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टेस्ट क्रिकेट से संन्यास के बाद प्रेमानंद महाराज से मिलने पहुंचे विराट कोहली और अनुष्का

विराट कोहली

भारत के दिग्गज क्रिकेटर विराट कोहली ने जब सोमवार को टेस्ट क्रिकेट से अपने संन्यास की घोषणा की, तो उनके चाहने वालों के लिए यह एक भावनात्मक पल बन गया।

इस बड़े फैसले के अगले ही दिन, मंगलवार की सुबह, विराट कोहली अपनी पत्नी अनुष्का शर्मा के साथ उत्तर प्रदेश के मथुरा स्थित वृंदावन पहुंचे। यह दौरा केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं थी, बल्कि एक आध्यात्मिक विश्रांति और आत्मचिंतन का प्रतीक भी था।

सुबह 7:20 बजे, विराट कोहली और अनुष्का इनोवा कार में सवार होकर केली कुंज आश्रम पहुँचे, जहाँ उन्होंने संत प्रेमानंद महाराज से मुलाकात की और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।

दोनों श्रद्धा और सादगी से आश्रम पहुँचे थे, और मास्क पहनकर पूरी सावधानी बरतते हुए निजी माहौल में रहे। आश्रम में वे करीब 2 घंटे 20 मिनट तक रुके और इस दौरान प्रेमानंद महाराज से करीब 15 मिनट तक गंभीर और भावनात्मक बातचीत की।

आश्रम से निकलने के बाद करीब आधे घंटे के भीतर विराट कोहली और अनुष्का एक बार फिर वापस लौटे। इस बार उन्होंने आश्रम के सामाजिक और धार्मिक कार्यों को निकट से देखा और समझा।

दोनों ने यहाँ की गतिविधियों में रुचि दिखाई, जो यह दर्शाता है कि विराट और अनुष्का केवल दर्शक नहीं बल्कि भागीदार की भावना से वहाँ उपस्थित थे।

विराट कोहली का तीसरा वृंदावन दौरा

गौरतलब है कि यह विराट कोहली का तीसरा वृंदावन दौरा था। इससे पहले वे 4 जनवरी 2023 और 10 जनवरी 2025 को भी वृंदावन आ चुके हैं और उन दोनों बार भी प्रेमानंद महाराज से मुलाकात की थी। यह बारंबार दर्शन विराट की आध्यात्मिक झुकाव और संतों के प्रति श्रद्धा को दर्शाता है।

विराट कोहली ने अपने संन्यास की घोषणा करते हुए इंस्टाग्राम पर एक भावुक पोस्ट साझा की थी जिसमें उन्होंने लिखा था –
“टेस्ट क्रिकेट ने मेरी परीक्षा ली, मुझे आकार दिया, वो पाठ सिखाए जो जिंदगीभर मुझे याद रहेंगे।”

विराट कोहली ने अपने शानदार करियर में 123 टेस्ट मैच खेले, जिसमें उन्होंने 30 शतक, 31 अर्धशतक और 7 दोहरे शतक लगाए। उन्हें 2017 और 2018 में ICC टेस्ट प्लेयर ऑफ द ईयर का सम्मान भी मिला।

टेस्ट क्रिकेट से संन्यास के इस अहम मोड़ पर विराट कोहली का वृंदावन जाना इस बात का संकेत है कि उन्होंने अपने जीवन के अगले अध्याय की शुरुआत ईश्वर के चरणों में बैठकर की है — शांति, संतुलन और साधना के साथ।

प्रेमानंद महाराज ने विराट कोहली से पूछा- प्रसन्न हो?

