बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक इन बिस्तरों की मैट्रेस पॉलीथाइलीन मैटैरियल से बना है। ओलंपिक के बाद इनका प्लास्टिक प्रॉडक्ट्स के रूप में फिर से उपयोग में लाया जा सकेगा।
ओलंपिक के लिए कुल 18 हजार बिस्तरों की जरूरत है जबकि पैरालंपिक के लिए 8 हजार बिस्तरों की जरूरत होगी। टोक्यो ओलंपिक कई मायनों में खास है। इसके मेडल्स रीसाइकिल्ड कंज्यूमर डिवाइसेज से बनाए गए हैं जबकि इसका टॉर्च एल्यूमिनियम वेस्ट से बना है। साथ ही ओलंपिक के लिए पोडियम का निर्माण रीसाइकिल्ड हाउसहोल्ड और मैरीन वेस्ट से किया गया है। इसके अलावा ओलंपिक के दौरान बिजली की सप्लाई पर्यावरण फ्रेंडली ड्राइव के तहत रिन्यूवेबल सोर्सेस से पैदा की जाएगी।