गहलोत सरकार
जयपुर | अशोक गहलोत सरकार में भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार सक्रिय कांग्रेस के विधायक और पूर्व मंत्री भरतसिंह कुन्दनपुर (Bharat Singh Kundanpur) ने एक बार अपने सदर को पत्र लिखा है। सिंह ने पिण्डवाड़ा तहसीलदार कल्पेश कुमार जैन (Pindwara Tehsildar Kalpesh Kumar Jain) द्वारा रिश्वत लेते पकड़े जाने पर लाखों रुपए चूल्हे पर फूंक दिए जाने को रेयर आफ रेयरेस्ट बताते हुए उसे तत्काल प्रभाव से सेवा से बर्खास्त (Terminate from Service) करने की मांग की है। Must Read : Rajasthan में भ्रष्टाचार : बाहर ACB खड़ी थी, तहसीलदार और उसकी पत्नी ने गैस चूल्हे पर फूंक दिए बीस लाख रुपए, Video Viral कोटा जिले के सांगोद से कांग्रेस विधायक (Sangod Congress MLA) व पूर्व मंत्री भरत सिंह ने एक बार फिर अपनी सरकार के मुखिया को पत्र लिखा है। इस बार भी उन्होंने रिश्वत के आरोपी, भ्रष्ट अधिकारी को बर्खास्त करने की मांग की है। मुख्यमंत्री के नाम लिखे पत्र में भरत सिंह ने चूल्हे पर नोटों की गड्डियां चलाने वाले तहसीलदार कल्पेश जैन को एसीबी द्वारा पकड़े जाने पर बर्खास्त करने की मांग की हैं। भरतसिंह ने सरकार अनुच्छेद 311 का इस्तेमाल कर इस अधिकारी को बिना नोटिस, सुनवाई और प्रक्रिया के तहसीलदार को बर्खास्त करने की मांग… Continue reading Rajasthan: नोटों की होली जलाने वाले तहसीलदार के लिए पूर्व मंत्री बोले भरतसिंह यह रेयर आफ रेयरेस्ट मामला, बर्खास्त कर दो
jaipur: राजस्थान सरकार और प्रशासन (administration) के संयुक्त प्रयासों से अक अच्छी पहल की गयी है. जेल में बंद कैदियों (prisons) के जीवन-स्तर को सुधारने के लिए देश में समय-समय पर कई तरह की कोशिशें की जाती रही हैं. राजस्थान की गहलोत सरकार ने एक कदम बढ़कर कैदियों को आत्मनिर्भर (self-sufficient) बनने की ट्रे्निंग दे रही है. हालांकि इस पहल का श्रेय जितना सरकार का उतना ही प्रशासन को भी दिया जाना चाहिए. राजस्थान की जेलों में बंद कैदियों को सरकार द्वारा जेल परिसर में बने पेट्रोल पंप पर काम करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इस संबंध में राजस्थान के जेल महानिदेशक (Director General of Prisons) राजीव दासोत ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इस तरह से कैदियों के काम करने से उनमें भी सामान्य लोगों की ही तरह जीने के इच्छा पैदा होगी. इससे जब वे बाहर निलकेंगे तो उन्हें अस सामान्य जीवन जीने में परेशानी नहीं होगी. इसे भी पढें- सदन में विधायक के टी-शर्ट पहनकर आने से नाराज हुए विधानसभा अध्यक्ष, कह दिया गेट आउट ! पेट्रोल पंप पर काम करने की सैलरी भी दी जाती है राजीव दासोत ने बताया कि जेेलो में कैदियों को पेट्रोल पंप पर काम करने की ट्रेनिंग दी जा रही… Continue reading अच्छी पहल: राजस्थान सरकार बना रही है कैदियों को आत्मनिर्भर, पेट्रोल पंप का कर रहे हैंं संचालन
राजस्थान में भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) ने कांग्रेस की गहलोत सरकार से समर्थन वापिस ले लिया है। बीटीपी के प्रदेश अध्यक्ष वेलाराम घोघरा ने आज सरकार से समर्थन वापसी की घोषणा की।
