जनरल बिपिन रावत
जनरल मनोज मुकुंद नरवाणे ने मंगलवार को 28वें सेनाध्यक्ष का पदभार ग्रहण कर लिया।
जनरल नरवाणे ने जनरल बिपिन रावत की जगह ली है
नई दिल्ली। जनरल बिपिन रावत देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) का कार्यभार बुधवार को संभालेंगे और उनका कार्यालय साउथ ब्लाक में होगा तथा वह सेना की ही वर्दी पहनेंगे जिसमें तीनों सेनाओं का समन्वय दिखाई देगा। सेना ने स्पष्ट किया है कि जनरल रावत सेना प्रमुख के पद से मुक्त हुए हैं और सेना से सेवानिवृत नहीं हुए हैं। सीडीएस के तौर पर वह सेना में बनें रहेंगे। नकी वर्दी पर लगे रैंक बैज, बटन, बेल्ट और टोपी पर तीनों सेनाओं के चिन्हों तथा प्रतीकों का समन्वय होगा। ये सीडीएस के पद की भूमिका के अनुरूप तीनों सेनाओं में एकीकरण और तालमेल के प्रतीक होंगे। उनकी कार पर लगने वाले ध्वज में भी तीनों सेनाओं के चिन्ह होंगे। रक्षा मंत्रालय ने हाल ही में एक अधिसूचना जारी कर कहा है कि सीडीएस पद की अधिकतम आयु 65 वर्ष होगी हालाकि इसमें उसके कार्यकाल की अवधि निर्धारित नहीं की गयी है। जनरल रावत को सोमवार को सीडीएस के पद पर नियुक्त किया गया था। सेना प्रमुख के तौर पर तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा करने के बाद वह आज ही पदमुक्त हुए हैं। उनके स्थान पर जनरल मनोज मुकुंद नरवणे को नया सेना प्रमुख बनाया गया है।
सेना प्रमुख के तौर पार तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा करने के बाद आज सेवानिवृत्त हो रहे जनरल बिपिन रावत ने कहा कि विषम परिस्थितियों में मोर्चों पर तैनात सेना संकट की घड़ी में हर कसौटी पर खरी उतरी है।
नई दिल्ली। सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने सोमवार को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। जनरल रावत मंगलवार को सेवानिवृत्त हो रहे हैं और उनकी जगह लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवाणे अगले सेना प्रमुख होंगे। तीनों सेनाओं के सर्वोच्च कमांडर से सेना प्रमुख की इस मुलाकात को सेवा निवृत होने से पहले शिष्टाचार भेंट बताया गया है। सरकार ने सेना के तीनों अंगों में तालमेल बढ़ाने तथा तीनों सेनाओं को एक कमान के नीचे लाने के लिए चार स्टार के रैंक वाले जनरल के तौर पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ सीडीएस का पद सृजित किया है और जनरल रावत का नाम देश के पहले सीडीएस के लिए सबसे आगे चल रहा है।
सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत के नागरिकता कानून पर दिए कथित राजनीतिक बयान पर पूर्व सेना प्रमुख और केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने सफाई दी है। उन्होंने कहा है कि इस बयान में कुछ भी राजनीतिक नहीं था। जनरल वीके सिंह ने कहा- हमारे देश में विपक्ष किसी चीज को विवाद में बदल सकता है।
नई दिल्ली। सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि देश की सशस्त्र सेनाएं धर्मनिरपेक्ष हैं और मानवाधिकारों का पूरी तरह सम्मान करती हैं। जनरल रावत ने शुक्रवार को मानवाधिकार आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों तथा प्रशिक्षुओं को ‘युद्ध के समय मानवाधिकारों का संरक्षण और युद्धबंदी’ विषय पर संबोधित करते हुए कहा कि सशस्त्र सेनाएं पूरी तरह अनुशासित और सभी मानवाधिकारों का सम्मान करती हैं। सेनाएं न केवल अपने लोगों बल्कि दुश्मन के मानवाधिकारों का भी संरक्षण करती हैं और युद्धबंदियों के साथ जिनेवा संधि के अनुसार व्यवहार करती है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेनाओं का व्यवहार इंसानियत और शराफत के मूलमंत्र पर आधारित है। वे पूरी तरह धर्मनिरपेक्ष हैं। प्रौद्योगिकी के उदय के साथ युद्ध के बदलते तौर तरीके बड़ी चुनौती हैं। सैन्य हमलों के विपरीत आतंकवादी हमलों