आजादी
पुरी से 20 किमी दूर एक द्वीप में बसे गांव ब्रह्मपुर के दलितों की दशा की यह दर्दनाक कहानी आप चाहें तो देश के हर प्रांत में कमोबेश ढूंढ सकते हैं।
अगले साल देश की आजादी के 75 साल पूरे होने के समारोहों की शुरुआत हो गई है। शुक्रवार को आजादी के अमृत महोत्सव की शुरुआत हुई। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू भी याद आए।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मनाने का निर्णय लिया गया है।
पाकिस्तान में सिंध की आजादी और अलगाव का आंदोलन फिर तेज हो गया है। जीए सिंध आंदोलन के नेता गुलाम मुर्तज़ा सईद के 117 वें जन्म दिन पर सिंध के कई जिलों में जबर्दस्त प्रदर्शन हुए।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर अमीरों के लिए सरकार चलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि इन दोनों ने अरबपतियों को आजादी दी और किसानों तथा गरीबों को गुलाम बनाया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ‘मन की बात’ के दौरान संसद में पास हुए तीन बिलों से किसानों को होने वाले लाभ के बारे में चर्चा की। बताया कि अब किसानों को अपनी उपज को देश में कहीं भी बेचने की आजादी मिली है।
इस बार स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से होने वाला सालाना आयोजन और प्रधानमंत्री के भाषण में बहुत कुछ पहली बार हुआ। कोरोना वायरस की वजह से आयोजन की रूप-रेखा में बदलाव हुआ था
दिन आज ‘स्वतंत्रता दिवस’ और विचार मेरा कि स्वतंत्र बनो, स्वतंत्र बनाओ! कौन बने स्वतंत्र? देश या नागरिक? देश तो 15 अगस्त 1947 को आजाद हो चुका है। सोचें, आजादी से पहले भारत क्या था? अंग्रेजों का गुलाम।
देश के पैमाने में, 138 करोड़ आबादी में या हिंदू के जीवन की कसौटी में ईश्वर का यह श्राप दो टूक है कि हमें स्वतंत्रता, निर्भीकता, निडरता से नहीं, बल्कि भय, खौफ, चिंताओं में जीना है!
आजाद होने की पहली शर्त निर्भय होना है और आजादी का पहला सुख भी निर्भय होना ही है। जिसे भय नहीं है वहीं आजादी का सुख ले सकता है। वैसे आजादी अपने आप में सापेक्षिक शब्द है। राजनीति के विद्यार्थी इस सापेक्षता को समझते हैं।
बड़ी बिडंबना है कि साहस और निर्भयता के साथ अंग्रेजों से लड़ कर आजाद हुए भारत के लोग आजादी के सबसे चरम सुख- निर्भयता या साहस का बहुत कम समय तक आनंद ले सके।
दुनिया में हिंदू जैसी दूसरी अभागी कौम नहीं है। कैसे? इसलिए कि हम हैं सनातनी और उसके चलते अपने को इस्लाम, ईसाईयत, यहूदी, चाइनीज (हॉन) सभ्यताओं व राष्ट्र-राज्य में अमेरिका, जापान, जर्मनी, चीन, ब्रिटेन, फ्रांस जैसे देशों के साथ अपने आपको रखते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काफी अरसे के बाद कोरोना वायरस को लेकर सार्वजनिक रूप से कुछ कहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से आगामी 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर महामारी से आजादी का संकल्प लेने की अपील की है।
द्रह अगस्त 1947 के बाद हिंदु बनाम मुसलमान की दुश्मनी का एक फलक भारत और पाकिस्तान में रिश्ते हंै।