राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ
भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ने उत्तर प्रदेश के चुनाव की रणनीति बनाई। आठ महीने बाद राज्य में चुनाव होने ले हैं और उससे पहले पार्टी और संघ दोनों को इमेज की चिंता सता रही है। कोरोना वायरस के प्रबंधन की कमियों की जह से सरकार की इमेज बिगड़ी है। राज्य और केंद्र सरकार दोनों की यह साझा चिंता है। गंगा में बहती लाशों ने सरकार की इमेज पर स्थायी धब्बा लगाया है। तभी आठ महीने बाद होने ले चुनाव को लेकर भाजपा और संघ दोनों चिंता में हैं। बताया जा रहा है कि संघ की मंशा गुजरात की तरह उत्तर प्रदेश में भाजपा की स्थायी सरकार बनाने की है। यह भी पढ़ें: भाजपा की बैठक, कांग्रेस का फिजलू निशाना सो, इसके लिए रविवार को दिल्ली में भाजपा के शीर्ष नेताओं और आरएसएस के पदाधिकारियों की एक अहम बैठक हुई। इसमें उत्तर प्रदेश के चुनाव से पहले इमेज बदलने और राज्य सरकार के सिस्टम को ठीक करने के बारे में चर्चा हुई। इसी सिलसिले में राज्य सरकार में फेरबदल पर भी विचार हुआ और यह तय हुआ कि सरकार के कुछ मंत्रियों को हटाया जाए और उनकी जगह नए मंत्री बनाए जाएं। यह चर्चा और मंथन अपनी जगह… Continue reading बिना यूपी वालों के यूपी की रणनीति!
प्रयागराज (यूपी) | कोरोना महामारी का प्रकोप सभी जगह फैला हुआ है कोरोना (Corona) से लोगों में भय बना हुआ है कोरोना मामलों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है महामारी को मिटाने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और अन्य प्रमुख हिंदू संगठनों (Hindu organizations) के साधु, संत और स्वयंसेवक लाखों हिंदू परिवारों के साथ मंगलवार को कोरोना वायरस (Corona Virus) दूर करने के लिए ग्यारह बार ‘हनुमान चालीसा’ (Hanuman Chalisa) का पाठ करेंगे। ये कार्यक्रम काशी प्रांत में होगा, जिसमें पूर्वी उत्तर प्रदेश (UP) के 26 जिले शामिल होंगे। आरएसएस (RSS) के प्रचार प्रमुख, मुरार जी त्रिपाठी के अनुसार, पाठ मंगलवार सुबह 8.30 बजे शुरू होगा और इसमें संतों और संतों के अलावा प्रमुख हस्तियां और पेशेवर, उद्योगपति और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल होंगे। इसे भी पढ़ें – Chhattisgarh में पुलिस कैंप पर नक्सलियों ने की फायरिंग, गोलीबारी में तीन लोगों की मौत ‘हनुमान चालीसा’ के पाठ का आह्वान आरएसएस (RSS) की कुटुम्ब प्रबोधन गतिविधि के माध्यम से किया गया है क्योंकि अधिकांश संतों का मानना है कि यह घातक वायरस को मिटा सकता है। प्रयाग पीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि, और स्वामी जितेंद्रानंद जी, स्वामी कैवल्य दास जी और स्वामी… Continue reading UP : कोरोना महामारी को समाप्त करने के लिए Hanuman Chalisa का सामूहिक पाठ करेंगे साधु-संत
भारतीय जनता पार्टी के पूर्व महासचिव और अब राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के पदाधिकारी राम माधव ने अंग्रेजी के एक अखबार में लेख लिखा है, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कोरोना प्रबंधन का बचाव किया है और विपक्षी पार्टियों की ओर से की जा रही आलोचना का जवाब दिया है। उन्होंने लगभग हर आलोचना का जवाब दिया है और वैसे ही दिया है, जैसे भाजपा का कोई भी प्रवक्ता इस समय दे रहा है। उसमें कुछ भी नया नहीं है। जैसे उन्होंने लिखा कि मोदी के प्रयासों की विश्व स्वास्थ्य संगठन ने तारीफ की है या अमेरिका, यूरोप में कितने लोग मर गए या 75 साल में देश में स्वास्थ्य का बुनियादी ढांचा नहीं विकसित किया गया आदि-आदि। सो, इस नाते उनके लेख का मतलब समझ में नहीं आता है। पर आखिर में उन्होंने लिखा है कि सरकार को अपने कामकाज में कुछ और पारदर्शी होना चाहिए और कुछ और खुलापन लाना चाहिए। अब वे संघ के पदाधिकारी हैं इसलिए यह सवाल उठता है कि क्या संघ चाहता है कि सरकार के कामकाज में और पारदर्शिता और खुलापन आए? उन्होंने यह भी लिखा है कि सरकार को लोगों के साथ थोड़ा और जुड़ाव बढ़ाने की जरूरत है। तो क्या संघ… Continue reading राम माधव के लिखे का क्या मतलब?
