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चीफ जस्टिस एसए बोबडे

  • जजों की नियुक्ति क्यों नहीं हो रही?

    Judge Appointed Court News : यह बड़ा भारी रहस्य है कि आखिर उच्च न्यायपालिका में रिटायर होते जा रहे जजों की जगह नए जजों की नियुक्ति क्यों नहीं हो रही है? सुप्रीम कोर्ट से लेकर राज्यों के हाई कोर्ट तक जज रिटायर हो रहे हैं। कई उच्च अदालतों में तो 50 फीसदी से ज्यादा पद खाली पड़े हैं लेकिन उनको भरा नहीं जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट में भी आधा दर्जन वैकेंसी हो गई। यह हैरानी की बात है कि सुप्रीम कोर्ट के पिछले चीफ जस्टिस एसए बोबडे के पूरे कार्यकाल में कॉलेजियम ने उच्चतम न्यायालय में नियुक्ति की एक...

  • कुछ ‘दाग’ अच्छे भी हैं!

    अपराधी छवि के या दागी नेताओं के चुनाव लड़ने के बारे में सुप्रीम कोर्ट ने कुछ दिशा-निर्देश दिए हैं। इससे मिलते-जुलते निर्देश पहले भी दिए जा चुके हैं। जैसे हर उम्मीदवार को अपने आपराधिक रिकार्ड का ब्योरा सार्वजनिक करने का निर्देश पहले से है। अब सर्वोच्च अदालत ने कहा है कि सिर्फ जीतने की क्षमता टिकट देने का आधार नहीं हो सकता है। साथ ही अदालत ने कहा है कि अगर कोई पार्टी अपराधी छवि के व्यक्ति को टिकट देती है तो उसका कारण बताना होगा। इस तरह के कुछ और छोटे-मोटे दिशा-निर्देश हैं। असल में अदालत कानून नहीं बना...

  • बड़े चुनाव सुधारों की जरूरत

    सुप्रीम कोर्ट ने दागी नेताओं के चुनाव लड़ने के बारे में कुछ दिशा-निर्देश दिए, जिसके बाद से इस बात पर बहस छिड़ी है कि आखिर कैसे दागी या अपराधी छवि के नेताओं को चुनाव लड़ने से रोका जाए। इस मामले में चुनाव आयोग पहले ही अपने हाथ खड़े कर चुका है। बुनियादी रूप से यह काम राजनीतिक दलों का है, जो सिर्फ जीतने की क्षमता के आधार पर अपराधी छवि के नेताओं को टिकट देते हैं। इस मामले में भाजपा हो या कांग्रेस या कोई क्षेत्रीय पार्टी है, सब समान रूप से जिम्मेदार हैं। यहां तक कि दिल्ली में साफ-सुथरी...

  • क्या ये फैसला औचित्यपूर्ण है?

    भारतीय राजनीति में कथित तौर पर बढ़ते आपराधीकरण पर चिंता व्यक्त करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ये महत्वपूर्ण फैसला दिया। बीते हफ्ते कोर्ट ने सभी राजनीतिक दलों को निर्देश दिया वे अपने दागी उम्मीदवारों की जानकारी ऑनलाइन प्रकाशित करें। कोर्ट ने कहा कि लोकसभा और विधानसभा चुनावों में उम्मीदवार के चयन के 48 घंटे के भीतर या नामांकन के दो हफ्ते के अंदर- जो भी पहले हो- ये जानकारी प्रकाशित कर दी जानी चाहिए। जस्टिस आरएफ नरीमन और जस्टिस रविंद्र भट की पीठ ने कहा कि ये जानकारी स्थानीय अखबारों और राजनीतिक दलों की आधिकारिक वेबसाइट और सोशल मीडिया हैंडल...