पूंजीवाद
धन्य हैं नरेंद्र मोदी! आखिर कुछ भी हो, जो बात भारत की संसद में किसी प्रधानमंत्री ने नहीं कहीं उसे नरेंद्र मोदी ने डंके की चोट कहा। तभी यह कहना भी सही है कि मोदी से पहले भला प्रधानमंत्री कहां था
भारत की नौकरशाही याकि आईएएस बाबुओं की फौज को बुधवार को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में जो आईना दिखाया वह आजाद भारत की इतिहासजन्य घटना है।
भारत में कुछ बातों को एक झीने परदे में ढक कर रखने की परंपरा रही है। सरकारें पहले भी निजीकरण को बढ़ावा देती थीं, पूंजीपतियों के लिए काम करती थीं
पिछले कुछ समय से आंखी दास बहुत चर्चा में हैं। वे फेसबुक की पब्लिक पॉलिसी डायरेक्टर हैं। उन पर इल्जाम है कि उन्होंने सोशल मीडिया के इस सबसे बड़े प्लेटफॉर्म का मनमाना इस्तेमाल भाजपा को करने दिया।
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