गुलाम नबी आजाद
राज्यसभा सांसद और सुप्रीम कोर्ट के वकील कपिल सिब्बल के रात्रिभोज में कांग्रेस के कई बड़े नेता शामिल हुए, जिसकी व्याख्या इस अंदाज में की जा रही है कि कांग्रेस अध्यक्ष को पिछले साल चिट्ठी भेजने वाले कांग्रेस के जी-23 समूह के नेताओं की यह बैठक थी
असली परीक्षा केरल और असम में हैं। इसमें पुड्डुचेरी को भी शामिल किया जा सकता है क्योंकि वहां कांग्रेस की पांच साल तक सरकार चली है।
असली मतलब गुलाम नबी आजाद का है। वे कांग्रेस के मुस्लिम चेहरे के तौर पर पूरे देश में जाने जाते हैं। उनके प्रचार में जाने से कांग्रेस को फायदा भी हो सकता था।
भाजपा में ऐसे कितने ही नेता हैं जो अपने नेता मोदी की प्रसंसा करते हैं मगर यह भी मानते हैं कि सोनिया गांधी में उदारता, बड़प्पन, क्षमाभाव जैसे कई बड़े गुण हैं। सोनिया की भलाइयों को इन दिनों अगर कोई भूला है तो वे कांग्रेस के नेता।
कांग्रेस पार्टी के 23 नेताओं ने पिछले साल अगस्त में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी और पार्टी के कामकाज पर सवाल उठाए थे। इन नेताओं ने पार्टी के हर पद के लिए चुनाव कराने की भी मांग की थी।
कांग्रेस के नेता हैरान-परेशान हैं कि आखिर इस समय गुलाम नबी आजाद ने अपने साथ पार्टी के पांच-छह नेताओं को जोड़ कर जो राजनीति की है उसका क्या मकसद है
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के खिलाफ उनके गृहनगर जम्मू में पहली आवाज उठी और पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनके खिलाफ नारे लगाए।
कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे गुलाम नबी आजाद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जम कर तारीफ की है।
राहुल गांधी का साहस व्यर्थ है। यदि उन्हें पार्टी की कमान संभालना है तो फिर उन शल्यों को दूर करना पड़ेगा जो रात दिन उनका साहस तोड़ने और प्रधानमंत्री मोदी का शौर्यगान करने में लगे हैं।
कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे राज्यसभा में विपक्ष के नेता के रूप में गुलाम नबी आजाद की जगह लेंगे। सूत्रों ने यह जानकारी दी। कांग्रेस के सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर विपक्षी पार्टियों के प्रति सद्भाव दिखाया है और कहा है कि भाजपा राजनीतिक छुआछूत में भरोसा नहीं करती
कांग्रेस पार्टी को फैसला करना है कि राज्यसभा में गुलाम नबी आजाद की जगह सदन में कांग्रेस का नेता कौन होगा।
गुलाम नबी आजाद इस बार राज्यसभा से रिटायर होंगे तो फिर उच्च सदन में उनकी वापसी मुश्किल होगी। वैसे राजनीति में किसी के बारे में भविष्यवाणी नहीं की जा सकती है।
कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद की संसद से बिदाई अपने आप में एक अपूर्व घटना बन गई। पिछले साठ—सत्तर साल में किसी अन्य सांसद की ऐसी भावुक विदाई हुई हो, ऐसा मुझे याद नहीं पड़ता।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि मैं गर्व से भरा एक भारतीय मुसलमान हूं।