कोविशील्ड
कहा यह गया था कि महामारी के दौरान सरकार सबके हित का ख्याल रखेगी। उस दौरान किसी के साथ जोर-जबर्दस्ती ना हो, इसे ध्यान में रखा जाएगा।
डब्लूएचओ के अधिकारियों ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी को नियंत्रित करने के प्रयासों के परिणामों अब तक निराशाजनक हैँ।
केरल हाई कोर्ट ने केंद्र से पूछा है कि कोविशील्ड की दो खुराकों के बीच 84 दिन का अंतराल टीके की उपलब्धता पर आधारित है या उसकी असर पर।
कोरोना वैक्सीन लगवाने वालों के लिए कोविन पोर्टल पर नई समस्या आ खड़ी हुई है। वैसे तो कोई ना कोई समस्या रहती ही है। मामला हरियाणा से सामने आया है। जहां एक महिला ने कोविन ऐप से कोरोना वैक्सीन का रजिस्ट्रेशन करवाया। तय डेट पर महिला वैक्सीन लगाने सेंटर पहुंची तो टीकाकरण ( vaccination vs certificate ) केंद्र पर महिला को स्वास्थ्य कर्मियों की ओर से कोविशील्ड की डोज लगाई गई। लेकिन उस महिला को कोविन पोर्टल के माध्यम से कोवैक्सीन के टीकाकरण का सर्टिफिकेट भेज दिया गया। इस पूरे मामले की शिकायत महिला ने स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से भी की है। also read: चमत्कार.. कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने से बेरंग से रंगीन हुई एक बुजुर्ग महिला की जिंदगी वैक्सीन लगी कोविशील्ड की और सर्टिफिकेट मिला कोवैक्सीन का ( vaccination vs certificate ) हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को किए ट्वीट में शिकायतकर्ता टिमसी दुआ ने लिखा कि रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद वैक्सीनेशन के लिए 4 जुलाई को उनका नंबर आया था। स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया कि उन्हें पहली डोज़ कोविशील्ड वैक्सीन की लगाई जा रही है। ( vaccination vs certificate ) टिमसी ने शिकायत में लिखा कि वैक्सीन लगने के बाद उन्हें कोविन पोर्टल पर… Continue reading वैक्सीनेशन हुआ कोविशील्ड का और वैक्सीन प्रमाण पत्र पर कोवैक्सीन का नाम, जानें क्या है पूरा मामला..
महाराष्ट्र | देश में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए वैक्सीनेशन का अभियान चरम पर है। बड़े बुजुर्गो से लेकर युवाओं को वैक्सीनेट किया जा रहा है। इस बीच महाराष्ट्र के जालना जिले में एक बुजुर्ग महिला ने अजीब तरह का दावा किया है। हम सभी ने यह सुना है कि वैक्सीन से शरीर में एंटीबॉडी बनती है जो कोरोना वायरस से लड़ने में कामयाब होती है। ( woman eyesight returned from the vaccine ) लेकिन महाराष्ट्र की एक महिला ने दावा किया है कि कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने से मेरी आंखों की रोशनी लौट आयी है। महिला की जिंदगी बेरंग थी जो कि अब रंगीन हो गई है। also read: ऐसे ही ‘मां’ और ‘पवित्र’ नहीं है गंगा ! संक्रमित शवों के बहाए जाने के बाद भी गंगा का जल एंटी वायरल क्या है मामला ( woman eyesight returned from the vaccine) मामला महाराष्ट्र के जालना जिले के परतूर गांव का बताया जा रहा है । महिला का नाम मथुराबाई बिडवे है और उनकी उम्र 70 साल की है। फिलहाल बुजुर्ग महिला वाशिम के रिसोड में रहती हैं। यहां पर रहने वाली एक बुजुर्ग महिला ने दावा किया है कि कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने से मेरी आंखों की रोशनी लौट आयी है।… Continue reading चमत्कार.. कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने से बेरंग से रंगीन हुई एक बुजुर्ग महिला की जिंदगी