एक खबर के मुताबिक राजस्थान में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने शनिवार को जगह-जगह हनुमान चालीसा का पाठ कराया, ताकि कोरोना महामारी का मुकाबला किया जा सके। एक दूसरी खबर के मुताबिक हैदराबाद के एक ज्योतिषी ने कहा है कि कोरोना के अंग्रेजी हिज्जे में अगर एक के बजाय दो ‘एन’ लिखा जाने लगे, तो न्यूमरोलॉजी के मुताबिक कोरोना वायरस अपनी संक्रामक क्षमता खो देगा। एक तीसरी खबर के मुताबिक कोरोना वायरस की दूसरी लहर की रोकथाम के लिए लागू पाबंदियों का उल्लंघन करते हुए गुजरात के गांधीनगर जिले के एक गांव में एक धार्मिक जुलूस निकाला गया, जिस संबंध में पुलिस ने 46 लोगों को गिरफ्तार किया है। एक अन्य खबर के अनुसार पिछले कुछ दिनों में गुजरात में इस तरह की यह दूसरी घटना है। जिले पुलिस उपाधीक्षक ने कहा- यानी ये जानकारी आधिकारिक तौर पर दी गई है कि गांधीनगर के रायपुर गांव में निकाले गए जुलूस के दौरान सभी कोविड-19 रोकथाम मानकों का कथित रूप से उल्लंघन किया गया। इसमें शामिल पुरुष और महिलाओं में से कई बिना मास्क के थे। इस आयोजन के दौरान महिलाएं अपने सिर पर पानी के बर्तन ले जा रही थीं, तो वहीं कई पुरुष ढोल पीटते हुए जुलूस का नेतृत्व कर… Continue reading ये कहां आ गए हम!
कोरोना वायरस की महामारी के बेकाबू होने और उसके बाद पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाने की वजह से क्या नरेंद्र मोदी बैकफुट पर हैं? यह सही है कि वे भाजपा के सबसे बड़े नेता हैं और भाजपा के पास उनका कोई विकल्प नहीं है। राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के पास भी उनके अलावा कोई विकल्प नहीं है। उनकी ऑथोरिटी को चुनौती देने वाला इस समय पार्टी, सरकार या संघ में कोई नहीं है। इसके बावजूद ऐसा लग रहा है कि वे बैकफुट पर हैं। पहली बार ऐसा हुआ है कि वे धारणा का प्रबंधन नहीं कर पा रहे हैं और लोकप्रिय विमर्श उनके खिलाफ बन रहा है और इस वजह से वे परेशान हैं और फैसले नहीं कर पा रहे हैं। प्रधानमंत्री का अपने मंत्रीपरिषद की बैठक बुलाना इस परेशानी का संकेत है। इस बैठक में कोई फैसला नहीं कर पाना भी इसी परेशानी को दिखाता है। प्रधानमंत्री ने लंबे समय के बाद मंत्रिपरिषद की बैठक बुलाई थी। आमतौर पर कैबिनेट की बैठकें ही होती हैं और उसमें भी काम सिर्फ फैसलों पर मुहर लगाने का होता है। सो, जब उन्होंने मंत्रिपरिषद की बैठक बुलाई तो ऐसा लगा कि कोई बड़ा फैसला होने… Continue reading क्या बैकफुट पर हैं नरेंद्र मोदी?
नागपुर। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) कोरोना पाजिटिव पाए गए हैं। इसकी जानकारी आरएसएस ने टवीट करके दी है। मोहन भागवत को नागपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों का कहना है कि फिलहाल चिंता की कोई बात नहीं है उनकी हालत स्थिर है। गौरतलब है कि महाराष्ट्र में कोराना बहुत तेजी से फैला है। बड़े—बड़े फिल्म स्टार से लेकर कई लोग कोरोना की चपेट में आ रहे हैं। आरएसएस का मुख्यालय नागपुर में है।
संघ का पूरा दर्शन ही ‘मैं नहीं तू ही’, ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’, ‘याची देही याची डोला’ के भाव पर अवलंबित है। संघ समाज के विभिन्न वर्गों-खाँचों-पंथों-क्षेत्रों-जातियों को बाँटने में नहीं, जोड़ने में विश्वास रखता है।
भारत सरकार नए स्वतंत्रता सेनानियों की तलाश करने जा रही है। अब तक आधुनिक भारत के इतिहास या आजादी की लड़ाई के इतिहास में जिन स्वत्रंता सेनानियों के बारे में पढ़ाया जाता रहा है
राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत ने कहा है कि हिंदू कभी भारत विरोधी नहीं हो सकता है, उसके संस्कार ऐसे हैं कि वह राष्ट्रभक्त होता है। यह बात उन्होंने महात्मा गांधी को हिंदू राष्ट्रवादी बताने वाली एक किताब के विमोचन में कही।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा है कि ‘केसरी’ का उद्देश्य धर्म के मार्ग की स्थापना करना है, विजय मिलना या न मिलना मायने नहीं रखता है।
कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी का दामन थामने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की संगठन के साथ-साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भी
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सर्वोच्च प्रमुख श्री मोहन भागवत ने तीन राष्ट्रीय मुद्दों पर बहुत ही तर्कसंगत विचार प्रस्तुत किए हैं। ये मुद्दे हैं- काशी और मथुरा के मंदिर, समान आचार संहिता और शरणार्थी कानून
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने आज कहा कि वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वदेशी आंदोलन के समर्थक रहे हैं और ‘स्वदेशी’ के लिए कार्य करने वाले के एन गोविंदाचार्य से उनकी काफी अच्छी मित्रता भी है।
पिछले एक माह से मैं निरंतर याद दिला रहा हूं, चार बातों की। एक, तबलीगी मौलाना साद की गैर-जिम्मेदाराना हरकत के लिए देश के सारे मुसलमानों पर तोहमत नहीं लगाई जानी चाहिए।
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देश भर में लागू लॉकडाउन के बीच केंद्र सरकार ने कई अहम फैसले किए हैं। बताया जा रहा है कि ये फैसले सरकार ने भारतीय जनता पार्टी की सलाह से किए हैं।