पेडमिक
‘पंडित का जिंदगीनामा’ लिखना कोई साढ़े तीन महिने स्थगित रहा। ऐसा होना नहीं चाहिए था। आखिर जब मौत हवा में व्याप्त है तो जिंदगी पर सोचना अधिक हो जाता है। तब स्मृति, आस्था, जिंदगी के गुजरे वक्त की याद ज्यादा कुनबुनाती है।
जिंदगी को समझने और जीने की अपनी तीसरी लोकेशन लंदन है। मैं जनसत्ता की तरफ से 1985 में पहली बार लंदन गया। वह मेरी पहली विदेश यात्रा थी।
लोग मेरा अहोभाग्य कहेंगे जो मैं देश की चौखट दिल्ली में रहा। हां, दिल्ली का एक अर्थ दहलीज, चौखट भी है। इस चौखट में छुपा हैभारत का तिलिस्म! मैंने इसलोकेशन के तिलिस्म को भेदने की कोशिश मेंजिंदगी के 45 वर्ष जाया किए।
जिंदगी लोकेशन और पात्रों की भीड़ लिए होती है। आपकी भी होगी। अपनी लोकेशन को याद करेंगे तो जिंदगी के शहर, कॉलोनी, मोहल्ले फ्लैशबैक में दौड़ेंगे।
मेरा लिखना, पढ़ने की बुरी लत से है! मतलब बचपन की बुरी लत से मैं बना हुआ हूं। पिता अखबार मंगाते थे तो मेरे लिए पराग, चंदामामा भी लगवाई। बाद में नंदन। इससे किस्से-कहानियों का कौतुक बना तो सामान्य ज्ञान भी।
यदि इंसान के वश में वक्त विशेष को लौटाना, उसमें दोबारा जीना संभव होता तो वह जिंदगी के किस वक्त में दोबारा जीना चाहता? गुजरी जिंदगी के किस हिस्से को फ्लैशबैक के पर्दे पर पहले देखता?
कोरोना वायरस के संक्रमण से मरने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है
दुनिया भर में कोरोना वायरस के संक्रमितों की संख्या में लगातार छह दिन तक औसतन एक लाख से ज्यादा की बढ़ोतरी के बाद सातवें दिन इसमें थोड़ी कमी आई।
‘मैं’, ‘मैं’ हूं! ‘मैं’ अकेला! खाली हाथ आए थे खाली हाथ जाएंगे। लेकिन जिंदगी तो प्राप्त परिवार,प्राप्त रिश्तेदारी, जिम्मेवारी व सामाजिकता में बंधी होती है।
देश में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या बढ़ कर दो लाख से ज्यादा हो गई है। मंगलवार की देर शाम तक देश में संक्रमितों की कुल संख्या दो लाख पांच हजार से ज्यादा हो गई है।
दुनिया भर में कोरोना वायरस के संक्रमितों की संख्या में हर 24 घंटे में एक लाख मरीजों के बढ़ने का औसत जारी है।
कोरोना वायरस के फैलते संक्रमण के बीच मेडिकल उपकरणों की खरीद और उनकी क्वालिटी को लेकर कई किस्म के सवाल उठ रहे हैं।
भारत में सब कुछ बहुत धीरे धीरे और ठहरे हुए अंदाज में होता है। कोरोना वायरस के मामले में भी ऐसा ही हो रहा है। भारत में वायरस देर से आया और धीरे धीरे आया। वायरस फैल भी धीरे धीरे रहा है। सरकार ने मेडिकल सुविधाएं भी मंथर गति से ही जुटाईं।
कोरोना वायरस के संक्रमण में एक तरफ कुछ नेता अपने कामकाज से पार्टी का नाम ऊंचा कर रहे तो दूसरी ओर कुछ नेता पार्टी को शर्मिंदा कर रहे हैं।
देश में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या बढ़ कर दो लाख के करीब पहुंच गई है। सोमवार की देर शाम तक उत्तर प्रदेश को छोड़ कर देश भर से सात हजार से ज्यादा संक्रमण के मामलों की खबर मिली है।