शिवराज सिंह चौहान
भोपाल | MP Bypolls Result 2021: मध्य प्रदेश (MP) में एक लोकसभा और 3 विधासभा सीटों पर हुए उपचुनावों में फिर से ‘शिव’ का ‘राज’ हो गया है। जी हां, यहां फिर से सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) का जादू चल गया है। MP में खंडवा, पृथ्वीपुर और जोबट में भाजपा का कमल खिल गया। हालांकि, रैगांव सीट पर कांग्रेस ने अपना पंजा मार लिया। भाजपा की इन सभी सीटों पर जीत का श्रेय तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान को जाता है। जिन्होंने जनता के बीच जाकर उन्हें अपना बनाया और परिणाम भी फिर सुखद ही आया। इन सीटों पर भाजपा ने जमाया कब्जा MP Bypolls Result 2021: एमपी उपचुनावों में खंडवा सीट से भाजपा के ज्ञानेश्वर पाटिल, पृथ्वीपुर से भाजपा के शिशुपाल यादव और जोबट सीट से भाजपा के ही सुलोचना रावत जीती हैं। लेकिन रैगांव सीट से कांग्रेस की उम्मीदवार कल्पना वर्मा भाजपा को परास्त करते हुए जीत हासिल कर ली। ये भी पढ़ें:- श्रीराम की नगरी अयोध्या में भव्य ‘दीपोत्सव’ की शुरूआत, आज 12 लाख दीये जलाकर बनाया जाएगा नया रिकाॅर्ड कांग्रेस और बीएसपी से छीन लाए सीट मध्य प्रदेश में चार सीटों में से तीन पर भाजपा की जीत को एमपी में आगामी चुनावों… Continue reading MP में फिर से हुआ ‘शिव’ का ‘राज’, उपचुनाव में BJP ने मारी 3 सीटों पर बाजी, शिवराज का ऐसे चला जादू
फ्री कंसलटेंसी के लिए पहचाने जाने वाले राजा दिग्विजय ने क्या सोच समझकर सरस्वती विद्या मंदिर के मुद्दे पर संघ और भाजपा नेतृत्व को निशाने पर लिया था..
अलग विन्ध्य प्रदेश को लेकर मैहर के भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी द्वारा चलाये जा रहे हमारा विन्ध्य हमें लौटा दो अभियान को लेकर पिछले दिनों विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने सवाल उठाये।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी बातें तो खरी खरी करते हैं। हाल ही में उन्होंने एक कार्यक्रम में बताया कि राजनीति में सब दुखी हैं।
लाड़ली लक्ष्मियों को 21 करोड़ रु.का वितरण, गर्भवती एवं धात्री माताओं को 5 करोड़ रुपए की मातृत्व सहायता
प्रदेश में संभावित एक लोक सभा और 3 विधानसभा के उपचुनाव के लिए सत्तारूढ़ दल भा जा पा चुनाव घोषित होने के पूर्व ही माहौल बना लेना चाहती है।
एक तरफ जहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कमिश्नर कलेक्टर कान्फ्रेंस में अधिकारियों को फटकार रहे थे सराहना भी कर रहे थे, वहीं दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती का यह बयान सामने आ गया
पूर्व मुख्यमंत्री उमा ने भारती नशा छोड़ो घर जोड़ो महा अभियान प्रदेश में 15 जनवरी से शुरू करने का ऐलान किया हैI
प्रदेश में पार्टी के पक्ष में सकारात्मक वातावरण बनाने के लिए भाजपा चौतरफा प्रयास कर रही है।
bjp parliamentary board : भारतीय जनता पार्टी में फैसले करने वाली सर्वोच्च ईकाई संसदीय बोर्ड में एक और जगह बन गई है। संसदीय बोर्ड के सदस्य और केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत को कर्नाटक का राज्यपाल बना दिया गया है। संवैधानिक पद पर जाने के बाद वे भाजपा के संसदीय बोर्ड में नहीं रह पाएंगे। उनसे पहले संसदीय बोर्ड में तीन और जगह अलग अलग कारणों से बनी थी। लेकिन हैरानी की बात है कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व संसदीय बोर्ड में नए सदस्यों को नहीं शामिल कर रहा है। बोर्ड में जगह खाली होने का सिलसिला 2017 से चल रहा है। यह भी पढ़ें: संसदीय बोर्ड में किसे मिलेगी जगह सबसे पहले पार्टी के पूर्व अध्यक्ष वेंकैया नायडू के उप राष्ट्रपति बनने के बाद 2017 में एक जगह खाली हुई थी। लेकिन उनकी जगह कोई नई नियुक्ति नहीं हुई। पिछले 2019 के लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद अगस्त में भाजपा संसदीय बोर्ड के दो सदस्य सुषमा स्वराज और अरुण जेटली का निधन हो गया। उनकी जगह भी किसी को नहीं नियुक्त किया गया और अब थावरचंद गहलोत को राज्यपाल बनाया गया है। इस तरह भाजपा संसदीय बोर्ड में अब चार जगहें खाली हो गई हैं। 