प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज से मिलने विराट कोहली और अनुष्का शर्मा हाल ही में पहुंचे। जैसे ही दोनों महाराज जी के समक्ष पहुँचे, उन्होंने उन्हें दंडवत प्रणाम किया। महाराज जी ने मुस्कुराते हुए पूछा, “प्रसन्न हो?” इस पर विराट ने भी मुस्कराहट के साथ उत्तर दिया, “हाँ।” 

करीब 7 मिनट तक विराट कोहली और अनुष्का ने प्रेमानंद महाराज जी के साथ एकांत वार्तालाप किया। यह बातचीत बाह्य विषयों से परे, आंतरिक शांति, आध्यात्मिकता और जीवन के वास्तविक अर्थ को लेकर थी।

महाराज जी ने दोनों को आशीर्वाद देते हुए कहा, “जाओ, खूब आनंदित रहो, नाम जप करते रहो।” उनका स्वर अत्यंत कोमल, लेकिन दृढ़ था – मानो यह कोई साधारण सलाह नहीं, बल्कि जीवन की गूढ़तम राह हो।

इस भावपूर्ण क्षण में अनुष्का शर्मा ने श्रद्धाभाव से एक प्रश्न किया – “बाबा, क्या नाम जप से सबकुछ पूरा हो जाएगा?” इस पर प्रेमानंद महाराज ने अत्यंत सधे हुए और अनुभवी स्वर में उत्तर दिया – “हाँ, पूरा हो जाएगा।” उन्होंने अपने उत्तर को केवल सिद्धांत तक सीमित नहीं रखा, बल्कि अपने जीवन के अनुभव साझा किए।

प्रेमानंद महाराज के योगमार्ग का सार

उन्होंने कहा कि उन्होंने सांख्य योग, अष्टांग योग, कर्म योग, और अंततः भक्ति योग में प्रवेश किया है। पहले वे 20 वर्षों तक संन्यासी रहे। काशी में विश्वनाथ जी की छाया में जीवन व्यतीत किया। उन्होंने इन सभी योग मार्गों का गंभीर अभ्यास किया और अंततः भक्ति योग को ही सर्वोत्तम पाया।

प्रेमानंद महाराज ने भगवान शंकर का उदाहरण देते हुए कहा, “स्वयं भगवान शंकर से बढ़कर कोई ज्ञानी नहीं है। वे हर समय ‘हरि शरणम्’ और ‘राम-राम’ का जप करते रहते हैं। जब शिव जैसा परम ज्ञानी भी नाम जप करता है, तो साधारण मनुष्य के लिए इससे बड़ा सहारा और क्या हो सकता है?”

इस संवाद ने यह स्पष्ट किया कि ईश्वर का नाम स्मरण मात्र से जीवन के सभी बंधन कट सकते हैं, मन शुद्ध हो सकता है और आत्मा को परम शांति प्राप्त हो सकती है। यह मुलाकात केवल एक श्रद्धा भरा क्षण नहीं था, बल्कि एक गहरी आध्यात्मिक प्रेरणा बन गई – न केवल विराट कोहली और अनुष्का के लिए, बल्कि उन सभी के लिए जो भक्ति के मार्ग पर चलने की इच्छा रखते हैं।

विराट ने पूछा था- असफलता में हमें कैसे रहना है?

विराट कोहली और अनुष्का शर्मा का आध्यात्मिक जीवन के प्रति झुकाव कई बार सामने आ चुका है, लेकिन 10 जनवरी 2025 को प्रेमानंद महाराज से उनकी मुलाकात एक विशेष भावनात्मक और प्रेरणादायक क्षण बन गई। यह मुलाकात केवल एक दर्शन मात्र नहीं थी, बल्कि आत्ममंथन और अध्यात्म की गहराई में उतरने का अवसर था।

इस दिन विराट कोहली और अनुष्का अपने दोनों बच्चों के साथ प्रेमानंद महाराज के सान्निध्य में पहुंचे। लगभग 30 मिनट तक चली इस चर्चा में जीवन, भक्ति और असफलता से जुड़ी अनेक महत्वपूर्ण बातें सामने आईं। अनुष्का ने जहां प्रेम भक्ति की कामना करते हुए आशीर्वाद लिया, वहीं विराट ने जीवन की सबसे जटिल परिस्थिति—असफलता—से जुड़ा एक गहरा सवाल किया।

विराट कोहली  ने पूछा, “असफलता में हमें कैसे रहना चाहिए?” इस पर प्रेमानंद महाराज ने बहुत ही सहजता और गहराई से उत्तर दिया—”अभ्यास जारी रखें, जीत निश्चित है।”

