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विराट कोहली का सपना साकार, 18 साल बाद ‘ई साला कप नामदे’ बना हकीकत, IPL 2025 की चैंपियन बनी RCB

RCB trophy

विराट कोहली और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) ने आखिरकार वो कर दिखाया जिसका इंतज़ार उसके करोड़ों फैंस सालों से कर रहे थे। 17 सालों के लंबे संघर्ष, निराशा, आलोचना और मज़ाक के बाद, RCB ने पहली बार इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) की ट्रॉफी अपने नाम कर ली है।

आईपीएल 2025 का फाइनल मुकाबला क्रिकेट इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा, जहां रजत पाटीदार की कप्तानी में बेंगलुरु ने पंजाब किंग्स को एक रोमांचक मैच में 6 रन से हराकर ट्रॉफी जीत ली।

बेंगलुरु ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 190 रनों का मजबूत स्कोर खड़ा किया। शुरुआत से ही टीम ने आक्रामक अंदाज़ में खेला और पंजाब को लक्ष्य का पीछा करने के लिए मजबूर किया। जवाब में पंजाब की टीम 184 रन ही बना सकी और 6 रन से मुकाबला हार गई।

यह आईपीएल इतिहास में पहला मौका था जब अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेले गए किसी फाइनल मुकाबले में पहले बल्लेबाज़ी करने वाली टीम विजेता बनी हो।

इस ऐतिहासिक जीत में गेंदबाजों की भूमिका सबसे अहम रही। क्रुणाल पंड्या, यश दयाल और भुवनेश्वर कुमार ने बेहतरीन गेंदबाजी करते हुए पंजाब के बल्लेबाजों को बांधकर रखा। हर एक ओवर में दबाव बनाया और महत्वपूर्ण मौकों पर विकेट लेकर मैच को बेंगलुरु के पक्ष में मोड़ दिया।

17 साल का इंतज़ार हुआ खत्म

पंजाब किंग्स की पारी की शुरुआत आक्रामक रही। अनकैप्ड खिलाड़ियों प्रियांश आर्य और प्रभसिमरन सिंह ने धमाकेदार शुरुआत की और पावरप्ले में रन रेट को बनाए रखा।

लेकिन जैसे ही प्रियांश 24 रन बनाकर फिल साल्ट के बेहतरीन कैच का शिकार हुए, पंजाब की लय बिगड़ने लगी। एक समय स्कोर 72/1 था, लेकिन अगले 26 रन के भीतर टीम ने 3 अहम विकेट गंवा दिए, जिससे दबाव बढ़ता चला गया।

RCB के लिए यह जीत सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं, बल्कि वर्षों की मेहनत, समर्पण और विश्वास का प्रतिफल है। इस जीत के साथ ही विराट कोहली का सपना भी साकार हो गया।

विराट कोहली जो कि RCB के पहले सीजन से ही हिस्सा रहे हैं और वर्षों तक कप्तानी कर चुके हैं, अब अंततः आईपीएल चैंपियन बन गए हैं। यह पल न केवल टीम के लिए बल्कि कोहली के लाखों फैंस के लिए बेहद भावुक और गर्व का क्षण है।

यह जीत RCB के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज की जाएगी और आने वाली पीढ़ियों को यह कहानी प्रेरणा देगी कि कैसे संघर्ष और विश्वास से हर मंज़िल हासिल की जा सकती है। अब विराट कोहली की बेंगलुरु सिर्फ “ईंट से ईंट बजाने वाली टीम” नहीं रही, अब वो “चैंपियंस” बन चुकी है

मैच की शुरुआत RCB के लिए कुछ खास नहीं

3 जून, मंगलवार को नरेंद्र मोदी स्टेडियम, अहमदाबाद में खेला गया आईपीएल 2025 का फाइनल मुकाबला क्रिकेट प्रेमियों के लिए भावनाओं, उम्मीदों और रोमांच से भरपूर रहा।

इस मुकाबले में एक ओर जहां विराट कोहली की रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) की टीम ट्रॉफी के बेहद करीब नजर आई, वहीं दूसरी ओर पंजाब की टीम ने भी हर मोड़ पर दर्शकों की धड़कनों को बढ़ाया।

मैच की शुरुआत विराट कोहली के लिए कुछ खास नहीं रही। टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए उनकी टीम को शुरुआती झटका फिल सॉल्ट के रूप में लगा, जिन्होंने कुछ आकर्षक शॉट्स खेले, लेकिन लंबी पारी नहीं खेल सके।

