सहयोगियों को एजेंडे से दिक्कत नहीं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से अपने 11वें संबोधन में वैसे तो 98 मिनट का भाषण दिया लेकिन बुनियादी रूप से दो उन्होंने दो नीतिगत मुद्दे उठाए। बाकी राजनीतिक भाषण था। नीतिगत मसलों में पहला समान नागरिक संहिता का था और दूसरा एक देश, एक चुनाव का था। इन दोनों नीतिगत मसलों पर भाजपा की सहयोगी पार्टियों को कोई समस्या नहीं है। पूरे देश में एक साथ चुनाव कराने की बात प्रधानमंत्री मोदी 2014 से कर रहे हैं लेकिन पिछले 10 साल में चुनाव आयोग ने सारे चुनाव एक साथ कराने की कोई पहल नहीं की है। सरकार ने...