उन्होंने समझाया कि जैसे उनके लिए नाम जप एक साधना है, वैसे ही विराट कोहली के लिए क्रिकेट एक साधना है। उन्होंने कहा कि अगर अभ्यास निरंतर और अनुशासित रूप से किया जाए और साथ में भगवान का नाम जपा जाए, तो कोई भी असफलता स्थायी नहीं होती।

असफलता में मुस्कुराना ही सच्ची महानता

महाराज ने यह भी कहा, “उस समय हमें भगवान का चिंतन करते हुए धैर्य रखना चाहिए। यह बहुत कठिन है, लेकिन जो व्यक्ति असफलता में भी मुस्कुरा सके, वह वास्तव में महान होता है।” उन्होंने बताया कि असफलता भी जीवन का हिस्सा है, और जैसे दिन के बाद रात आती है, वैसे ही रात के बाद दिन भी जरूर आता है।

महाराज ने विजय प्राप्ति के दो आवश्यक स्तंभ बताए—अभ्यास और प्रारब्ध (भाग्य)। यदि केवल अभ्यास हो और प्रारब्ध का साथ न हो, तो सफलता कठिन हो जाती है। इसलिए अभ्यास के साथ-साथ भगवान का स्मरण और नाम जप भी आवश्यक है, तभी मन, बुद्धि और कर्म सम्यक मार्ग पर चल सकते हैं।

अनुष्का ने भावुक होकर कहा कि पिछली बार जब वे आए थे, तब उनके मन में कई प्रश्न थे, लेकिन उन्हें पूछने का अवसर नहीं मिला। उन्होंने बताया कि उनके मन के प्रश्न किसी न किसी रूप में उत्तर पा ही गए। इस पर प्रेमानंद महाराज ने मुस्कुराते हुए उत्तर दिया, “श्रीजी वो व्यवस्था कर देती हैं।”

अनुष्का ने आग्रह करते हुए कहा, “मुझे बस प्रेम भक्ति दे दीजिए।” महाराज ने उत्तर दिया, “हमें लगता है भक्ति का आप पर विशेष प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि भक्ति के ऊपर कुछ नहीं होता।”

4 जनवरी 2023 को भी प्रेमानंद महाराज से मुलाकात की थी

4 जनवरी 2023 को विराट कोहली और अनुष्का शर्मा ने पहली बार संत प्रेमानंद महाराज से मुलाकात की थी। इस विशेष अवसर पर उनकी बेटी वामिका भी उनके साथ थी। मुलाकात के दौरान वामिका अनुष्का की गोद में खेलती नज़र आई।

विराट कोहली अपने पूरे परिवार के साथ आश्रम पहुंचे थे। इस मौके पर आश्रम के लोगों ने श्रद्धा स्वरूप अनुष्का को चुनरी ओढ़ाई और वामिका के गले में फूलों की माला पहनाई। यह पल श्रद्धा, स्नेह और आध्यात्मिक भावनाओं से भरा हुआ था।

अब जानिए कौन हैं प्रेमानंद महाराज…

प्रेमानंद महाराज, जिनका बचपन का नाम अनिरुद्ध कुमार पांडेय था, उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के नरवल तहसील के अखरी गांव में जन्मे थे। उनके पिता का नाम शंभू नारायण पांडेय और माता का नाम रामा देवी है। वे तीन भाइयों में मंझले हैं।

प्रेमानंद महाराज की शिक्षा केवल 8वीं कक्षा तक ही हुई। 9वीं में उनका दाखिला भास्करानंद विद्यालय में हुआ था, लेकिन मात्र 4 महीने में ही उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी। उनके पिता पुरोहित का कार्य करते थे, और बचपन से ही अनिरुद्ध (अब प्रेमानंद महाराज) आध्यात्मिक वातावरण में पले-बढ़े। पूरा परिवार प्रतिदिन पूजा-पाठ करता था, जिसे वे बड़े ध्यान से देखा और आत्मसात किया करते थे।

उनकी संत बनने की यात्रा बचपन से ही शुरू हो गई थी और आज वे एक प्रसिद्ध संत, प्रवचनकर्ता और आध्यात्मिक गुरु हैं, जिनके अनुयायियों में आम लोगों से लेकर कई सेलिब्रिटीज तक शामिल हैं।

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pic credit- grok 

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