राजस्थान विधानसभा का सत्र बुलाने के लिए राज्य सरकार की ओर से भेजा गया दूसरा प्रस्ताव भी राज्यपाल कलराज मिश्र को मंजूर नहीं है। उन्होंने अब राज्य सरकार से नया प्रस्ताव देने को कहा है।
राजस्थान में राज्यपाल और अशोक गहलोत सरकार के बीच विरोध अभी भी जारी है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि राज्य सरकार द्वारा भेजे गए
राजस्थान में जारी राजनीतिक ड्रामे के बीच कांग्रेस के तीन विधायक इस पूरे मामले के केंद्र में आ गए हैं, जिन्होंने अंतिम क्षण में अपनी निष्ठा बदलकर सचिन पायल के उन मंसूबों पर पानी फेर दिया
कांग्रेस ने कहा है कि राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार गिराने के षड्यंत्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का राष्ट्रीय नेतृत्व फंस रहा है इसलिए वह जवाब देने की बजाय बचाव में आ गया है।
राजस्थान में शुरू हुआ सियासी तूफान रविवार के मुकाबले सोमवार को थोड़ा धीमा पड़ गया। सोमवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आवास पर विधायकों की बैठक हुई, जिसमें एक राय से विधायकों ने उनको समर्थन देने का ऐलान किया।
राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के यह दावा करने के एक दिन बाद कि राज्य में अशोक गहलोत सरकार कुछ विधायकों के उनके साथ जाने के बाद अल्पमत सरकार में बदल गई है
राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार ने गत आधी रात्रि के बाद 103 वरिष्ठ भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारियों के स्थानान्तरण किये।
राजस्थान विधानसभा में विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया ने गहलोत सरकार पर प्रदेश में अपराध पर अंकुश लगाने में पूरी तरह विफल रहने का आरोप लगाते हुए कहा है
एक बरस पहले के शुरुआती चंद महीनों में जब भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित भाई शाह का पिद्दे-से-पिद्दा सांभा भी अपनी आंखें तिरछी कर ऐलान करता था कि मध्यप्रदेश और राजस्थान की कांग्रेसी सरकारों को इशारा मिलते ही हम चुटकी बजाते गिरा देंगे तो दोनों राज्यों के पचास-पचास कोस दूर तक के गांवों में कंपकंपी होने लगती थी। मगर सियासी भव-बाधाएं रचने में माहिर मोशा-चौकड़ी की तमाम कोशिशों के बावजूद कमलनाथ और अशोक गहलोत का पहला साल कोई गच्चा खाए बिना पूरा हो गया। सत्ता के बहुमत की चदरिया जब ज़रूरत से ज़्यादा झीनी हो तो राजनीति के मनचले अपने दीदे क्यों नहीं सेकेंगे? छत्तीसगढ़ के भूपेश बघेल की सत्ता को तो मतदाताओं ने ख़ासे मोटे कंबल से लपेट दिया था, मगर कमलनाथ और गहलोत की सत्ता के दुपट्टों में सूराख़ थे। इसलिए रफ़ूगीरी की अपनी कारीगरी से दोनों अपना दामन सियासी-लुंगाड़ों से बचा ले गए तो इसके लिए मैं तो उन्हें दाद दिए बिना नहीं रह सकता। अब भाजपा अपनी कलाई में कितने ही गजरे बांध कर घूमे, अगले चार साल मध्यप्रदेश और राजस्थान का चीर-हरण करने लायक वह रह ही नहीं गई है। कमलनाथ और अशोक गहलोत को मैं तक़रीबन साढ़े तीन दशक से जानता हूं। बतौर… Continue reading सियासी-लुंगाड़ों को ताल-ठोकू जवाब का एक बरस
राजस्थान में अजमेर से भाजपा सांसद भागीरथ चौधरी ने कहा है कि राज्य में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) लागू नहीं करेगी तो भाजपा राज्यव्यापी आंदोलन करेगी।