नई दिल्ली | कोरोना वायरस को लेकर एक चौंकाने और डराने वाला खुलासा हुआ है। जिसके अनुसार, कोरोना वायरस (Coronavirus) कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) की दोनों डोज लेने के बाद भी किसी को भी संक्रमित कर सकता है। एक अध्ययन में ये चौंकाने वाली बात सामने आई कि कोरोना का ‘डेल्टा’ वेरियंट (Delta Varient) कोविशील्ड और कोवैक्सीन (Covishield and Covaxin) की दोनों डोज लेने के बाद भी संक्रमित कर सकता है। ये भी पढ़ें- कोरोना मरीजों में मिला हर्पीज़ सिम्पलेक्स वायरस, डॉक्टर्स ने बताया बेहद खतरनाक रिपोर्ट के मुताबिक AIIMS दिल्ली और नेशनल सेंटर ऑफ डिसीज कंट्रोल के अलग-अलग अध्ययनों में यह खुलासा हुआ है। यह वायरस पहली बार भारत में अक्टूबर में पाया गया था। हालांकि इन दोनों ही अध्ययनों की अभी तक समीक्षा नहीं की गई है। एम्स की स्टडी में पाया गया कि, डेल्टा वेरियंट ब्रिटेन में पाए गए अल्फा वेरियंट के मुकाबले 40 से 50 फीसदी ज्यादा संक्रामक है और भारत में कोरोना वायरस की बढ़ोतरी का यही सबसे बड़ा कारण है। ‘डेल्टा’ वेरिएंट इन्फेक्शन फैलाने में ज्यादा सक्षम भारत में कोविशील्ड और कोवैक्सीन (Covaxin) दोनों तरह के टीका लेने के बाद भी डेल्टा ( B.1.617.2) वेरिएंट से संक्रमित होना पाया गया है। भारत में ब्वअंÛपद और… Continue reading अध्ययन में चौंकाने वाला खुलासा! वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद भी संक्रमित कर सकता है कोरोना का ‘Delta’ Variant
delhi: भारत में कोरोना के मामलों में गिरावट होनी शुरु हो गई है। एक दिन के 3-4 लाख मामले दर्ज हो रहे थे वहीं अब एक दिन में एक लाख से भी कम मामले दर्ज हो रहे है। इसका सबसे बड़ा कारण है- कोरोना वैक्सीन। भारत में कोवैक्सीन और कोविशील्ड लगाई जा रही है जो स्वदेशी है। लेकिन विदेशी वैक्सीन मोर्डना और जॉनसन&जॉनसन एक सिंगल डोज़ लगाए जाने को लेकर अब भारत में भी यह अनुमान लगाया जा रहा है कि क्या भारतीय वैक्सीन का भी सिंगल डोज़ लगाया जाएगा? क्या सिंगल डोज़ लगाने से कोरोना वायरस का खात्मा हो जाएगा? कुछ दिन पहले कोविशील्ड को लेकर यह चर्चा हुई थी कि इस वैक्सीन के सिंगल डोज़ लगाने से शरीर में एंटीबॉडी में बनने लगेगी। इन भ्रांतियों को दूर करते नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने स्पष्टीकरण दिया है कि कोविशील्ड की डोज में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। इसकी दो डोज ही दी जाएंगी। also read: उत्तराखंड में बदल रही है लिंगानुपात की तस्वीर, देवभूमि के इन आंकड़ों को देख आप भी करेंगे तारीफ प्रारंभिक दौर में कोविशील्ड को सिंगल डोज़ के रूप में देखा गया दरअसल ब्रिटेन के वैक्सीन टास्क फोर्स के प्रमुख कैट बिंगम ने पिछले… Continue reading क्या कोविशील्ड की एक ड़ोज से ही हो जाएगा कोरोना का खात्मा?? जानिए प्रोफेसर एंड्रयू जे पोलार्ड की राय..
