किसानों
समीक्षा बैठक के बाद जब कार्यकर्ताओं ने सीमा पर मार्च निकाला और दिल्ली तक मार्च निकालने का ऐलान किया तो यूपी और दिल्ली पुलिस में हड़कंप मच गया।
सिंघू विरोध स्थल पर निहंग सरदारों ने अपवित्रता के चलते एक शख्स के काटे हाथ-पैर, पुलिस ने दर्ज की FIR
आदमी एक उलटे पुलिस बैरिकेड से बंधा हुआ है उसकी कलाई काट दी गई है और उसका टखना और पैर टूट गया है।
यूपी में गन्ना पेराई शुरु हो रही है जिस के लिए चीनी मिलें नए सिरे से तैयार होना शुरू हो गई हैं। किसानों को लाभान्वित करने के लिए चीनी मिलों के विस्तार का काम युद्धस्तर पर किया जा रहा है।
प्याज विक्रेताओं का मानना है कि इस साल भी सितंबर से लेकर नवंबर तक प्याज के दाम काफी बढ़ जाएंगे. जानकारों का मानना है कि मानसून में देरी के कारण…
सत्तारूढ़ जजपा की छात्र इकाई इंडियन नेशनल स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन (INSO) के यहां गुरुवार को स्थापना दिवस समारोह मनाया गया। इस दौरान किसानों के एक समूह ने विरोध प्रदर्शन किया। स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस के लिए कठिन समय था क्योंकि ट्रैक्टर पर सवार किसानों ने कार्यक्रम स्थल के पास लगाए गए बैरिकेड्स को धक्का दे दिया।
किसान आंदोलन को चलते-चलते आज छह महिने पूरे हो गए हैं। ऐसा लगता था कि शाहीन बाग आंदोलन की तरह यह भी कोरोना के रेले में बह जाएगा लेकिन पंजाब, हरयाणा और पश्चिम उत्तरप्रदेश के किसानों का हौसला है कि अब तक वे अपनी टेक पर टिके हुए हैं। उन्होंने आंदोलन के छह महिने पूरे होने पर विरोध-दिवस आयोजित किया है। अभी तक जो खबरें आई हैं, उनसे ऐसा लगता है कि यह आंदोलन सिर्फ ढाई प्रांतों में सिकुड़कर रह गया है। पंजाब, हरयाणा और आधा उत्तरप्रदेश। इन प्रदेशों के भी सारे किसानों में भी यह फैल पाया है नहीं, यह भी नहीं कहा जा सकता। यह आंदोलन तो चौधरी चरणसिंह के प्रदर्शन के मुकाबले भी फीका ही रहा है। उनके आहवान पर दिल्ली में लाखों किसान इंडिया गेट पर जमा हो गए थे। यह भी पढ़ें: ये बादशाहत जरुरी नहीं दूसरे शब्दों में शक पैदा होता है कि यह आंदोलन सिर्फ खाते-पीते या मालदार किसानों तक ही तो सीमित नहीं है ? यह आंदोलन जिन तीन नए कृषि-कानूनों का विरोध कर रहा है, यदि देश के सारे किसान उसके साथ होते तो अभी तक सरकार घुटने टेक चुकी होती लेकिन सरकार ने काफी संयम से काम लिया है। उसने… Continue reading सरकार और किसान बात करें
पिछले लॉकडाउन में श्रमिकों और मजदूरों की हालत और हालात दोनो ही बहुत खराब हो गये थे। सड़कों पर मीलों चलते मजदूर और फैक्ट्रियों के बाहर भूख की हालत में रोटी तलाशते मजदूर..वो दृश्य इस देश को और देशवासियों को भूलने में बहुत समय लगेगा। और अब जबकि कोरोना की दूसरी लहर दूसरी तबाही का मंजर लिये सामने खड़ी है। ऐसे में सबको डर है कि वह जख्म वापस हरे ना हो जाए। क्योंकि कोविड का इलाज तो अस्पतालों में मौजूद डॉक्टर कर लेंगे। लेकिन इन मजदूरों और श्रमिकों के ज़ख्मों का इलाज किसी डॉक्टर के पास नहीं होगा। ऐसे में राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने इस पर चिंता जताते हुए उद्योगपतियों और फैक्ट्री मालिकों से अनुरोध किया है कि वे श्रमिकों के प्रति मानवीय व्यवहार रखें। उन्होंने कहा कि कोविड से बचाव नियमों की पालना के साथ रोजगार से जुड़ी गतिविधियां बाधित नहीं हों, श्रमिकों का पलायन नहीं हो, किसानों को किसी प्रकार की तकलीफ नहीं हो, इसका भी सभी स्तरों पर विशेष रूप से ध्यान रखा जाए। इसे भी पढ़ें Corona in MP : मजदूरों की घर वापसी से कोरोना बढ़ने का खतरा, गांवों में बनाए जा रहे Quarantine Center राज्यपाल ने कोरोना से बचाव के निर्देश दिए… Continue reading राजस्थान : राज्यपाल कलराज मिश्र ने उद्योगपतियों और फैक्ट्री मालिकों से श्रमिकों के प्रति मानवीय व्यवहार रखने की अपील की..
संयुक्त किसान मोर्चा (United Kisan Morcha) के 24 घंटे से बंद किए गए केएमपी एक्सप्रेस वे (KMP Express Way) को आज सुबह करीब 8 बजे खोल दिया है।
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने किसानों के साथ धोखा किया है।
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों की महापंचायतों का दौर जारी है। इसी क्रम में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत डोईवाला देहरादून की महापंचायत में शामिल होंगे।
राज्यसभा में आज विपक्षी दलों के सदस्यों ने किसानों की समस्याओं को लेकर भारी हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी।
मध्यप्रदेश में किसानों को एकजुट करने की मुहिम तेज की जा रही है और इसकी कमान पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह संभाल रहे हैं।
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण, रेलवे, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने आज कहा कि वेयरहाउस किसानों के लिए सेफहाउस का काम करेगा और उनके उत्पादों के लिए सेफ्टी नेट का काम करेगा।
महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने आज विधानसभा में कहा कि जब तक किसानों के कृषि पंपों और बिजली उपभोक्ताओं के बकाये के बारे में कोई फैसला नहीं ले लिया जाता, तब तक बिजली की आपूर्ति नहीं काटेंगे।
कृषि कानून के खिलाफ तीन महीने से अधिक किसानों को प्रदर्शन करते हुए हो चुके हैं, ऐसे में बीते 27 जनवरी के दिन गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों की संख्या जितनी थी