बिहार चुनाव
बिहार में भारतीय जनता पार्टी ने अपने सबसे बड़े नेता सुशील कुमार मोदी को अप्रासंगिक बना दिया है। पिछले तीन दशक में बिहार भाजपा की राजनीति उनके ईर्द-गिर्द घूमती रही है।
पता नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी कैबिनेट में फेरबदल कब करेंगे, लेकिन उससे पहले कई किस्म के अटकलें लगाई जा रही हैं। उन्हीं में से एक अटकल बिहार के मंत्रियों को लेकर भी है।
मध्यप्रदेश सरकार ‘लव जिहाद’ के खिलाफ कानून बनानेवाली है। ऐसी घोषणा उत्तरप्रदेश, हरयाणा और कर्नाटक की सरकारों ने भी की है।
कांग्रेस पार्टी के नेता बिहार में अपनी पार्टी के प्रदर्शन पर सवाल उठा रहे हैं। जो नेता सवाल उठा रहे है वे अपनी बात नहीं कह रहे हैं वे वहीं दोहरा रहे हैं, जो राष्ट्रीय जनता दल के नेता कह रहे हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष को चिट्ठी लिख कर नेतृत्व का मुद्दा उठाने वाले 23 लोगों में शामिल रहे कपिल सिब्बल ने एक बार फिर पार्टी नेतृत्व का मुद्दा उठाया है।
मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की वरिष्ठ नेता उमा भारती का कहना है कि बिहार के चुनाव और अन्य राज्यों के उप-चुनाव के नतीजों से एक बात साफ हो गई है
कांग्रेस पार्टी के लिए मतगणना का दिन बड़ी निराशा वाला रहा। कांग्रेस को ऐसा लग रहा था कि वह बिहार से लेकर मध्य प्रदेश तक कुछ अच्छा करेगी।
बिहार में हुआ चुनाव सिर्फ एक प्रांत का चुनाव बनकर नहीं रहने वाला है। यह अगले संसदीय चुनाव (2024) का आईना बनने वाला है। कोरोना की महामारी के दौरान होनेवा ला यह पहला चुनाव है।
बिहार में हुए चुनाव के बाद ज्यादातर एक्जिट पोल के नतीजों में राजद और कांग्रेस गठबंधन को पूर्ण बहुमत मिलने का अनुमान लगाया गया है
बिहार में एक्जिट पोल के नतीजे भले राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन को पूर्ण बहुमत दे रहे हैं पर सत्तारूढ़ एनडीए को अब भी उम्मीद है। भाजपा और जनता दल यू दोनों के नेता इस भरोसे में हैं कि एक्जिट पोल में हर बार नंबर्स ऊपर-नीचे होते हैं।
ऐसा क्यों होता है कि किसी भी चुनाव पूर्व सर्वेक्षण में चुनाव बाद के सर्वेक्षण यानी एक्जिट पोल में भाजपा नहीं हारती है
बिहार में मतदान समाप्त हो चुका है और अब इंतजार नतीजों का है। इसका खास इंतजार इसलिए भी है कि लंबे समय बाद भारत में ऐसा कोई चुनाव हुआ, जिसमें रोजी रोटी के सवाल मुद्दा बनते दिखे।
मंगलवार को होने वाली मतगणना से पहले रविवार को राजद और कांग्रेस के विपक्षी गठबंधन ने हर स्थिति से निपटने की तैयारी की। एक्जिट पोल में स्पष्ट बहुमत मिलने की भविष्यवाणी से उत्साहित राष्ट्रीय जनता दल ने अपने समर्थकों से कहा कि वे नतीजों के दौरान शांति बनाए रखें।
कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद ठीक होकर सिर्फ सुशील कुमार मोदी प्रचार में लौटे। आखिरी चरण का चुनाव प्रचार बंद होने तक बाकी कोई नेता नहीं लौटा।
बिहार विधानसभा के तीन चरण में हुए चुनाव के आखिरी चरण का मतदान खत्म होने के बाद शनिवार को आए एक्जिट पोल में तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले महागठबंधन की सरकार बनती दिख रही है