Delhi | भारत में एक तरफ जहां कोरोना वायरस (Corona Virus India) के मामलों में गिरावट देखी जा रही है वहीं पर कोरोना की वैक्सीन की बर्बादी (West of Vaccine in India) हो रही है। एक तरफ जहां आधी जनता वैक्सीन (Shortage of Vaccine) के लिये तड़प रही है वहीं कुछ वैक्सीन का कॉकटेल ले रहे है। डॉक्टर्स के सामने ऐसे कई मामले आए हैं, जहां लोग कोविशील्ड के दो डोज लेने के बाद कोवैक्सीन भी लगवा रहे हैं। बताया जा रहा है कि लोग इसके लिए अलग-अलग फोन नंबर और आईडी का इस्तेमाल कर रहे हैं। वहीं, एक्सपर्ट्स ने चिंता जाहिर की है कि दोनों वैक्सीन शरीर को मिलने पर क्या प्रतिक्रिया होगी, इस बात की जानकारी नहीं है। क्योकि अभी तक ऐसा कोई प्रयोग नहीं किये गए है जिससे यह पता लग जाए। लोग लालच में आकर वैक्सीन का कॉकटेल ले रहे है। भारत के अलावा भी ऐसे मामले देखने को मिल रहे है। लोग इसे बूस्टर डोज़ मान रहे है लेकिन अभी ऐसा कुछ नहीं है। यह शुद्ध लालच है.. कर्नाटक के कोविड टेक्निकल एडवाइजरी कमेटी के सदस्य और सीनियर वायरोलॉजिस्ट डॉक्टर वी रवि का कहना है कि यह शुद्ध लालच है। इस प्रकार का लालच सही… Continue reading आधी जनता को एक भी वैक्सीन नसीब नहीं और कुछ लोग कोविशील्ड और कोवैक्सीन का कॉकटेल ले रहे
New Delhi | पूरा देश कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहा है। महामारी का अभी सबसे बड़ा हथियार कोरोना की वैक्सीन है। जो हमारे वैज्ञानिकों ने हमें कोरोना की संजीनवी बूटी के रूप में दी है। लोगों के मन में यह सवाल आ रहे है कि वैक्सीन की कमी के कारण अगर एक डोज़ कोविशील्ड और दूसरा डोज़ कोवैक्सीन का लें तो क्या असर होगा? इस बारे में एक्सपर्ट ने जवाब दिया है।देश में अभी कोरोना वैक्सीन की कमी हो रही है जिस कारण से कुछ राज्यों में वैक्सीनेशन रोक दिया गया है। कुछ जगह पर कोवैक्सीन की किल्लत हो रही है तो कुछ जगहों पर कोविशील्ड की कमी देखी जा रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देशभर में अब तक कोरोना वैक्सीन19 करोड़ 85 लाख 38 हजार 999 डोज दी गई है। अब तक 15.52 करोड़ लोगों को वैक्सीन की पहली डोज दी गई है, जबकि 4.33 लाख लोग टीके की दोनों डोज ले चुके हैं। इसे भी पढ़ें क्या कल से ट्विटर, फेसबुक को कहना पड़ेगा अलविदा, आज खत्म हो रही सरकारी डेडलाइन.. क्या होगा अलग वैक्सीन लगाने पर वैक्सीन की कमी के बीच लगातार यह सवाल सामने आ रहा है कि… Continue reading क्या होगा अगर पहली डोज़ कोविशील्ड और दूसरी डोज़ कोवैक्सीन की लगाई जाए….विशेषज्ञों ने दिया इसका जवाब
भारत में वैक्सीनेशन का दौर चल रहा है। कोवैक्सीन और कोविशील्ड वैक्सीन भारत में लगाई जा रही है। लेकिन अब वैक्सीन के साइट इफेक्ट भी सामने आ रहे है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने वैक्सीन से संबेधित कुछ दिशा-निर्देश भी द़ारी किये थे। भारत में कोरोना वैक्सीनेशन की शुरुआत से लेकर अब तक 23000 से ज्यादा एडवर्स इवेंट के मामले रिपोर्ट हुए हैं। ये मामले देश के 684 जिलों से हैं। जिनमें से 700 मामले सीरियस और सीवियर हैं। 498 सीरियस और सीवियर मामलों की जांच जब AEFI कमेटी ने की तो उसमें 26 मामले ब्लड क्लॉटिंग के मिले. ये मामले 0.61% केस प्रति मिलियन हैं। लेकिन अब कोविशील्ड वैक्सीन में कुछ शिकायतें आने लगी है। कोविशील्ड लगवाने के बाद खबन के थक्के जमने जैसी समस्या सामने आई है। इसके लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने एडवाईज़री जारी की है। इसे भी पढ़ें पश्चिम देशों से आ रही राहत की खबर : अमेरिका के बाद अब ब्रिटेन ने हटायी सारी पाबंदियां कोविशील्ड वैक्सीन के मामले ब्लड क्लॉटिंग के सभी मामले कोविशील्ड देने के बाद के हैं। कोवैक्सीन को लेकर AEFI कमेटी को एक भी ब्लड क्लॉटिंग की शिकायत नहीं मिली है। यूके में 4 केस प्रति मिलियन और जर्मनी में 10 केस प्रति मिलियन ब्लड… Continue reading कोरोना वैक्सीन : कोविशील्ड लगाने के बाद सामने आई ब्लड क्लॉटिंग की समस्या, स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी की एडवाइजरी
