Achievements

  • मोदी की नौ उपलब्धियां!

    उफ, वक्त ! पल-पल स्यापा, फिर भी गुजर गए नौ वर्ष। पता नहीं नौ वर्षों में 140 करोड़ लोगों में कितनों के दिन अच्छे थे कितनों की रात लंबी। मुझे तो फुर्सत ही नहीं हुई! मुश्किलों-बाधाओं-वेयक्तिक नुकसानों के बावजूद ये नौ वर्ष जीवन आंनद के इसलिए हुए क्योंकि इस अवधि में आत्म साक्षात्कार हुआ!अनुभुति हुई कि मैं क्या हूं! मैं बतौर पत्रकार, बतौर सनातनी हिंदू क्या हूं? मेरी जैविक-मानसिक रचना के डीएनए की क्या फितरत है? आखिर इंसान कोई हो, उसकी वृति-प्रवृति, प्रोफेशन-कर्म और जिंदगी की सिद्धी तो उस स्वांत सुखाय से ही है जिससे फील हो कि कुछ भी...