rishabh pant sydney : आज सिडनी टेस्ट में ऋषभ पंत को देखकर एकबार के लिए तो पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की याद आ गई । जिस तरह से पंत ने सिडनी के मैदान में तबड़तोड़ बल्लेबाजी की ऐसा ही लग रहा था माही अपने फॉर्म में है और हेलिकॉप्टर शॉट की बारिश हो रही है।
लेकिन आज पंत ने कमाल का जलवा दिखाया है। पंत ने टीम का भी और अपने लिए भी शानदार कमबैक किया है। बुमराह के चोटिल होने के बाद टीम निराश हो चुकी थी। वहीं पंत ने अपनी धुंआदार बल्लेबाजी से टीम को आशा की एक नई किरण दिखाई।
दर्द सहकर भी जो लड़ता रहता है वही असली योद्धा होता है और ऋषभ पंत कुछ इसी तरह की मिसाल पेश की है।(rishabh pant sydney)
ऋषभ पंत ने सिडनी टेस्ट में अपने शानदार खेल से यह साबित कर दिया कि दर्द सहकर भी जो लड़ता रहता है, वही असली योद्धा होता है।
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बल्लेबाजी से सिडनी टेस्ट में धमाल
ऋषभ पंत ने अपनी आक्रामक बल्लेबाजी से सिडनी टेस्ट में धमाल मचाया और 50 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ते हुए ऑस्ट्रेलिया में किसी विदेशी बल्लेबाज द्वारा सबसे तेज अर्धशतक लगाने का रिकॉर्ड अपने नाम किया।
पंत ने सिर्फ 33 गेंदों में छह चौके और चार छक्कों की मदद से 61 रन बनाए, और इस पारी के दौरान उन्होंने कंगारू गेंदबाजों के खिलाफ अपनी तूफानी बल्लेबाजी का प्रदर्शन किया।
ऋषभ पंत, जो अपनी आक्रामक बल्लेबाजी के लिए मशहूर हैं, एक बार फिर टेस्ट फॉर्मेट में अपने बल्लेबाजी कौशल का शानदार प्रदर्शन किया।
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 के आखिरी मैच में सिडनी के मैदान पर पंत ने दूसरी पारी में तूफानी अर्धशतक जड़ते हुए कंगारू गेंदबाजों को जमकर ध्वस्त किया।
पंत ने इस पारी में तेजी से रन बनाते हुए कई चौके और छक्के लगाए और एक महत्वपूर्ण रिकॉर्ड भी अपने नाम किया। उनके इस शानदार प्रदर्शन ने सिडनी टेस्ट में भारतीय टीम को बड़ी मजबूती प्रदान की।
ऋषभ पंत ने एकबार के लिए तो कंगारूओं के पसीने छुड़ा दिए। पंत ऐसे खेल रहे थे जैसे कि T-20 में बल्लेबाजी कर छक्कों की बौछार कर रहे हो।
भारत की दूसरी पारी शुरू होने के बाद 4 विकेट बहुत आसानी से गिर गए और फिर आए रविंद्र जड़ेजा और ऋषभ पंत। जिन्होनें भारत की पारी भी संभाली और भारत की डूबती हुई नैया को पार लगाया। अब इसी के साथ भारत कंगारू टीम से 145 रन की बढ़त पर है।
ऋषभ पंत ने जड़ा रिकॉर्डतोड़ अर्धशतक
ऋषभ पंत ने सिडनी टेस्ट की दूसरी पारी में एक ऐतिहासिक और रिकॉर्डतोड़ अर्धशतक जड़ा, जिसने ना केवल उनके बेहतरीन बल्लेबाजी कौशल को दर्शाया, बल्कि भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों के दिलों में एक विशेष जगह भी बना दी।
जब पंत बल्लेबाजी करने आए, तो टीम इंडिया पहले ही 59 रन पर 3 विकेट गंवा चुकी थी, और स्थिति बहुत ही नाजुक थी।
इस मुश्किल समय में पंत ने अपनी आक्रामक बल्लेबाजी से न केवल टीम का दबाव कम किया, बल्कि मैच के पूरे रुख को भी बदल दिया।
ऋषभ पंत ने महज 33 गेंदों पर 184.84 के स्ट्राइक रेट से 61 रन बनाए, जो कि उनके विस्फोटक बल्लेबाजी का प्रमाण था।