इसके बाद मयंक अग्रवाल, रजत पाटीदार और लियम लिविंगस्टन जैसे अनुभवी बल्लेबाज़ों ने भी तेजी से रन बनाने की कोशिश की, मगर टिककर खेल नहीं पाए। विराट कोहली एक छोर पर टिके तो रहे, लेकिन उनका स्ट्राइक रेट चिंता का विषय बना रहा।

उन्होंने 35 गेंदों में केवल 43 रन बनाए और आउट होने के बाद सोशल मीडिया से लेकर कमेंट्री बॉक्स तक आलोचनाओं का दौर शुरू हो गया।

विराट कोहली की RCB की पारी को संभालने का काम अंत में जितेश शर्मा और लिविंगस्टन ने किया। जितेश ने मात्र 10 गेंदों में 24 रन ठोकते हुए पंजाब की गेंदबाजी को चौंका दिया, वहीं लिविंगस्टन ने भी अपने खराब सीजन की भरपाई करते हुए 25 रनों की तेज पारी खेली।

पंजाब की ओर से काइल जैमीसन और अर्शदीप सिंह ने शानदार गेंदबाजी करते हुए 3-3 विकेट झटके और RCB की रनगति को सीमित कर दिया।

कप्तान अय्यर 1 रन बनाकर पवेलियन लौट

जवाब में लक्ष्य का पीछा करते हुए पंजाब की शुरुआत लड़खड़ाती रही। कप्तान श्रेयस अय्यर मात्र 1 रन बनाकर पवेलियन लौट गए, और देखते ही देखते टीम ने 98 रन के स्कोर पर अपने 4 विकेट गंवा दिए।

हालात को संभालने की कोशिश की नेहल वाढ़ेरा और शशांक सिंह ने, जिन्होंने संयम के साथ खेलते हुए 38 रन की साझेदारी की। लेकिन जैसे ही एक बार विकेट गिरने शुरू हुए, वैसे ही पंजाब की पारी ढहने लगी। टीम ने 9 रन के अंतर में अपने अंतिम 3 विकेट भी गंवा दिए।

यह मैच सिर्फ एक फाइनल नहीं था, बल्कि विराट कोहली के करियर के लिए एक निर्णायक मोड़ भी बन गया। 18वें सीजन में 18 नंबर की जर्सी पहने विराट से जुड़े सभी संयोग आखिरकार फलीभूत हुए।

महाभारत के 18वें दिन युद्ध के अंत की तरह ही, आईपीएल के 18वें सीजन में RCB की लंबी प्रतीक्षा का अंत हुआ। विराट कोहली, जिनके सिर से ‘आईपीएल चैंपियन’ का ताज अब तक दूर था, इस बार उस सपने को साकार करने में सफल रहे।

हालांकि शुरुआत में विराट कोहली को लेकर कई सवाल खड़े हुए, लेकिन अंत में उनकी टीम ने उन्हें वह तोहफा दिया जिसका वह सालों से इंतजार कर रहे थे। यह मुकाबला न केवल स्कोरबोर्ड पर, बल्कि भावना, इतिहास और व्यक्तिगत उपलब्धि के स्तर पर भी यादगार बन गया।

यह फाइनल मुकाबला एक यादगार अध्याय बन गया – जिसमें नायक, खलनायक, संघर्ष, और अंततः विजय – सभी कुछ मौजूद था।

पंजाब की हार की बड़ी वजह मिडिल ओवर्स की नाकामी

पंजाब किंग्स की हार का सबसे बड़ा मोड़ उस समय आया जब टीम ने मिडिल ओवर्स में लगातार विकेट खो दिए। 72 रन पर एक विकेट के मजबूत स्थिति में होने के बावजूद, पंजाब ने अगले 26 रनों के भीतर ही श्रेयस अय्यर, प्रभसिमरन सिंह और जोश इंग्लिश के रूप में तीन अहम विकेट गंवा दिए। इससे टीम पूरी तरह बैकफुट पर आ गई और मैच में वापसी की सारी उम्मीदें टूट गईं।

हालांकि लोअर मिडिल ऑर्डर में मार्कस स्टोइनिस और शशांक सिंह जैसे दमदार बल्लेबाज़ मौजूद थे, लेकिन समय पर साझेदारी नहीं बन सकी।

क्रुणाल पांड्या ने इन झटकों को और गहरा करते हुए दो विकेट झटके, जबकि रोमारियो शेफर्ड ने श्रेयस अय्यर को सिर्फ 1 रन पर आउट करके पंजाब की बल्लेबाज़ी की कमर तोड़ दी। यही फेज पंजाब की हार का असली कारण साबित हुआ।

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pic credit- GROK 

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