12 सदस्यों वाली इस ईकाई… Continue reading भाजपा संसदीय बोर्ड में बनी जगह
भारतीय जनता पार्टी के शासन वाले राज्यों में भले पार्टी के अंदर खूब तिकड़म और दांव-पेंच चल रहे हैं पर ऐसा लग रहा है कि कोई भी मुख्यमंत्री बदला नहीं जाएगा। तभी यह हैरान करने वाली बात है कि जब पार्टी आलाकमान यह तय किए हुए है कि किसी मुख्यमंत्री को हटाया नहीं जाएगा फिर क्यों पार्टी के अंदर घमासान छिड़ा? भाजपा के एक जानकार नेता ने कहा कि इसके दो कारण हो सकते हैं। पहला तो यह कि पार्टी आलाकमान का इकबाल कम हुआ है, जिससे प्रदेशों के नेता स्वतंत्र हुए हैं या दूसरा यह कि पार्टी आलाकमान ने ही प्रदेशों में मजबूत हो रहे क्षत्रपों को उनकी जगह दिखाने और उनको अस्थिर करने का काम योजनाबद्ध तरीके से कराया। यह भी पढ़ें: फड़नवीस की पसंद को तरजीह बहरहाल, सबसे ज्यादा अस्थिर कुर्सी कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की दिख रही थी। लेकिन वहां भी पार्टी आलाकमान ने साफ कर दिया कि उनको नहीं हटाया जाएगा। उलटे पार्टी के महासचिव और प्रभारी अरुण सिंह ने यह भी कहा कि येदियुरप्पा के खिलाफ बयान देने वाले नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। असल में अरुण सिंह की बेंगलुरू यात्रा के दौरान येदियुरप्पा ने अपनी ताकत दिखाई। पार्टी के करीब 65… Continue reading भाजपा के सीएम नहीं बदलेंगे
पिछले सात साल में पहली बार हो रहा है भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्री दबाव में हैं। भाजपा शासित राज्यों में पार्टी के अंदर राजनीति हो रही है। जहां भाजपा का शासन नहीं है, जैसे राजस्थान या महाराष्ट्र वहां भी पार्टी के अंदर राजनीति तेज हो गई है। इसका भी एक कारण वहीं है, जो ऊपर बताया गया है। सात साल में पहली बार ऐसा हुआ है या कम से कम दिख रहा है कि भाजपा के आला नेता दबाव में हैं। नरेंद्र मोदी और अमित शाह बैकफुट पर हैं। कोरोना प्रबंधन, आर्थिक, बंगाल की हार आदि ऐसे मसले हैं, जिन पर पार्टी के अंदर चर्चा शुरू हो गई है। इससे केंद्रीय कमान कमजोर हुई है और आलाकमान के इकबाल पर भी सवाल उठा है। तभी प्रदेश में नेता अंदरखाने की तिकड़मी राजनीति में जुट गए हैं। भाजपा के मुख्यमंत्रियों या प्रदेश नेताओं पर दूसरा कारण यह है कि चुनावी तैयारियां चल रही हैं और मौजूदा हालात को देखते हुए पार्टी परेशान है। यह भी पढ़ें: राजनीति में उफान, लाचार मोदी! इस लिहाज से उत्तर प्रदेश सबसे अहम राज्य है। वहां अगले साल फरवरी-मार्च में चुनाव होने वाले हैं। उससे पहले हुए पंचायत चुनावों और विधान परिषद के चुनावों में… Continue reading भाजपा के मुख्यमंत्रियों पर दबाव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्या अपनी और दूसरी पार्टी के मुख्यमंत्रियों से मुलाकात के दौरान होने वाले सिटिंग अरेंजमेंट यानी बैठने की व्यवस्था के जरिए कोई मैसेज दे रहे हैं? मध्य प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने इसे मुद्दा बनाया है। असल में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने दिल्ली आए थे। प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान उनके बैठने की व्यवस्था सामान्य