राहत पैकेज
कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए किये गये लॉकडाऊन के कारण घोषित राहत पैकेज के तहत जन धन बैंक खातों में आई 500 रुपये की रकम निकलवाने के लिए यहां बैंकों में भीड़ उमड़ रही है
भारत में कोरोना वायरस से फैली अफरा-तफरी के बीच पिछले हफ्ते केंद्र सरकार ने महामारी से होने वाले आर्थिक नुकसान की भरपाई के लिए आर्थिक पैकेज की घोषणा की। एक लाख सत्तर हजार करोड़ रुपए के इस राहत पैकेज का नाम प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना रखा गया है। सरकार ने दावा किया कि इसका फोकस आर्थिक रूप से कमजोर लोगों पर है। मगर बारीक नजर डालें तो इस घोषणा में कई बातें दिखावटी हैं। मसलन, इसमें 31 हजार करोड़ रुपए वो भी हैं, जो निर्माण मजदूर कोष में हैं। सरकार पहले ही राज्य सरकारों को उसका उपयोग करने को कह चुकी है। इसी तरह पीएम किसान योजना की 2000 रुपए की किस्त वैसे भी किसानों के खाते में जानी थी। उसका कुछ दिन पहले अग्रिम भुगतान कोई अतिरिक्त राहत नहीं है। यही बात मनरेगा मजदूरी में वृद्धि का है, जो मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी के साथ पहले से अपेक्षित था। इन सारी रकमों को एक लाख सत्तर हजार में शामिल कर बड़ी राहत का संदेश देना क्या सिर्फ सुर्खियां हासिल करना नहीं माना जाएगा? वैसे ये सच है कि इस पैकेज में घोषित कई उपाय सही दिशा में हैं। जन धन खातों वाली 20 करोड़ महिलाओं को अगले तीन महीने तक… Continue reading आर्थिक पैकेज में कई छेद
कोरोनावायरस के खिलाफ जंग में होने वाले आर्थिक नुकसान के लिए सरकार की ओर राहत पैकेज की घोषणा से उत्साहित देश के शेयर बाजार में आज फिर जबरदस्त तेजी रही।
कोरोनावायरस के प्रकोप के खिलाफ भारत द्वारा छेड़ी गई जंग में होने वाले आर्थिक नुकसान की भरपाई के लिए सरकार द्वारा की गई राहत पैकेज की घोषणा के बाद देसी करेंसी रुपये में
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना वायरस के प्रकोप के खिलाफ सरकार द्वारा छेड़ी गई जंग से प्रभावित गरीबों और मजदूरों की कठिनाइयों को देखते हुए आज 1,70,000 करोड़ रुपये के राहत पैकेज के रूप में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज की घोषणा की।
अमेरिका में कोरोना वायरस के आर्थिक असर को कम करने के लिये भारी-भरकम राहत पैकेज की तैयारी से अमेरिका और यूरोप के बाजारों उत्साह का संचार हुआ।