॉस जीत कर पहले बल्लेबाजी करना तय किया।
पर्थ की पिच का इतिहास रहा है। पिच पर रफ्तार में हैरान करने वाली तेजी और अप्रत्याशित उछाल रहता है। महान बल्लेबाज भी वहां शॉट खेलने पर अटकते-झिझकते हैं। इस मैच में उछाल और तेजी इतनी थी की रोहित और राहुल के भी पहले शॉट छक्के ही गए। लेकिन फिर अफ्रीका के नगिडि को गेंद करने की सटीक जगह मिली और मामला पलट गया। सिवाए सूर्यकुमार यादव के कोई उस तेज-तर्रार उछाल भरी पिच पर टिक नहीं पाया। लग रहा था किसी तरह 150 रन बन जाएं तो मैच में लड़ना आसान हो सकेगा। भारत केवल 133 रन ही बना पाया। फिर भी अफ्रीका के सामने एक कठिन, तेज उछाल भरी पिच पर जीत के लिए रन बनाने का लक्ष्य तो था ही।
भारतीय गेंदबाजी ने लहराती हुई शानदार शुरूआत की। अफ्रीका के 24 रन पर तीन आउट हो गए थे। लेकिन फिर मारक्रम और मिलर ने धीमी मगर सूझबूझ भरी साझेदारी गढ़ी। दस ओवर तक संभल कर खेलने के बाद दोनों ने अपने हाथ खोले। अश्विन के एक ओवर में ही दो छक्के लगे और अफ्रीका के लिए मैच खुल गया। मैच ऐसा हुआ कि दोनों टीमों में कौन खराब खेला यह बता पाना मुश्किल है। मिलर ने अंत तक अपना संयम और विश्वास नहीं खोया। और अखिरी ओवर में अफ्रीका को जीत दिलायी।
भारत की हार से पहले विश्व कप के दो और मैच हुए। जिसमें ग्रुप 2 के अन्य देश भी खेल रहे थे। बांग्लादेश और ज़िम्बाबवे के मैच में हैरानी भरा रोमांच रहा। इन तीनों मैचों से ग्रुप 2 की स्थिति साफ हो रही है। पाकिस्तान ने पहली जीत तो दर्ज की लेकिन सेमी-फाइनल उनके लिए मुश्किल हो गया है। बांग्लादेश जरूर उठापटक करने की स्थिति में आया है। मगर अभी उनके कड़े मैच होने बाकी हैं। नेदरलैण्ड तीन मैच हार कर बाहर है।
बांग्लादेश और ज़िम्बाबवे का मैच सवाल खड़े कर गया। क्या खेल की लय और गति को रोकने का अधिकार तकनीक को दिया जा सकता है? इस पर खेल के राजनीतिक आकाओं को गहन विचार-विमर्श करना होगा।