से अलग थी। अगल-बगल की दो कुर्सियों पर बैठने की बजाय प्रधानमंत्री अपने लिए निर्धारित कुर्सी पर बैठे और मुख्यमंत्री बीच की कुर्सी छोड़ कर उसके आगे वाली कुर्सी पर बैठे। इस तस्वीर को साझा करके कांग्रेस के नेता कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री ने दूर बैठा कर मुख्यमंत्री से अपनी नाराजगी जाहिर की है। कहा जा सकता है कि इन दिनों कोरोना का जोर है और इसलिए सामाजिक दूरी का ख्याल रखते हए इस तरह बैठने की व्यवस्था की गई है। लेकिन यह तर्क नहीं चल पा रहा है क्योंकि इस मुलाकात से दो-चार दिन पहले ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रधानमंत्री से मिलने पहुंचे थे तो वे प्रधानमंत्री की बगल वाली कुर्सी पर बैठे थे। उसी कुर्सी पर जो शिवराज की मुलाकात के दौरान खाली रखी गई थी। तो… Continue reading नेताओं को मोदी का क्या मैसेज?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केंद्र में सात साल तक एकछत्र राज करने के बाद अब लग रहा है कि संघ और भाजपा की रणनीति बदल रही है। अब पार्टी राज्यों में अपने क्षत्रपों को मजबूत करने की योजना पर काम कर रही है। तभी उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के चेहरे पर चुनाव लड़ने की बात निकली है। इससे पहले भी भाजपा अपने मुख्यमंत्रियों के चेहरे पर लड़ती रही है और उसमें अपेक्षाकृत अच्छी सफलता मिली है। जैसे महाराष्ट्र में पार्टी दूसरा चुनाव देवेंद्र फड़नवीस के चेहरे पर लड़ी थी, झारखंड में रघुवर दास और हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर के चेहरे पर लड़ी। गुजरात में भी पार्टी ने विजय रूपानी को मुख्यमंत्री का दावेदार बता कर चुनाव लड़ा था। इनमें हरियाणा और गुजरात में पार्टी जीती। महाराष्ट्र में सरकार नहीं बनने का कारण दूसरा रहा पर पार्टी का प्रदर्शन अच्छा रहा और झारखंड में भी पार्टी ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया। यह भी पढ़ें: मोदी का चेहरा बचाना या कुछ और बात? तभी कहा जा रहा है कि जिन प्रदेशों में भाजपा के पास मजबूत नेता हैं उनको आगे बढ़ाया जाएगा। पार्टी नेतृत्व और संघ की ताकत उनके पीछे लगेगी। पार्टी को लग रहा है कि उनके जरिए ही… Continue reading क्षत्रपों को मजबूत करेगी भाजपा
पश्चिम बंगाल के चुनाव नतीजों से भाजपा के कई नेताओं को बड़ी राहत मिली है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सबसे ज्यादा राहत महसूस कर रहे हैं। अगर भाजपा पश्चिम बंगाल में जीती होती तो उनके सामने दोहरी मुश्किल खड़ी होती। पहले मुश्किल तो यह थी कि मध्य प्रदेश की दमोह सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा हार गई थी। दूसरे अगर पश्चिम बंगाल में भाजपा जीत जाती तो प्रदेश के दो बड़े नेताओं का कद और बढ़ता। राज्य के दिग्गज नेता कैलाश विजयवर्गीय बंगाल में भाजपा के प्रभारी थे। वहां भाजपा की जीत का बड़ा श्रेय उनको मिलना तय था। लेकिन ऐसा नहीं हो सका। अगर भाजपा बंगाल में जीतती तो विजयवर्गीय राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के लिए बड़ी चुनौती बन सकते थे। इसी तरह पिछले कई बरसों से मुख्यमंत्री पद के दावेदार बताए जा रहे नरोत्तम मिश्रा भी बंगाल में भाजपा को चुनाव लड़वा रहे थे। अगर भाजपा वहां अच्छा प्रदर्शन करती तो उनको भी इसका फायदा मिलता। इसी तरह झारखंड भाजपा के नेताओं की भी नजर भी पश्चिम बंगाल पर थी क्योंकि नरोत्तम मिश्रा की तरह की केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा को पार्टी ने कई सीटों की जिम्मेदारी दी थी। खासकर दक्षिण बंगाल… Continue reading भाजपा के कई नेताओं को राहत