राममंदिर
तो आखिरकार लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए होने वाले भूमिपूजन और शिलान्यास का न्योता नहीं मिला।
मेरी एक पत्रकार महिला मित्र थी। जब वे मेरी किसी बात से खुश होकर उस पर टिप्पणी करना चाहती तो वह दक्षिण भारतीय जिन्होंने काफी समय महाराष्ट्र में बिताया था मुझसे कहती ‘सर आप तो दुवात्मा (महान आत्मा) हो।
भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या के लिए बुधवार का दिन ऐतिहासिक होने जा रहा है। बुधवार को ठीक साढ़े 12 बजे अभिजीत मुहूर्त में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भव्य राममंदिर का शिलान्यास करेंगे और इसके साथ ही दशकों, सदियों से चल रहे विवाद का एक अध्याय खत्म हो जाएगा।
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के भूमिपूजन और शिलान्यास से एक दिन पहले मंगलवार को अयोध्या में दिवाली मनाई गई। पूरे शहर को बिजली की बत्तियों से सजाया गया है और सरयू के किनारे एक लाख दीये जलाए गए।
भारत की आजादी से अब तक के तिहत्तर सालों में से यदि प्रारंभिक उन्तीस महिने और ग्यारह दिन संविधान रहित देश का समय निकाल दिया जाए तो करीब-करीब सत्तर सालों से हमारे देश में संविधान लागू है,
ऐसा बताया गया था कि राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट ने राममंदिर के शिलान्यास के लिए प्रधानमंत्री को तीन और पांच अगस्त की दो तारीखें भेजी थीं।
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर पूरे देश में मचे घमासान के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) गोरखपुर में अपने जनजागरण अभियान की समीक्षा के साथ-साथ राममंदिर पर चर्चा करने जा रहा है।
भारतीय जनता पार्टी को झारखंड चुनाव के नतीजों को लेकर अच्छी फीडबैक नहीं मिल रही है। पार्टी के आला नेताओं को मुख्यमंत्री के पिछड़ने की खबर मिली है और यह भी फीडबैक है उसकी सीटें पिछली बार से कम हो रही हैं।
राममंदिर के पक्ष में भले ही सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है, लेकिन अभी ट्रस्ट बनाने को लेकर संतों के बीच आपस में ही कई मतभेद खुलकर सामने आने लगे हैं।
राम मंदिर पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पूरी अयोध्या में सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए गए थे।
अयोध्या में विवादित रामजन्मभूमि मामले का फैसला आने से पहले राममंदिर के प्रस्तावित मॉडल के अनुसार प्रथम तल की निर्माण सामग्री लगभग तैयार कर ली गयी है।