Aditya-L1

  • अंतिम कक्षा में आदित्य एल-1

    नई दिल्ली। भारत ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक और इतिहास रच दिया। चंद्रयान तीन के चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर उतरने के बाद अब भारत ने सूर्य अभियान को सफलतापूर्वक पूरा किया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो की ओर से सूर्य के अध्ययन के लिए भेजा गया मिशन आदित्य एल-1 सफलतापूर्वक अंतिम कक्षा में पहुंच गया है। यह मिशन अगले पांच साल तक सूर्य का अध्ययन करेगा और उसकी तस्वीरें व डाटा भेजेगा। इसरो के सूर्य मिशन की महत्वाकांक्षी यात्रा पिछले साल दो सितंबर को शुरू हुई थी और 126 दिन की यात्रा के बाद यह अपनी...

  • आदित्य एल 1 की उपलब्धि पर पीएम नरेंद्र मोदी ने जताई खुशी

    Narendra Modi :- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के पहले सूर्य मिशन आदित्य एल-1 को मिली ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए देश के वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए कहा है कि भारत मानवता के लाभ के लिए विज्ञान की नई सीमाओं को आगे बढ़ाना जारी रखेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने आदित्य एल-1 की उपलब्धि पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए एक्स पर पोस्ट कर कहा भारत ने एक और उपलब्ध हासिल की। भारत का पहला सौर वेधशाला आदित्य एल-1 अपने गंतव्य तक पहुंच गया है। यह सबसे जटिल और पेचीदा अंतरिक्ष अभियानों को साकार करने में हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण...

  • आदित्य-एल1 सूर्य का निरीक्षण करने के लिए मार्ग पर रवाना

    Aditya-L1 :- भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने मंगलवार तड़के आदित्य-एल1 सौर वेधशाला को ट्रांस-लैग्रेंजियन प्वाॅइंट 1 पर सफलतापूर्वक स्थापित करके सूर्य की ओर रवाना किया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अनुसार, देश की अंतरिक्ष-आधारित सौर वेधशाला आदित्य-एल1 को मंगलवार सुबह 2 बजे ट्रांस-लैग्रैन्जियन प्वाॅइंट 1 पर स्थापित किया गया। इसरो ने कहा अंतरिक्ष यान अब एक प्रक्षेप पथ पर है, जो इसे सूर्य-पृथ्वी एल1 बिंदु पर ले जाएगा। इसे लगभग 110 दिनों के बाद एक प्रक्रिया के माध्यम से एल1 के आसपास की कक्षा में स्थापित किया जाएगा। यह लगातार पांचवीं बार है, जब इसरो ने किसी वस्तु को अंतरिक्ष...

  • आदित्य-एल1 ने भरी सूर्य की ओर उड़ान

    Aditya-L1 :- सूर्य का अध्ययन करने के लिए आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान शनिवार सुबह भारत के ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण राकेट-सी57 (पीएसएलवी-सी57) के साथ रवाना हुआ। पीएसएलवी-एक्सएल संस्करण के रॉकेट ने 1,480.7 किलोग्राम वजनी आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान के साथ उड़ान भरी,  जो सौर गतिविधियों का अध्ययन करेगा। 321 टन वजनी 44.4 मीटर लंबा पीएसएलवी-सी57 रॉकेट सुबह 11.50 बजे सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) से आदित्य-एल1 के साथ रवाना हुआ। अपनी पूंछ पर एक मोटी नारंगी लौ के साथ धीरे-धीरे आसमान की ओर बढ़ते हुए, रॉकेट ने गड़गड़ाहट के साथ गति प्राप्त की और एक मोटा गुबार छोड़ते हुए ऊपर और ऊपर चला...

  • दो सितंबर को लॉन्च होगा सोलर मिशन

    बेंगलुरू। चंद्रयान-तीन के चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वर लैंड करने के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, इसरो अपने पहले सोलर मिशन के लिए तैयार है। सूर्य के अध्ययन के लिए भारत की पहली अंतरिक्ष आधारित प्रयोगशाला 'आदित्य-एल 1' को दो सितंबर को सुबह 11 बज कर 50 मिनट पर श्रीहरिकोटा रेंज से प्रक्षेपित किया जाएगा। सोमवार को इसरो ने इसका ऐलान किया।  इस अंतरिक्ष यान को सौर कोरोना यानी सूर्य की सबसे बाहरी परतों के सबसे दूर के हिस्से के अवलोकन और सौर वायु की स्थिति का पता लगाने के लिए तैयार किया गया है। एल 1 पृथ्वी से करीब...

  • 2 सितंबर को लाॅन्‍च होगा भारत का सौर मिशन आदित्य-एल1

    बेंगलुरू। चंद्रयान-तीन के चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वर लैंड करने के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, इसरो अपने पहले सोलर मिशन के लिए तैयार है। सूर्य के अध्ययन के लिए भारत की पहली अंतरिक्ष आधारित प्रयोगशाला 'आदित्य-एल 1' को दो सितंबर को सुबह 11 बज कर 50 मिनट पर श्रीहरिकोटा रेंज से प्रक्षेपित किया जाएगा। सोमवार को इसरो ने इसका ऐलान किया।  इस अंतरिक्ष यान को सौर कोरोना यानी सूर्य की सबसे बाहरी परतों के सबसे दूर के हिस्से के अवलोकन और सौर वायु की स्थिति का पता लगाने के लिए तैयार किया गया है। एल 1 पृथ्वी से करीब...

  • भारत जल्द ही अंतरिक्ष में इबारत लिखने के लिए तैयार: इसरो प्रमुख

    बेंगलुरू। चंद्रयान-तीन के चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वर लैंड करने के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, इसरो अपने पहले सोलर मिशन के लिए तैयार है। सूर्य के अध्ययन के लिए भारत की पहली अंतरिक्ष आधारित प्रयोगशाला 'आदित्य-एल 1' को दो सितंबर को सुबह 11 बज कर 50 मिनट पर श्रीहरिकोटा रेंज से प्रक्षेपित किया जाएगा। सोमवार को इसरो ने इसका ऐलान किया।  इस अंतरिक्ष यान को सौर कोरोना यानी सूर्य की सबसे बाहरी परतों के सबसे दूर के हिस्से के अवलोकन और सौर वायु की स्थिति का पता लगाने के लिए तैयार किया गया है। एल 1 पृथ्वी से करीब...

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