के संदर्भ में अंतर्राष्ट्रीय कानून में किसी तरह की जवाबदेही नहीं है। इसलिए आतंकवाद रोधी और उग्रवाद रोधी अभियानों से निपटते समय लोगों का दिल जीतना जरूरी है। इन अभियानों को अंजाम देते समय वास्तविक आतंकवादियों का पता लगाना जरूरी है और यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि इससे आस पास की संपत्ति या अन्य लोगों को नुकसान नहीं पहुंचे। यह बेहद चुनौतीपूर्ण और कठिन काम है। यह भी पढ़ें:- लेफ्टिनेंट… Continue reading सेना पूरी तरह धर्मनिरपेक्ष, मानवाधिकारों का करती है सम्मान: जनरल रावत
सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत की नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) प्रदर्शन के खिलाफ टिप्पणी ने एक नया मोड़ ले लिया है और इस पर प्रतिक्रिया शुरू हो गई है।
नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) पर रुख जाहिर करते हुए सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने आज कहा कि भारी भीड़ को हिंसा के लिए उकसाना और आगजनी करना नेतृत्व नहीं है।
अजित कुमार- केंद्र सरकार ने पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर पर ऐतिहासिक फैसला किया था। उसे विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को खत्म कर दिया गया और जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया गया। उसी समय विपक्षी पार्टियों के तमाम बड़े नेताओं को नजरबंद कर दिया गया और संवेदनशील इलाकों में कई किस्म की पाबंदियां लागू कर दी गईं। जम्मू क्षेत्र के कुछ नेता नजरबंदी से रिहा हुए हैं पर घाटी के बड़े नेताओं, जिनमें तीन पूर्व मुख्यमंत्री भी शामिल हैं, उनको नजरबंद रखा गया है और वह भी जन सुरक्षा अधिनियम यानी पीएसए के तहत। राज्य के ज्यादातर इलाकों में अब भी इंटरनेट और मोबाइल पर पाबंदी लगी है। पिछले करीब साढ़े चार महीने में सरकार का पाबंदी और नजरबंदी का यह फैसला कारगर दिखा है। राज्य में शांति रही है और तभी गृह मंत्री अमित शाह ने कई बार कहा कि अनुच्छेद 370 में बदलाव के फैसले के बाद जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बलों को एक भी गोली चलाने की जरूरत नहीं पड़ी है। पर अब हालात बदल सकते हैं। अब कश्मीर घाटी और नियंत्रण रेखा पर नया मोर्चा खुल सकता है। सेना प्रमुख जनरल बिपिन… Continue reading कश्मीर और एलओसी का नया मोर्चा!
नई दिल्ली। सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने सीमा पर टकराव का अंदेशा जताया है। उन्होंने कहा कि नियंत्रण रेखा, एलओसी पर स्थिति कभी भी खराब हो सकती है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय सेना किसी भी समय जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार है। सेना प्रमुख ने कहा- सीमा पर स्थिति कभी भी बिगड़ सकती है, लेकिन हम पूरी ताकत के साथ जवाब देने के लिए तैयार हैं। गौरतलब है कि एलओसी पर पाकिस्तान की तरफ से संघर्षविराम के उल्लंघन की लगातार खबरें आ रही हैं, ऐसे में सेना प्रमुख का बयान बेहद गंभीर है। बताया जा रहा है कि अगस्त से ही पाकिस्तान की तरफ से गोलीबारी की घटनाओं में बढ़ोतरी हो गई है। ध्यान रहे अगस्त में ही सरकार ने जम्मू कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त कर दिया था। मंगलवार को भी भारतीय सेना ने सुंदरबनी सेक्टर में पाकिस्तान की बोर्डर एक्शन टीम, बैट की कार्रवाई को नाकाम कर दिया था। गौरतलब है कि पाकिस्तान लगातार अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर जम्मू कश्मीर का मामला उठाता रहा है। हालांकि उसे भारत के खिलाफ कोई खास कामयाबी नहीं मिल पाई है। इस बीच पिछले दिनों ही केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने संसद को बताया… Continue reading सेना प्रमुख ने जताया टकराव का अंदेशा