इस पारी में उन्होंने 6 चौके और 4 छक्के लगाए, जो दर्शाते हैं कि उनकी बैटिंग कितनी शानदार और तेज थी। खास बात यह रही कि पंत ने सिर्फ 29 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा किया और 50 रन के आंकड़े को छक्के के साथ पार किया।
यह पारी न केवल उनके व्यक्तिगत प्रदर्शन के लिए महत्वपूर्ण रही, बल्कि टीम इंडिया के लिए भी संकटमोचक साबित हुई।(rishabh pant sydney)
ऋषभ पंत की यह पारी क्रिकेट जगत में हमेशा याद रखी जाएगी, क्योंकि उन्होंने मुश्किल समय में आकर जिस तरह से बल्लेबाजी की, वह एक बेहतरीन उदाहरण है कि कैसे दबाव में भी एक खिलाड़ी अपनी कड़ी मेहनत और धैर्य से शानदार प्रदर्शन कर सकता है।
टेस्ट इतिहास में दूसरा सबसे तेज अर्धशतक(rishabh pant sydney)
बता दें कि ऋषभ पंत ने जो अद्वितीय प्रदर्शन सिडनी टेस्ट में किया, वह भारतीय क्रिकेट के टेस्ट इतिहास में दूसरा सबसे तेज अर्धशतक था।
हालांकि, सबसे तेज अर्धशतक जड़ने का रिकॉर्ड भी ऋषभ पंत के नाम है, और उन्होंने अपनी बल्लेबाजी के रिकॉर्ड्स को तोड़ा और नए मानक स्थापित किए।
पंत ने इससे पहले 28 गेंदों पर अर्धशतक जड़ने का अभूतपूर्व कारनामा भी किया था, जो उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ 2022 में किया था।
ऋषभ पंत के इस रिकॉर्ड ने न केवल उनके लिए एक नया कीर्तिमान स्थापित किया, बल्कि भारतीय क्रिकेट में उनकी विस्फोटक बल्लेबाजी की पहचान भी बनाई।
इसके अलावा, वह दुनिया के तीसरे ऐसे बल्लेबाज बने हैं जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 2 बार 150+ की स्ट्राइक रेट से अर्धशतक जड़ा है। इससे पहले ये कारनामा महान बल्लेबाज विव रिचर्ड्स और इंग्लैंड के बेन स्टोक्स ही कर पाए थे।
पंत की यह उपलब्धि इस तथ्य को और भी महत्वपूर्ण बना देती है कि वह टेस्ट क्रिकेट में एक नई दिशा में बल्लेबाजी कर रहे हैं, जहां उनकी आक्रामक शैली और निडर खेलने का तरीका हर किसी को हैरान कर देता है।
उनकी यह ख्याति और सफलता न केवल भारतीय क्रिकेट के लिए गर्व का विषय है, बल्कि विश्व क्रिकेट में उनका नाम हमेशा एक यादगार रिकॉर्ड के तौर पर रहेगा।
पंत ने नया कीर्तिमान भी स्थापित किया
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रहा पांचवां टेस्ट मैच एक रोमांचक मोड़ पर पहुंच चुका है। शुरुआत में भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 185 रन बनाए, लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने अपनी पहली पारी में 181 रन पर ही सिमट कर भारत से केवल 4 रन पीछे रह गई।
इसके बाद, भारतीय टीम अपनी दूसरी पारी में भी मुश्किल में दिखाई दी, जब उसने महज 59 रन पर तीन विकेट गंवा दिए थे।
इस समय तक मयंक अग्रवाल, यशस्वी जायसवाल, और विराट कोहली जैसे अहम बल्लेबाज पवेलियन लौट चुके थे, और भारतीय टीम संकट में थी।(rishabh pant sydney)
ऐसे में मैदान पर उतरे ऋषभ पंत, जिन्होंने अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी से न केवल टीम का मनोबल बढ़ाया, बल्कि सिडनी में अपनी शानदार बैटिंग से मैच का रुख भी बदल दिया।
