उतराखंड में आए दिन प्राकृतिक आपदा देखने को मिलती है। उतराखंड की भौगोलिक सरंचना के कारण हर वर्ष यहां विभिन्न तरह की प्राकृतिक आपदाएं आती रहती है। उतराखंड का अधिकतर भाग पर्वतीय होने के कारण यहां भूकंप, भूस्खलन, हिमखंड, बादल फटने, बाढ़ आने जैसी अपदाएं आती रहती है। भारत चीन सीमा के पास राज्य की नीती घाटी के सुमना में ग्लेशियर टूटने की सूचना मिली है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने इस बारे में जानकारी साझा करते अलर्ट जारी किया है। उन्होंने बताया कि वह लगातार जिला प्रशासन और बीआरओ के सम्पर्क में हैं।
गृहमंत्री ने दिया मदद का आश्वासन
सीएम रावत के अनुसार जिला प्रशासन को मामले की पूरी जानकारी प्राप्त करने के निर्देश दे दिए हैं। साथ ही एनटीपीसी और अन्य परियोजनाओं में रात के समय काम रोकने के आदेश दे दिए हैं ताकि कोई अप्रिय घटना ना होने पाये। मुख्यमंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि घटना को लेकर गृह मंत्री अमित शाह से भी बात हो चुकी है उन्होंने मदद का आश्वासन दिया है।
जिला प्रशासन को मामले की पूरी जानकारी प्राप्त करने के निर्देश दे दिए हैं। एनटीपीसी एवं अन्य परियोजनाओं में रात के समय काम रोकने के आदेश दे दिए हैं ताकि कोई अप्रिय घटना ना होने पाये।
— Tirath Singh Rawat (@TIRATHSRAWAT) April 23, 2021
जनहानि होने की खबर नहीं
वहीं राज्य के डीजीपी अशोक कुमार ने ग्लेशियर टूटने की जानकारी साझा करते हुए बताया कि फिलहाल इस घटना में कोई जनहानि तो नहीं हुई है। उस इलाके का मौसम अभी खराब है। और खराब मौसम के कारण अभी सही स्थिति की जानकारी नही हो पा रही है। टीमों को स्थिति का जायज़ा लेने के लिए रवाना कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि ITBP के जवान तो सुरक्षित हैं। सुरक्षा टीम स्थिति का जायजा ले रही है। अभी तक कोई अनहोनी होने की खबर सामने नहीं आयी है।
नंदादेवी में आई प्राकृतिक आपदा
फरवरी 2021 में उत्तराखंड के चमोली जिले की ऋषिगंगा घाटी में एक ग्लेशियर के टूटने से हिमालय के ऊंचाई वाले इलाकों में भारी तबाही हुई थी। यह ग्लेशियर नंदा देवी पर्वत चोटी के करीब है और इसलिए इसे नंदा देवी ग्लेशियर भी कहा जाता है। साल 2013 में केदारनाथ धाम में भयंकर बाढ़ आई थी। इस बाढ ने दूनिया भर का दिल दहला दिया था। इस आपदा में केदारनाथ की त्वीर बदल दी थी।
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