हैदराबाद। कोवीशील्ड और कोवैक्सीन के बाद अब भारत में कोरोना महामारी से मुकाबले के लिए तीसरी वैक्सीन की डोज लगनी शुरू हो गई। शुक्रवार को रूसी वैक्सीन स्पुतनिक-वी की पहली डोज लगाई गई है। हालांकि यह वैक्सीन आम लोगों को अगले हफ्ते से ही उपलब्ध हो पाएगी। शुक्रवार को हैदराबाद में डॉ. रेड्डीज लैब में कस्टम फार्मा सर्विसेज के ग्लोबल हेड दीपक सप्रा को स्पुतनिक की पहली डोज लगाई गई। गौरतलब है कि डॉ. रेड्डीज लैब ही भारत में इस वैक्सीन का वितरण कर रही है और आगे वही इसका उत्पादन करेगी। (sputniks) बहरहाल, फिलहाल यह वैक्सीन हैदराबाद में यह पायलट प्रोजेक्ट के तहत सीमित अवधि के लिए उपलब्ध कराई जा रही है। डॉ. रेड्डीज ने स्पुतनिक-वी की एक डोज की कीमत 995.40 रुपए तय की है। डॉ. रेड्डीज ने कहा है कि वह अभी 948 रुपए प्रति डोज की दर से वैक्सीन आयात कर रही है। इस पर पांच फीसदी की दर से जीएसटी वसूला जा रहा है। इसके बाद वैक्सीन की कीमत 995.40 रुपए प्रति डोज हो जाती है। डॉ. रेड्डीज का कहना है कि स्पुतनिक-वी की पहली खेप एक मई को भारत पहुंची थी। इस खेप को सेंट्रल ड्रग लैबोरेटरी कसौली से 13 मई को रेगुलेटरी क्लीयरेंस… Continue reading भारत में लगा स्पुतनिक का पहला टीका
कोरोना वायरस लोगों का काल बन चुका है। आये दिन बड़ी संख्या में मौत को और संक्रमितों के आंकड़े दर्ज हो रहे है। कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच सरकार ने लोगों को वैक्सीनेट करने की प्रक्रिया भी तेज करने की कोशिश शुरू कर दी है। भारत में बनी दोनों वैक्सीन विदेशों में भी कारगर है। इन सबके बीच रूस की वैक्सीन स्पुतनिक V को भी भारत में इमरजेंसी यूज की मंजूरी दे दी है और अगले सप्ताह से यह वैक्सीन भी भारत के लोगों को लगनी शुरू हो जाएगी। फिलहाल भारत में सीरम इंस्टिट्यूट की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन- इन दोनों वैक्सीन की डोज लग रही है। लेकिन इन तीनों में से कौन सी वैक्सीन कितनी असरदार है और किसके क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, इस बारे में हम आपको यहां बता रहे हैं….. इसे भी पढ़ें Good News : रूसी वैक्सीन स्पुतनीक-वी का एक डोज मिलेगा 995.4 रुपये में, सबसे पहले प्राइवेट सेक्टर को मिलेगी वैक्सीन तीनों में से किस वैक्सीन की क्षमता कितनी है? प्रभावकारिता यानी वैक्सीन की क्षमता की बात करें तो रूस की स्पुतनिक V 91.6 प्रतिशत असरदार है और बीमारी की गंभीरता को कम करने में इसकी प्रतिक्रिया काफी अधिक है।… Continue reading Corona Vaccine : कोवैक्सीन, कोविशील्ड या फिर स्पुतनिक-वी..किसमें कितना है दम, आइये जानते है..
भारत में कोरोना काल बनकर लोगों की जान ले रहा है। एक के बाद एक बूरी खबर मिल रही है। लेकिन भारत की ही दो कंपनियों ने भारतीय जनता को सबसे बड़ी खुशी दी थी- कोरोना की वैक्सीन बनाकर। सीरम इंस्टिट्यूट और भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन और कोविशील्ड बनाई है। लेकिन कोरोना ने वैक्सीन बनाने वालों पर भी वार किया है। भारत बायोटेक के 50 कर्मचारी कोरोना संक्रमित मिले है। भारत बायोटेक की संयुक्त प्रबंध निदेशक सुचित्रा ईला के अपने 50 कर्मचारियों के कोविड-19 से संक्रमित पाए जाने की जानकारी ट्विटर पर साझा की थी। लेकिन इस पर कुछ लोग तारीफों के पुल बांध रहे थे तो कुछ आलोचना कर रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि कोवैक्सीन लोगों की जिंदगी बचा रही है जबकि कुछ ने सवाल किया कि कर्मचारियों को टीका क्यों नहीं लगाया गया। जो लोग वेक्सीन बनाकर लोगों की जिंदगी बचा रहे है उन्हें ही कोरोना हो गया। इसे भी पढ़ें WHO ने इशारों में कहा – चुनाव और कुंभ के कारण फैला कोरोना ,इवेंट्स में बरती गई कोताही संक्रमित होने के बाद भी काम कर रही कंपनी कोविड-19 रोधी टीके कोवैक्सीन की आपूर्ति बाधित होने पर कुछ नेताओं की टिप्पणियों पर ईला ने बुधवार को… Continue reading OMG : वैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक के 50 कर्मचारी कोरोना संक्रमित,सोशल मीडिया यूजर्स ने कहा कि कर्मचारियों का टीकाकरण क्यों नहीं..
