एनपीआर
दिल्ली विधानसभा ने राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनपीआर) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ शुक्रवार को प्रस्ताव पारित किया।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने आज राष्ट्रीय राजधानी में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को लागू करने के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पेश किया।
सरकार राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर, एनपीआर का फॉर्मेट क्यों नहीं बदल रही है? क्यों नहीं उन सवालों को हटा दिया जा रहा है, जिनको लेकर उसकी सहयोगी पार्टियां भी विरोध कर रही हैं? भाजपा की कम से कम तीन सहयोगी पार्टियों- जदयू, लोजपा और अकाली दल ने एनपीआर के लिए जारी फॉर्म में बदलाव की मांग की है। कांग्रेस शासित सभी राज्य ऐसा चाहते हैं और शिव सेना, वाईएसआर कांग्रेस आदि भी ऐसा ही चाहते हैं। तीनों पार्टियों ने कहा है कि जनसंख्या रजिस्टर अपडेट करते समय माता-पिता के जन्मस्थान और जन्मतिथि की जानकारी मांगने वाला कॉलम हटा दिया जाए। दूसरी ओर सरकार की तरफ से बार-बार एक ही बात कही जा रही है। सरकार की ओर से कहा जा रहा है कि एनपीआर अपडेट करते समय कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा और माता-पिता के बारे में जानकारी देना वैकल्पिक होगा, अनिवार्य नहीं होगा। सवाल है कि सरकार क्यों इस सवाल को रखना चाहती है, जब जवाब देना अनिवार्य नहीं है? क्या इससे संदिग्धों की पहचान करनी है? असल में इसी वजह से सरकार की मंशा पर सवाल उठ रहे हैं। पर सरकार आसानी से इसे बदलने को तैयार नहीं होगी। असल में सरकार को इस बात की चिंता है कि… Continue reading एनपीआर फार्मेट पर तकरार बढ़ेगी
देश में पिछले दो-तीन महीने से नागरिकता संशोधित कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को लेकर लेकर जिस तरह कोहराम मचा है
ऐसा लग रहा है कि केंद्र सरकार पूरे देश में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर, एनआरसी लागू करने का मुद्दा छोड़ सकती है। वैसे भी अभी इस बारे में सरकार ने कोई पहल नहीं की है। उसे अभी संशोधित नागरिकता कानून, सीएए के तहत नागरिकता देने की चिंता है और साथ ही राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर, एनपीआर को किसी तरह से लागू करना है।
बिहार में गजब हुआ है। एनडीए का राज है और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर, एनपीआर और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर, एनआरसी के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पास हुआ है। सोचें, भाजपा ने जदयू, राजद और कांग्रेस की हां में हां मिलाते हुए कहा कि बिहार में एनपीआर को 2010 के फॉर्मेट में यानी तब की यूपीए सरकार के बनाए फॉर्मेट में लागू किया जाना चाहिए और एनआरसी तो किसी कीमत पर लागू नहीं होनी चाहिए।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव का समूचा प्रचार जिस राष्ट्रीय जनता दल के 15 साल पहले के 15 साल पुराने राज को निशाना बना कर शुरू किया है उस राजद के साथ खुद नजदीकी बढ़ा रहे हैं और सद्भाव दिखा रहे हैं।
राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर को क्या भाजपा ने जनता दल यू से अलग कराया है? बिहार में जदयू के कई नेता और करीबी नौकरशाह मान रहे हैं कि भाजपा का इसमें कुछ न कुछ हाथ जरूर रहा। पर दूसरा सवाल यह है कि जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को खुद राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर, एनपीआर और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर, एनआरसी का विरोध करना था तो उसी का विरोध कर रहे प्रशांत किशोर को क्यों हटाया?
बिहार विधानसभा में बजट सत्र के दूसरे दिन आज नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए), राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर जमकर हंगामा हुआ।
पटना। बिहार विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने जोरदार हंगामा किया। सदन की कार्यवाही प्रारंभ होते ही विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बरगलाने का आरोप लगाया। तेजस्वी यादव ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और एनपीआर को देश तोड़ने वाला काला कानून बताया। उनके बयान पर सत्ता पक्ष के विधायकों ने हंगामा किया। सत्ता पक्ष के विधायकों ने कहा कि विपक्ष देश के संविधान को बदनाम करने की कोशिश कर रहा है, इसको बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। इस मुद्दे पर सदन में जोरदार हंगामा देखने को मिला। सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक आमने-सामने आ गए। बढ़ते हंगामे को देखते हुए सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। सदन के बाहर तेजस्वी ने पत्रकारों से कहा कि उनके तथा अन्य सदस्यों के कार्यस्थगन प्रस्ताव स्वीकार किए जाने के बाद वे बोल रहे थे, तभी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक हंगामा करने लगे। तेजस्वी ने कहा सरकार ने एक ओर एनपीआर की अधिसूचना जारी कर दी है और दूसरी ओर मुख्यमंत्री कहते हैं कि एनपीआर 2010 के मुताबिक ही लागू होगा। उन्हें स्पष्ट करना… Continue reading बिहार विधानसभा में सीएए और एनपीआर को लेकर हंगामा
मध्यप्रदेश के सत्तारूढ दल कांग्रेस के नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने आज कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनसीआर) काे लेेकर कांग्रेस का विरोध लगातार जारी रहेगा।
महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार की मुश्किलें खत्म होने की बजाय बढ़ती जा रही है। जो लोग सरकार के कार्यकाल पूरा करने का दावा कर रहे थे उनको भी अब इसके भविष्य की चिंता होने लगी है। असल में पहले कहा जा रहा था कि एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार इस गठबंधन की धुरी हैं
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत द्वारा गुजरात के अहमदबाद में दिए गए बयान को आधार बनाकर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर हमला बोला है।
मार्क्सवादी कम्युनिष्ट पार्टी (माकपा) ने गुरुवार को पुडुचेरी विधानसभा द्वारा नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर
पुड्डुचेरी। पुड्डुचेरी विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान बुधवार को नागरिकता (संशोधन) कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया और केंद्र सरकार से इन कानूनों को वापस लेने की मांग की गयी। इसे भी पढ़ें : आप विधायक दल के नेता चुने गए केजरीवाल विधानसभा अध्यक्ष वी पी सिवाकोलुंधु ने घोषणा की कि प्रस्ताव ‘ध्वनि मत’ से पारित हुआ। प्रस्ताव के पारित होने के समय सदन में विपक्षी सदस्य मौजूद नहीं थे। इससे पहले मुख्यमंत्री वी नारायणस्वामी ने इस आशय का प्रस्ताव पेश किया।