पंत ने अपनी आक्रामक शैली से सभी को चौंका दिया और चौकों-छक्कों की बरसात कर दी। इस सीरीज में पहली बार वह अपने पुराने रंग में नजर आए, जहां उनका प्रत्येक शॉट दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर रहा था।
पंत ने सिर्फ 33 गेंदों में 6 चौके और 4 छक्कों की मदद से 61 रन बनाकर सभी को हैरान कर दिया और फिर आउट हुए।
इसके साथ ही, पंत ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। उन्होंने 50 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ते हुए ऑस्ट्रेलिया में किसी विदेशी बल्लेबाज द्वारा सबसे तेज अर्धशतक लगाने का कीर्तिमान भी अपने नाम किया।
इस रिकॉर्ड के साथ पंत ने अपनी बल्लेबाजी में नई ऊंचाइयों को छुआ और साबित किया कि वह दबाव के समय में भी शानदार प्रदर्शन कर सकते हैं।
उनकी यह पारी भारतीय क्रिकेट के इतिहास में हमेशा याद रखी जाएगी, क्योंकि उन्होंने अपनी आक्रामक बल्लेबाजी से न केवल टीम को संकट से उबारा, बल्कि एक नया कीर्तिमान भी स्थापित किया।
29 गेंदों में अर्धशतक
ऋषभ पंत ने सिडनी टेस्ट में 29 गेंदों में अर्धशतक जड़कर ऑस्ट्रेलिया में किसी विदेशी बल्लेबाज द्वारा टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज अर्धशतक लगाने का रिकॉर्ड अपने नाम किया।
इससे पहले यह रिकॉर्ड इंग्लैंड के जॉन ब्राउन (1895, मेलबर्न) और रॉय फ्रेडरिक्स (1975, पर्थ) के पास था, जिन्होंने 33 गेंदों में अर्धशतक बनाए थे। पंत का यह अर्धशतक भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में दूसरा सबसे तेज है।
2022 में पंत ने श्रीलंका के खिलाफ बेंगलुरु में 22 गेंदों में अर्धशतक जड़ा था, जो अभी भी उनका व्यक्तिगत रिकॉर्ड है। तीसरे नंबर पर कपिल देव हैं, जिन्होंने 1982 में पाकिस्तान के खिलाफ कराची में 30 गेंदों में अर्धशतक पूरा किया था।
पंत ने सीरीज में 250 से ज्यादा रन बनाए
ऋषभ पंत ने इस सीरीज में शानदार खेल दिखाया और पूरी सीरीज के दौरान अपनी बेहतरीन बल्लेबाजी से भारतीय टीम को महत्वपूर्ण योगदान दिया।
हालांकि, सीरीज के पहले चार मैचों में पंत के बल्ले से बड़ी पारी नहीं निकली थी, लेकिन वह हमेशा अच्छी शुरुआत करने में कामयाब रहे थे। पंत की ओर से कई छोटी-छोटी पारियां देखने को मिलीं, लेकिन इन पारियों ने भारतीय टीम के लिए महत्वपूर्ण रन जुटाए।
पंत ने इस 5 मैचों की सीरीज में कुल 9 पारियां खेलीं और 255 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने एक ही अर्धशतक जड़ा, जो सिडनी टेस्ट की दूसरी पारी में आया। इसके अलावा, सिडनी टेस्ट की पहली पारी में भी पंत ने 40 रन बनाए, जो उस समय टीम के लिए बेहद महत्वपूर्ण थे।
ऋषभ पंत ने जिस तरह से अपने खेल को सुधारते हुए इस सीरीज में भाग लिया, उसने उन्हें भारतीय क्रिकेट का एक अहम हिस्सा बना दिया है।
उनकी लगातार छोटी-छोटी पारियां न केवल टीम के लिए महत्वपूर्ण रही, बल्कि उन्होंने हर मैच में यह साबित किया कि वह किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं।
पंत की यह सीरीज उनकी क्रिकेट यात्रा में एक महत्वपूर्ण अध्याय साबित होगी, और उनके संघर्ष और मेहनत से यह स्पष्ट होता है कि उन्होंने हमेशा टीम के लिए अपनी भूमिका निभाई।