भारत की सीरम इंस्टीट्यूट ने गैरों पर करम करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। लेकिन समस्या इस बात से नहीं कि सीरम इंस्टीट्यूट बाकी देशो में वैक्सीन उतने सस्ते दामों पर क्यों दे रही है बल्कि समस्या इस बात से है कि भारत में वैक्सीन के दामों को इतना ज्यादा क्यों रखा जा रहा है। मानवता पर जब भी कोई सकंट आया है भारत हमेशा विश्व की सहायता के लिए तैयार रहा है और आज भी है। लेकिन देश की वैक्सीन का लाभ देशवासियों को सस्ते में क्यों नहीं मिल रहा है। देश के जैसे हालात है वैसे में होना तो ये चाहिए था कि देसी वैक्सीन देश के लोगों को बाकी देशों से सस्ते दामों में मिलनी चाहिए थी लेकिन बाकी देशों से सस्ता तो छोड़िए उतने दामों में ही नहीं मिल रही है। इसे भी पढ़ें Nitin Patel Corona Positive : कोरोना पाॅजिटिव हुए गुजरात के डिप्टी सीएम नितिन पटेल, कई कार्यक्रमों में Amit Shah के साथ आए नजर बाकी देशों से करें तुलना भारत- 600 ₹ सऊदी अरब- 393.38 ₹ दक्षिण अफ्रीका- 393.38 ₹ अमेरिका- 299.72 ₹ बांग्लादेश- 299.72 ₹ ब्राज़ील- 236.02 ₹ ब्रिटेन- 224.79 ₹ यूरोपियन यूनियन- 161-262 ₹ भारत सरकार ने की घोषणा केंद्र… Continue reading Covishield Price : गैरो पे करम अपनों पे सितम..भारत में बनी कोविशील्ड भारत में ही सबसे महंगी
राज्यों में वैक्सीन की कमी की खबरें सामने आने के बाद एक राहत भरी खबर आई है. केंद्र सरकार वैक्सीन के उत्पादन को कई गुना बढ़ाने के लिए जुटी हुई है. देश में सरकार ने वैक्सीन के निर्यात पर भी रोक लगा दी है. सोमवार को वैक्सीन मामले की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने रूस की स्पुतनिक वी को मंजूरी दे दी है. यानी अब भारत में इस वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा सकेगा. वहीं इस वर्ष सितंबर के अंत तक भारत को पांच अन्य निर्माताओं से कोरोना वैक्सीन मिलने की भी उम्मीद है. फिलहाल भारत में कोविशील्ड और कोवैक्सिन का उपयोग किया जा रहा है. इसे भी पढ़ें Corona virus से जंग जीत कर Hospital से घर लौटे बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार स्पुतनिक वी को हैदराबाद की डॉ. रेड्डी लैब्स के साथ मिलकर किया ट्रायल सूत्रों के अनुसार तो स्पुतनिक द्वारा ट्रायल का डाटा पेश किया गया है जिसके आधार पर ये मंजूरी मिली है. लेकिन आज शाम तक ही सरकार द्वारा इसपर स्थिति स्पष्ठ की जा सकती है.आपको बता दें कि भारत में स्पुतनिक वी हैदराबाद की डॉ. रेड्डी लैब्स के साथ मिलकर ट्रायल किया है और उसी के साथ प्रोडक्शन चल रहा है. ऐसे में वैक्सीन को मंजूरी मिलने के… Continue reading खुशखबरी : भारत में नहीं होगी कोरोना वैक्सीन की कमी, जल्द शुरू होगा इस वैक्सीन का प्रयोग