आईसीएमआर
कोरोना वायरस के पीक क्या कहानी है? भारत में कब इसकी पीक आएगी? नीति आयोग में स्वास्थ्य मामलों के सदस्य और कोरोना पर टास्क फोर्स का काम देख रहे डॉक्टर वीके पॉल ने कहा है कि मई के मध्य तक कोरोना का पीक आएगा। पिछले साल इन्हीं डॉक्टर वीके पॉल ने कहा था कि मई में कोरोना खत्म हो जाएगा। सोचें, पिछले ही साल मई में कोरोना खत्म बता रहे थे? लेकिन कोरोना खत्म नहीं हुआ, उसकी दूसरी लहर आ गई। सो, अब वे एक साल बाद फिर मई में कोरोना का पीक आने और जून-जुलाई में इसके कम होने का अनुमान लगा रहे हैं। हालांकि ऐसा वे किस आधार पर कह रहे हैं, यह उन्होंने नहीं बताया है। पिछले दिनों आईआईटी कानपुर ने एक भविष्यवाणी की थी और बताया था कि अप्रैल मध्य में पीक आ जाएगा और मई के अंत तक केसेज की संख्या में अच्छी-खासी कमी आ जाएगी। लेकिन अप्रैल के मध्य से पहले दो लाख और अब तीन लाख से ज्यादा केसेज रोज आने लगे हैं और महाराष्ट्र में एक मुंबई को छोड़ कर और कहीं भी न तो संक्रमण दर कम हो रही है और न संख्या में कमी आ रही है। कोरोना का पीक… Continue reading कोरोना के पीक की क्या कहानी है
नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच भारत सरकार और इंडियन कौंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च यानी आईसीएमआर ने अच्छी खबर दी है। सरकार ने वैक्सीन के बारे में लोगों की धारणा बदलने के लिए कुछ जानकारी शेयर की है। इसमें बताया गया है कि अब तक लगाई गई दोनों वैक्सीन कोरोना के खिलाफ बहुत कारगर रही है और दोनों डोज लगवाने वालों में सिर्फ 0.02 से 0.04 फीसदी को ही दोबारा संक्रमण हुआ है। इसका मतलब है कि वैक्सीन की दोनों डोज लेने 10 हजार में से सिर्फ दो से चार लोग संक्रमित हुए हैं। इसी तरह आईसीएमआर ने मंगलवार को बताया कि भारत की स्वदेशी कोवैक्सिन डबल म्यूटेंट कोरोना वैरिएंट के खिलाफ भी सुरक्षा देती है। अपने अध्ययन के आधार पर आईसीएमआर ने कहा कि ब्राजील, ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीकी वैरिएंट पर भी ये वैक्सीन असरदार है और उनके खिलाफ भी इससे सुरक्षा मिलती है। माना जा रहा है कि भारत के 10 राज्यों में सामने आया डबल म्यूटेंट कोरोना वैरिएंट सबसे घातक है। यह न केवल तेजी से लोगों को संक्रमित करता है, बल्कि बहुत कम समय में बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाता है। बहरहाल, कोरोना रोकने की वैक्सीन बनाने वाली हैदराबाद की कंपनी भारत… Continue reading वैक्सीन हर वैरिएंट पर असरदार
मद्रास हाई कोर्ट ने आज केंद्र सरकार, आईसीएमआर, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, एस्ट्राजेनेका और चेन्नई स्थित श्री रामचंद्र हायर एजुकेशन ऐंड रिसर्च को कोविशील्ड के ‘साइड इफेक्ट’ के एक मामले में नोटिस जारी किया है।
बजट सत्र की घोषणा और मलमास खत्म होने की तारीख नजदीक आने के साथ ही एक बार फिर इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी सरकार का विस्तार करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 जुलाई को वीडियो कॉन्फ्रें सिंग के माध्यम से नोएडा में आईसीएमआर की नई उच्च क्षमता वाली प्रयोगशालाओं का उद्घाटन करेंगे।
जब सियासी जरूरतें हर चीज पर हावी हो जाएं, तो उसका पहला शिकार साख बनती है। यही भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के मामले में हुआ है।
कोरोना वायरस की वैक्सीन के लिए समय सीमा तय करने और लैब्स को जल्दी से जल्दी काम पूरा करने का निर्देश देने की खबरों पर उठे सवालों को लेकर इंडियन कौंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च, आईसीएमआर ने सफाई दी है।
कई डॉक्टरों और स्वास्थ्य के विशेषज्ञों ने इस बात की पुष्टि की है कि भारत में कोरोना वायरस का सामुदायिक संक्रमण शुरू हो गया है। हालांकि केंद्र और राज्यों की सरकारें बार बार कह रही हैं
कोरोना वायरस का संक्रमण शुरू हुआ था तब से यह कहा जा रहा था कि संक्रमण का तीसरा चरण आएगा तो बहुत भारी होगा।
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने की लड़ाई लड़ने के लिए बनी भारत की नोडल एजेंसी लगातार विरोधीभासी काम कर रही है।
केंद्र सरकार, राज्यों की सरकारें और इंडियन कौंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च यानी आईसीएमआर में से कोई भी यह नहीं मान रहा है कि कोरोना वायरस का सामुदायिक संक्रमण शुरू हो गया है।
भारत में कोरोना वायरस का संक्रमण शुरू होने के बाद अनेक बार टेस्टिंग प्रोटोकॉल बदले गए हैं। भारत सरकार से इसे लेकर कई दिशा-निर्देश जारी हुएहै। इसके अलावा राज्यों के अपने दिशा-निर्देश अलग हैं।
देश भर में कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए लागू तीसरे चरण के लॉकडाउन संक्रमितों की संक्रमण से मरने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
पिछले एक हफ्ते से कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैलने की वजह से संक्रमण के मामलों के दोगुना होने की रफ्तार बढ़ गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि अब दस दिन में मामले दोगुने हो रहे हैं।
राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. रघु शर्मा ने बताया कि आईसीएमआर ने जयपुर के बाद जोधपुर के राजकीय मेडिकल काॅलेज को कोरोना से संक्रमित और गंभीर रूप से पीड़ित लोगों का प्लाज्मा थैरेपी से इलाज करने के ट्रायल की अनुमति दी है।